एक बार फिर से यह सवाल उठने लगा है कि क्या उत्तर बंगाल केंद्र शासित प्रदेश बनेगा. जब जब यह चर्चा होती है, तृणमूल कांग्रेस बंगाल विभाजन को लेकर हमलावर हो उठती है.यह मुद्दा कोई आज का नहीं है और ना ही कोई नया मुद्दा है. भाजपा से ही इसकी शुरुआत हुई थी. तब तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर करारा हमला किया था. इस मुद्दे को ग्रेटर कूचबिहार पीपुल्स एसोसिएशन के सुप्रीमो अनंत महाराज ने उत्तर बंगाल को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग के साथ ही गरमा दिया था.
अब एक बार फिर से यह मुद्दा राजनीतिक गलियारों में सनसनी के साथ सबको तपा रहा है. पहले अनंत महाराज उत्तर बंगाल को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग करते रहे हैं. अब उन्होंने यहां तक कह दिया है कि उत्तर बंगाल केंद्र शासित प्रदेश बनने जा रहा है. उनका दावा है कि सारी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. केवल आधिकारिक घोषणा का इंतजार है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि उत्तर बंगाल को केंद्र शासित प्रदेश बनने से कोई नहीं रोक सकता!
अनंत महाराज ने यह बात तब कही थी, जब वे नेपाल के झापा जिले में राजवंशी समाज विकास समिति द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए नेपाल जा रहे थे. पानी टंकी में उन्होंने पत्रकारों के साथ एक बातचीत में यह विस्फोटक बयान देकर सबको सकते में डाल दिया था.
अनंत महाराज एक ऐसे नेता हैं, जिनका उत्तर बंगाल के कई जिलों पर बड़ा प्रभाव है. इसी को देखते हुए लगभग सभी राजनीतिक दलों के लोग अनंत महाराज के खिलाफ बयान देने से बचते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि अन॔त महाराज की नाराजगी उनके वोट बैंक को नुकसान पहुंचा सकती है. तृणमूल कांग्रेस भी सतर्क होकर बयान देती है. अनंत महाराज इसी तृणमूल कांग्रेस के साथ सिलीगुड़ी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मंच शेयर कर चुके हैं. स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अनंत महाराज को राजनीतिक कारणों से ऊंचा स्थान देती आ रही हैं.
अनंत महाराज का कहना है कि उत्तर बंगाल विकास से उपेक्षित रहा है.यहां गरीबी और बेरोजगारी है. जिस तरह से उत्तर बंगाल का विकास होना चाहिए, तृणमूल कांग्रेस और पूर्ववर्ती सरकार ने नहीं किया. लेकिन अब केंद्रशासित प्रदेश बनने से यहां विकास भी होगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा. बहुत जल्द उत्तर बंगाल केंद्र शासित प्रदेश बनने जा रहा है.
अनंत महाराज के इस बयान के बाद अन्य दलों की क्या प्रतिक्रिया सामने आती है, यह देखना होगा. परंतु अपने विस्फोटक बयानों के लिए जाने जाने वाले अनंत महाराज का प्रभाव राजवंशी समुदाय के साथ ही उत्तर बंगाल के एक बड़े हिस्से पर है. इसमें कोई शक नहीं कि वह एक प्रभावशाली नेता है.उनका यह प्रभाव नेपाल जाते समय उनके साथ 300 वाहनों के कनवाय के साथ भी देखा गया.