पहाड़ में राजनीतिक हलकों में ऐसी चर्चा शुरू हो गई है कि हाम्रो पार्टी के संस्थापक अजय एडवर्ड कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के शीर्ष नेतृत्व अजय एडवर्ड को कांग्रेस में शामिल करने के लिए तैयार हैं. सही वक्त का इंतजार किया जा रहा है.किसी भी समय अजय एडवर्ड के कांग्रेस में शामिल होने की खबर आ सकती है.
सूत्र बता रहे हैं कि दिल्ली में अजय एडवर्ड और पहाड़ के कुछ नेताओं को कांग्रेस में शामिल करने की रणनीति बनाई जा चुकी है. पिछले दिनों विनय तमांग के साथ अजय एडवर्ड, गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा के नेता, सीपीएम के स्थानीय नेता और अन्य लोग राहुल गांधी से मिलने के लिए दिल्ली गए थे. इन सभी नेताओं की पैरवी खुद विनय तमांग ने राहुल गांधी से की थी और राहुल गांधी के बुलावे पर ही यह सभी नेता दिल्ली गए थे. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी बातचीत हो चुकी है.
पहाड़ के दूसरे नेताओं की बात छोड़ दे तो अजय एडवर्ड एक युवा नेता है और पहाड़ की राजनीति में एक दमदार दखल रखते हैं.बहुत कम समय में उन्होंने हाम्रो पार्टी बनाई और राजनीति में लगातार सीढ़ियां चढ़ते चले गए हैं. हाम्रो पार्टी ने पंचायत और नगर पालिका के चुनाव में शानदार जीत हासिल की. जिस तरह से विनय तमांग को कांग्रेस ने प्रमोट किया है, ऐसा लगता है कि अजय एडवर्ड के साथ भी कांग्रेस यही फार्मूला अपना सकती है. पर्दे के पीछे रणनीति तैयार हो चुकी है. बस, आधिकारिक घोषणा का इंतजार है.
इसका संकेत भी खुद अजय एडवर्ड ने ही अपने फेसबुक अकाउंट पर दिया है. उन्होंने उस वक्त को याद किया है, जब पहाड़ में सुभाष घीसिंग का राजीव गांधी के साथ करीबी संबंध था. अजय एडवर्ड का मानना है कि पहाड़ में विकास और बुनियादी संरचना आज जो भी है, वह कांग्रेस की देन है. सुभाष घीसिंग का राजीव गांधी के साथ अच्छे संबंध थे. कांग्रेस के बाद पहाड़ में किसी भी राजनीतिक दल ने विकास नहीं किया.
दिल्ली से लौटने के बाद अजय एडवर्ड कांग्रेस की तारीफ कर चुके हैं और राहुल गांधी को एक अच्छा नेता बताते हैं. अजय एडवर्ड ने कहा है कि भाजपा ने 15 साल तक पहाड़ में गोरखा को धोखे में रखा. भाजपा ने राजू बिष्ट को भी धोखा दिया है.उन्होंने राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बताया और उनकी काफी तारीफ की है. पहाड़ के लोग सवाल कर रहे हैं कि अजय एडवर्ड ने इससे पहले कांग्रेस, राहुल गांधी, राजीव गांधी की कभी इतनी तारीफ तो नहीं की थी!
30 दिसंबर को हाम्रो पार्टी का स्थापना दिवस है. 30 दिसंबर को उनकी पार्टी 2 साल की हो जाएगी. हाम्रो पार्टी कालिमपोंग जिला समिति ने कहा है कि नए वर्ष के साथ नई रणनीति के साथ हाम्रो पार्टी काम करेगी. यह कयास लगाया जा रहा है कि हाम्रो पार्टी की स्थापना के दिन शायद अजय एडवर्ड को कांग्रेस में शामिल किया जा सके. अगर ऐसा होता है तो यह एक बड़ी खबर होगी, जो पहाड़ की राजनीति में काफी प्रभाव डाल सकती है.
राजनीतिक विश्लेषकों और पंडितों के अनुसार दार्जिलिंग संसदीय सीट पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकती है. यह उम्मीदवार विनय तमांग हो सकते हैं. या अजय एडवर्ड, अगर वह कांग्रेस में शामिल होते हैं तो. कांग्रेस की जो रणनीति वर्तमान में दिखाई दे रही है, वह सिर्फ लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही है.राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में इंडिया गठबंधन चाहे जिस तरह से चुनाव लड़े, परंतु इतना तय है कि दार्जिलिंग संसदीय सीट से कांग्रेस का ही उम्मीदवार होगा. हालांकि पक्की तौर पर अभी से कुछ कहना कठिन है. हमें राजनीतिक घोषणा का इंतजार करना चाहिए.