सिलीगुड़ी का सबसे पुराना और चर्चित कंचनजंघा स्टेडियम यूं तो शुरू से ही असामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है, परंतु हाल के दिनों में शाम ढलते ही यहां असामाजिक तत्वों की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने लगती है. कंचनजंघा स्टेडियम में अच्छे बुरे सभी तत्व पहुंचते हैं. असामाजिक तत्वों के कारण अच्छे लोगों को वहां उठना बैठना सहज नहीं होता.
अगर कंचनजंघा स्टेडियम में चल रही असामाजिक गतिविधियों की बात करें तो इससे पहले भी कई बार इसे लेकर प्रशासन को सावधान किया जाता रहा. हर बार प्रशासन की ओर से आश्वासन मिलता रहा है. जबकि सच्चाई यह है कि असामाजिक तत्वों का मनोबल दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि समय रहते प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो भविष्य में कोई बड़ा हादसा हो सकता है!
सिलीगुड़ी के कंचनजंघा स्टेडियम की हालत किसी से छिपी नहीं है. ना तो यहां चारदिवारी ढंग की है और ना ही गेट चुस्त-दुरुस्त हैं. कई जगह बाउंड्री वाल टूटी हुई है. पिछले कई सालों से कंचनजंघा स्टेडियम की मरम्मत भी नहीं की गई है. इसके अलावा सीसीटीवी कैमरा भी नहीं है, ताकि असामाजिक गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.
इस स्टेडियम में बैठकर कई लड़के लड़कियां शराब भी पीते हैं. कभी-कभी यहां काफी हुड़दंग मच जाती है. ऐसे में कोई भी अप्रिय घटना कभी भी घट सकती है. सूत्रों ने बताया कि जैसे ही शाम ढलती है. असामाजिक तत्व स्टेडियम में घुसकर मटरगश्ती में जुट जाते हैं. पीने पिलाने के क्रम में उनके बीच गाली गलौज और झगड़ा तक होने लगता है. परंतु उनकी गतिविधियों को देखने वाला कोई नहीं है.
कंचनजंगा स्टेडियम मे चल रही गतिविधियों से प्रशासन अनजान हो,ऐसा भी नहीं है. परंतु जब तक स्टेडियम के टूट फुट की मरम्मत नहीं हो जाती, उसके रखरखाव की सही व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक प्रशासन भी कुछ नहीं कर सकता. हालांकि सिलीगुड़ी नगर निगम ने स्टेडियम के कायाकल्प का संकल्प व्यक्त किया था परंतु आज तक इस पर कोई काम नहीं हुआ.
आज एक बार फिर से सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव का कंचनजंघा स्टेडियम में चल रही असामाजिक गतिविधियों की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया तो उन्होंने दोहराया कि कंचनजंघा स्टेडियम का जल्द ही कायाकल्प होगा. उन्होंने कहा कि यहां सीसीटीवी कैमरे लगाने की व्यवस्था के साथ ही गेट और बाउंड्री वाल का जीर्णोद्धार होगा. इस बात की कोशिश होगी कि कोई अवांछित तत्व स्टेडियम में घुस ना सके.