कल शाम को सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. यह तो गनीमत रही कि जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ. कुछ लोगों को पता भी नहीं चला. लेकिन अगर इसकी तीव्रता कुछ ज्यादा रहती तो काफी नुकसान हो सकता था. सिलीगुड़ी में कल शाम 6:15 पर भूकंप का झटका महसूस किया गया था. भूकंप की तीव्रता 5.3 मापी गई थी. इसका केंद्र मेघालय से 3 किलोमीटर दूर रिशु बेलपरा में था.
आज उससे भी ज्यादा तेज झटके दिल्ली, एनसीआर और उत्तर भारत और नेपाल में महसूस किए गए हैं. झटके इतने तेज थे कि लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल कर सड़कों और खुले मैदान में आ गए. आज एक नहीं, दो नहीं, बल्कि चार बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. भूकंप का केंद्र नेपाल में था.
पिछले दो दिनों में उत्तर और पूर्वोत्तर भारत भूकंप से कांपा है.हिमालय से निकट वाले क्षेत्रों में लोगों ने भूकंप के झटको को महसूस किया है. सिक्किम में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. असम,मेघालय इत्यादि प्रदेशों में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए. भूकंप का केंद्र अलग-अलग स्थानो पर बताया जा रहा है. परंतु आज उत्तर भारत में एक पर एक कई झटके लोगों ने महसूस किए, इसका केंद्र नेपाल में था.
जिस भूकंप के झटके सबसे ज्यादा महसूस किए गए, वह आधे घंटे में दूसरी बार आया था. भूकंप की तीव्रता अत्यधिक बताई जा रही है. दिल्ली, उत्तराखंड के अलावा नेपाल में भी तेज झटके महसूस किए गए हैं. नेपाल में तो भूकंप इतना तेज था कि वहां घर की दीवारें गिरने तक की खबरें आ रही हैं. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप का पहला झटका आज सुबह 11:06 पर आया था जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 2.7 मापी गई. इस भूकंप का केंद्र हरियाणा का सोनीपत था.
इसके बाद दूसरा भूकंप दोपहर 1:18 पर आया. इसकी तीव्रता 3.0 मापी गई. इस भूकंप का केंद्र पूर्वोत्तर भारत के असम का कार्बी आंगलोंग था. तीसरा भूकंप 2:25 पर आया और इसके कुछ देर बाद चौथा भूकंप 2:51 पर आया. तीसरे भूकंप की तीव्रता 4.6 थी जबकि चौथा भूकंप सबसे जोरदार था. इस भूकंप की तीव्रता 6.2 रही. दोनों ही भूकंप का केंद्र नेपाल में था.
नेपाल के बझांग जिले में भूकंप का दो केंद्र बताया जा रहा है. पहला झटका दोपहर 2:45 पर आया. इसकी तीव्रता 5.3 थी. जबकि दूसरे झटके का केंद्र चैनपुर में था. 3:03 मिनट पर महसूस किया गया. इसकी तीव्रता 6.02 बताई जा रही है. तिब्बत से सटे बझांग जिले का भूकंप उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक महसूस किया गया. यह काठमांडू से 458 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इसका असर नेपाल के पश्चिमी जिले कैलाली, कंचनपुर,लुंबिनी तक देखा गया है. यहां कई घरों को काफी नुकसान पहुंचा है. नेपाल से सटे खटीमा में जोरदार भूकंप था.
भूकंप क्यों होते हैं
जैसा कि आप जानते हैं कि हमारी पृथ्वी अलग-अलग प्लेटों से मिलकर बनी है. पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट हैं. यह सभी प्लेट खिसकती रहती हैं और पास की प्लेटों से इनका घर्षण होता है. कभी-कभी यह घर्षण इतना बढ़ जाता है कि एक प्लेट दूसरी के ऊपर चढ़ जाती है. इससे सतह पर हलचल महसूस होती है. यही भूकंप कहलाता है. 5 से कम तीव्रता वाले भूकंप कम नुकसानदेह होते हैं जबकि 5 से अधिक तीव्रता वाले भूकंप में हानि पहुंच सकती है.