जब जब सिलीगुड़ी में एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में इजाफा होता है,तब तब महंगाई का रोना शुरू हो जाता है. विपक्षी पार्टियां महंगाई को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन करती हैं और सरकार का विरोध किया जाता है. पिछले दिनों तेल कंपनियों ने एलपीजी गैस के दाम बढ़ाए तो सिलीगुड़ी में वाम मोर्चा और कांग्रेस समेत विभिन्न संगठनों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. आज भी जारी है.
देश में महंगाई बढ़ी है. इसमें कोई शक नहीं. परंतु लोगों की आमदनी भी बढ़ी है. हो सकता है कि यह बात आपके गले के नीचे ना उतरी हो.परंतु राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय का परीक्षण और अध्ययन इसी दिशा में इशारा कर रहा है. देश में हर साल प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है. यह दावा ना तो सरकार का है और ना ही किसी अन्य एजेंसी का. बल्कि यह अध्ययन राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय का है, जिसके अनुसार प्रति व्यक्ति वार्षिक आय वित्त वर्ष 2022 23 में ₹1,72000 रहने का अनुमान है. यह वर्ष 2014-15 के ₹86647 से लगभग 99% अधिक है.
जानी-मानी अर्थशास्त्री जयंती घोष ने मौजूदा मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय दोगुना होने के बारे में कहा है. उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी को मौजूदा मूल्यों पर देखा जा रहा है.लेकिन यदि इस दौरान की मुद्रास्फीति पर भी गौर करेंगे तो पाएंगे कि यह वृद्धि बहुत कम है.
हमारे देश में आय का वितरण असमान है. ज्यादातर वृद्धि आबादी के सिर्फ 10% लोगों के खाते में गई है. इसके विपरीत औसत वेतन घट रहा है तथा वास्तविक संदर्भ में तो संभवत यह और भी कम हो गया है. कोरोना के दौरान प्रति व्यक्ति वास्तविक और मौजूदा दोनों ही मूल्यों के लिहाज से आय गिरी थी. हालांकि वर्ष 2021 22 और 2022 23 के दौरान इसमें वृद्धि देखी गई.
एनआइपीएफपी के पूर्व निदेशक पिनाकी चक्रवर्ती का कहना है कि वर्ष 2014 से 2019 के दौरान वास्तविक मुद्दों पर भारत की प्रति व्यक्ति आय 5.6% प्रतिवर्ष बढी है. इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट में निदेशक नागेश कुमार के अनुसार वास्तविक मूल्यों पर देश की प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है तथा यह वृद्धि समृद्धि के रूप में नजर भी आती है.
इस तरह से विभिन्न अर्थशास्त्रियों के विचारों से ऐसा लगता है कि भारत में महंगाई बढी है, तो वेतन भी बढा है. इसलिए लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता. परंतु जिन लोगों के पास ना तो नौकरियां हैं, उनकी आय कैसे बढ़ेगी. इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है. इसके साथ यह भी सवाल है कि आपकी आय कितनी बढ़ी है तथा आप इन अर्थशास्त्रियों के विचारों से कितने सहमत हैं. खबर समय आपके विचारों और टिप्पणियों को जानना चाहेगा. कमेंट करना ना भूलिएगा.