तृणमूल कांग्रेस में गुटबाजी अब पुरानी बात हो चुकी है. सिलीगुड़ी से लेकर अलीपुरद्वार और मालदा तक पार्टी में गुटबाजी दिखती है. पार्टी में गुटबाजी को खत्म करने के लिए शीर्ष नेतृत्व के द्वारा समय-समय पर चेतावनी, फटकार और यहां तक कि संगठन में बदलाव के जरिए नेताओं के पर भी कतरे जाते हैं.
दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस में संतुलन और समन्वय की कोशिश में शीर्ष नेतृत्व ने एक नई टीम का ऐलान किया है, तो उसमें अब तक कोई खटपट नजर नहीं आई है. प्रदेश नेतृत्व के द्वारा सिलीगुड़ी, माटीगाड़ा,नक्सलबाड़ी और फांसी देवा विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक अध्यक्षों तथा उपाध्यक्षों की जो सूची जारी की गई, उसमें नए और पुराने तृणमूल नेताओं का संतुलन व समन्वय दिखता है. प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी में एक पद एक नीति लागू करते हुए सिलीगुड़ी नगर निगम में MMIC के साथ विभिन्न ब्लाकों में अध्यक्ष पद की दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे नेताओं को उनकी जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया.
किसी को बुरा ना लगे और संगठन कमजोर ना हो, इसके लिए पार्टी के नेतृत्व की ओर से तीन ब्लाकों को 6 ब्लॉकों में बांटा गया है. जो नई टीम तैयार की गई है, नेताओं से कहा गया है कि उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि वह अपनी जिम्मेवारी का कुशलता से पालन करें. और एक दूसरे का सहयोग करें. जिस तरह से रणनीति तैयार की गई है, फिलहाल उसमें पार्टी को सफलता मिलने की उम्मीद है. क्योंकि पुराने और नए नेताओं का एक मेल तैयार किया गया है, जिसमें कुछ सीखने से लेकर अनुभव से काम करने की भी रणनीति है. और यह आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को मजबूती प्रदान करेगा.
पार्टी सूत्रों ने बताया कि नए ब्लॉक अध्यक्षों की सूची में कई नाम ऐसे हैं जो पहले भी यह जिम्मेवारी संभाल चुके हैं. संजय पाठक, प्रदीप गोयल उर्फ कालू आदि नाम शामिल है. संजय पाठक एक नंबर वार्ड से पार्षद हैं. जबकि प्रदीप गोयल 9 नंबर वार्ड के पूर्व पार्षद रह चुके हैं. संजय पाठक 2017 से लेकर 2021 तक ब्लॉक अध्यक्ष थे. जबकि कालू 2021 से 2023 तक ब्लॉक अध्यक्ष रहे. सूत्रों ने बताया कि निष्क्रिय नेताओं को मुख्य कमेटी में जगह देकर पार्टी ने अपनी रणनीतिक योजना को साकार किया है. नए लोगों को सीखने को मिले, जबकि पुराने लोगों के अनुभव का लाभ उठाया जाए.
पार्टी के संगठन में निष्क्रिय लोगों को फिर से जगह देकर नेतृत्व ने संगठन का विस्तार और उसे मजबूत बनाने का प्रयास किया है. गोपाल साहा, राजू दास, देव प्रिया सेन गुप्ता, जयदीप न॔दी, इंद्राणी गुहा और कई पुराने नाम शामिल हैं. उन सभी को ब्लॉक अध्यक्ष और ब्लॉक उपाध्यक्ष बनाया गया है. पार्टी के हाशिए पर चले गए इन पुराने नेताओं को वापस केंद्र में लाकर पार्टी ने संगठन की मजबूती और गुटबाजी को खत्म करने या कम करने की चाल चली है.
दार्जिलिंग जिला तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष संजय टिबरेवाल मानते हैं कि नई टीम अच्छी है और उत्तर बंगाल में बेहतर परिणाम आएगा. उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी एकजुट होकर काम करेगी. आपको बताते चलें कि पार्टी में गुटबाजी को खत्म करने के लिए ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी लगातार कोशिश कर रहे हैं. अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र में बैठक चल रही है. इसकी कमान खुद अभिषेक बनर्जी संभाल रहे हैं.
सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर तथा दार्जिलिंग जिला कोर कमेटी के सदस्य गौतम देव को विशेष निर्देश दिया गया है. वे अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के नेताओं के साथ संगठन मजबूती और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर बंगाल में है. ऐसे में जाहिर है कि मुख्यमंत्री का विशेष निर्देश पार्टी नेताओं को मिल चुका है. पार्टी नेतृत्व ने संकेत दे दिया है कि इन सभी बदलावों के बावजूद अगर कोई नेता पार्टी विरोधी काम करता है तो पार्टी उसे बर्दाश्त नहीं करेगी और बाहर का रास्ता दिखाएगी.