अभी बंगाल भाजपा अध्यक्ष के लिए कोई चेहरा तय तक नहीं कर पाई है. वर्तमान में लॉकेट चटर्जी और अग्निमित्र पॉल के नाम की चर्चा चल रही है, जो दोनों ही शुभेंदु अधिकारी की काफी करीबी है. इसके अलावा कुछ और नाम पर भी मंथन चल रहा है. पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद पर आसीन होने वाले संभावित भाजपा नेताओं की चर्चा में लॉकेट चटर्जी और अग्निमित्र पॉल का नाम सबसे आगे है. लॉकेट चटर्जी पूर्व भाजपा सांसद हैं जबकि अग्निमित्र पाॅल विधायक हैं. बहुत जल्द वास्तविक तस्वीर सामने आ जाएगी.
इससे पहले भाजपा के द्वारा राज्य के 25 भाजपा सांगठनिक जिला कमेटी के अध्यक्षों की सूची जारी कर दी गई थी. इनमें उत्तर बंगाल के छह भाजपा संगठन जिला कमेटी के अध्यक्ष भी शामिल है. जिन 6 जिला अध्यक्षों की घोषणा हुई थी, उनमें सिलीगुड़ी संगठन के जिला कमेटी के अध्यक्ष अरुण मंडल व दक्षिण दिनाजपुर जिला के अध्यक्ष स्वरूप चौधरी पुराने चेहरे है. भाजपा ने जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, मालदा दक्षिण तथा मालदा उत्तर जिला कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए नए चेहरों को मौका दिया है. यह सभी जानते हैं कि सांगठनिक जिला अध्यक्ष का चुनाव भी आसान नहीं था. अभी भी दार्जिलिंग पहाड़, उत्तर दिनाजपुर और अलीपुरद्वार संगठन जिला के अध्यक्षों के नाम की घोषणा नहीं हो सकी है.
भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष कौन होता है, यह इसी हफ्ते पता चल जाने की पूरी संभावना है. क्योंकि इसी हफ्ते इस संबंध में केंद्रीय नेतृत्व के साथ प्रदेश भाजपा नेताओं की बैठक होने वाली है. दूसरी तरफ टीएमसी कुछ तेजी से भाजपा के गढ़ की ओर बढ़ रही है. धीरे-धीरे भाजपा को उसके ही गढ़ में मात देने की चाल चलनी शुरू कर दी है. इस समय उत्तर बंगाल में भाजपा नेताओं की बेचैनी इस खबर से बढ़ गई है कि टीएमसी के नेता और मंत्री रविंद्र नाथ घोष ने दावा किया है कि भाजपा के 12 विधायक शीघ्र ही टीएमसी में शामिल होने वाले हैं. हालांकि भाजपा ने टीएमसी के दावे का मजाक उड़ाया है.
आमतौर पर हिंदी वासी भाजपा के परंपरागत वोटर माने जाते हैं. टीएमसी ने हिंदी अकादमी के जरिए हिंदी वासी मतदाताओं को लुभाना शुरू कर दिया है. प्रदेश स्तर पर हिंदी अकादमी के जरिए विभिन्न कार्यक्रमों का हिंदी में आयोजन किया जा रहा है. टीएमसी के छोटे से लेकर बड़े नेता आजकल हिंदी में भाषण देने लगे हैं. जिन नेताओं को हिंदी नहीं आती है, उन्होंने हिंदी सीखना शुरू कर दिया है.टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी का फरमान है कि इस बार हिंदी वोटर उनसे दूर ना चला जाए.
भाजपा में असमंजस की स्थिति का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत भाजपा को 31 जनवरी तक मंडल अध्यक्ष, 7 फरवरी तक जिला अध्यक्ष और 15 फरवरी तक प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर दी जानी थी, जो अब तक लंबित है. मंडल और जिला अध्यक्षों में कुछ नाम पर अभी भी विचार चल रहा है. जबकि नए अध्यक्ष के लिए अभी तक किसी नाम पर पूर्ण सहमति नहीं बन सकी है. लेकिन इतना तय है कि इसी हफ्ते भाजपा को नया अध्यक्ष मिलने जा रहा है. जानकार मानते हैं कि भाजपा का नया अध्यक्ष इस बार कोई महिला हो सकती है. कदाचित वह नाम लॉकेट चटर्जी या फिर अग्निमित्र पॉल का हो सकता है.