ड्रग्स के विरुद्ध रोकथाम के अभियान में जुटी सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस को एक पर एक सफलताएं मिल रही हैं. लेकिन दूसरी तरफ सिलीगुड़ी शहर की जो तस्वीर उभर कर सामने आ रही है, वह काफी चिंताजनक भी है. क्योंकि वर्तमान में ड्रग्स पेडलिंग के काम में स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों से लेकर गृहिणियां तक जुट गई हैं. ताजा मामला झंकार मोड़ स्थित टयूमल पाड़ा से जुड़ा हुआ है, जहां दो गृहिणियों के द्वारा ड्रग्स की पैडलिंग की जा रही थी. समय रहते पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें धर दबोचा और आज अदालत में पेश करके उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
कुछ समय पहले सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस और एसओजी की टीम के द्वारा कुछ नौजवान लड़कों को भी drugs peddling के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. ये बच्चे स्कूल कॉलेज के विद्यार्थी थे और ड्रग्स पैडलर के लिए कमीशन के तौर पर काम कर रहे थे. हालांकि बच्चों के भविष्य को देखते हुए इस मामले को ज्यादा उछाला नहीं गया था. इसमें कोई शक नहीं है कि सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस अपना काम बखूबी कर रही है. तभी तो आए दिन मादक पदार्थों के तस्कर और पैडलर पकड़े जा रहे हैं. पर जब सिलीगुड़ी की गृहिणियों और नौजवान बच्चों के द्वारा इस तरह का धंधा प्रकाश में आए तो स्थिति काफी चिंताजनक बन जाती है.
सिलीगड़ी पुलिस के डीसीपी बी सी ठाकुर भी मौजूदा घटनाक्रम को लेकर चिंतित हैं. लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि 5 साल पहले ड्रग्स की रोकथाम को लेकर जिस तरह का अभियान ‘से नो टू ड्रग्स’ शुरू किया गया था, उसमें पुलिस को सफलता मिलेगी. वे बताते हैं कि स्थिति की निगरानी की जा रही है. ताकि सिलीगुड़ी की युवा पीढ़ी नशे के जाल में न फंसे, इसके लिए सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस एसओजी, खुफिया विभाग के साथ सभी तरह के कदम उठा रही है. आने वाले दिनों में इसका प्रभाव देखने को मिलेगा.
एक तरफ तो सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के सभी थाने सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में ड्रग्स के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, परंतु उनकी कार्य शैली में बहुत ज्यादा परिवर्तन नहीं हुआ है. जबकि वक्त के साथ ड्रग्स पैडलर नई-नई तरकीबों को अंजाम दे रहे हैं.वे पहले सीधे इंवॉल्व होते थे. वर्तमान में उन्होंने सिलीगुड़ी की महिलाओं और बच्चों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है और उन्हें प्रलोभन देकर ड्रग्स आपूर्ति करवा रहे हैं. ऐसे में पुलिस भी कई बार धोखा खा जाती है. इसलिए सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस को भी अपनी रणनीति बदलने की आवश्यकता है. इसके साथ ही उन्हें खुफिया तंत्र को और ज्यादा चुस्त और लचीला बनाने की जरूरत है.
सिलीगुडी पुलिस अपनी जिम्मेदारी और कानून का पालन करने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाती है. अगर पुलिस ड्रग्स पेडलिंग की जड़ को खोदना चाहती है, तो कानून के साथ-साथ सहयोगी बिंदुओं को भी ख॔गालने की जरूरत है. जैसी ड्रग्स पैडलिंग में गिरफ्तार लोग ड्रग्स पैडलर तक कैसे पहुंचे, उनकी चेन श्रृंखला का अंतिम व्यक्ति कौन है?इत्यादि. वर्तमान में सिलीगुड़ी में ड्रग्स का धंधा जोर-शोर से चल रहा है. 5 साल पहले जब सिलीगुड़ी पुलिस के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा ने से नो टू ड्रग्स अभियान को शुरू किया था, तब उन्होंने उस समय के हालात के अनुसार रणनीति बनाई थी और जिसका लाभ भी मिला था.
सिलीगुड़ी पुलिस के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा ने सिलीगुड़ी के उन इलाकों को चिन्हित किया था, जहां drugs का कारोबार ज्यादा होता है. इन इलाकों में झंकार मोड, माटीगाड़ा इलाके में स्थित पाकिस्तान बस्ती, विश्वास कॉलोनी, एनजेपी, ट्रक टर्मिनस इलाका इत्यादि. इसके बाद उन्होंने खुफिया तंत्र को भी मजबूत किया था. ड्रग्स पेडलर और तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए उन्होंने SOG में नयी जान फूकी थी. इसका परिणाम यह हुआ कि धीरे-धीरे सिलीगुड़ी शहर में ड्रग्स कारोबार की गति में कमी आती गई.
यह सच है कि आज सिलीगुड़ी शहर में लगभग सभी वार्डो और इलाकों में ड्रग्स बेचे जा रहे हैं. इन इलाकों में नया बस्ती, चंपा साड़ी, समर नगर ,खालपारा, प्रधान नगर, कुलीपाड़ा, गुरुंग बस्ती, माटीगाड़ा, खपरैल बाजार, दार्जिलिंग मोड, डागापुर,सुकना, प्रकाश नगर,भानु नगर, सालूगाड़ा, लिंबू बस्ती, ईस्टर्न बायपास, फुलबारी, बागडोगरा, नक्सलबाड़ी ,खोड़ीबाड़ी इत्यादि इलाके तो नशे के कारोबार के गढ बन गए हैं. ऐसे में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस को अपने अभियान में अत्याधुनिक तकनीकी के साथ-साथ नई रणनीति और संसाधन बढ़ाने की भी जरूरत है. तभी सिलीगुड़ी में से नो टू drugs अभियान को सफलता मिल सकती है.