November 22, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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गंगटोक की जमीन 7 इंच तक ध॔सी!

जोशीमठ के हालात बेहद खराब हैं. यहां मकानों में दरार और जमीन के ध॔सने की घटना ने देश और दुनिया का ध्यान जोशीमठ पर केंद्रित किया है. हालात इतने खराब हैं कि पूरे के पूरे जोशीमठ को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की नौबत आ गई है. अब यहां किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगा दिया गया है.

जोशीमठ सिलीगुड़ी से काफी दूर है. ऐसे में यह देखना जरूरी हो गया है कि सिलीगुड़ी के आसपास ऐसे कौन से हिल स्टेशन हैं जहां के हालात जोशीमठ की तरह बनने शुरू हो गए हैं. अगर हम सिक्किम की बात करें तो कुछ तथ्य इस दिशा में खबरदार कर रहे हैं. सिक्किम की राजधानी गंगटोक में जमीन धंसने की क्रिया पिछले कई सालों से चल रही है. लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है.

पर्यावरणविद राजीव नयन बहुगुणा और दूसरे पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि हालांकि सिक्किम और गंगटोक पर तुरंत खतरा नहीं है.क्योंकि हिमालय के पहाड़ अभी अपनी शैशव अवस्था में है.कचरे और मलबे का ढेर भी कहा जा सकता है. परंतु इसमें दिन प्रतिदिन ह्रास तो हो ही रहा है. विशेषज्ञों ने कहा है कि पिछले कुछ साल में ही गंगटोक की जमीन लगभग 7 इंच तक धस चुकी है.

गंगटोक की भौगोलिक संरचना जोशीमठ से लगभग मिलती जुलती है. यहां विकास के नाम पर अनेक वैध अवैध निर्माण हुए हैं. बड़े-बड़े होटल भी हैं. मकान, दुकान, बाजार और सरकारी संस्थान सरकारी पैमाने पर खरे नहीं उतरते. इसके अलावा पिछले दशक में पहाड़ी ढलान पर अनेक निर्माणों के कारण वजन पड़ने के कारण भूस्खलन की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है. हर साल बरसात के समय सिक्किम और सिलीगुड़ी का रास्ता भूस्खलन और दूसरी प्राकृतिक आपदाओं के कारण कट जाता है. इसका यह अर्थ है कि पहाड़ी ढलान की मिट्टी लगातार ढीली पड़ती जा रही है और किसी भी तरह का वजन उठाने में सक्षम नहीं है.

ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार को सतर्क हो जाना चाहिए तथा अभी से ही सिक्किम, गंगटोक बचाने की दिशा में जुट जाना चाहिए. सिक्किम सरकार को पहाड़ पर अवैध निर्माण को लेकर सख्त रवैया अपनाना चाहिए तथा किसी को भी इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इसके अलावा गंगटोक और दूसरे पहाड़ी स्थलों पर निर्माण कार्य को रोक देना चाहिए या फिर वैज्ञानिक तथा यांत्रिक तरीके से ही किसी विशेषज्ञ की देखरेख में निर्माण कार्य की अनुमति दी जानी चाहिए. सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग काफी संवेदनशील इंसान हैं. निश्चित रूप से इस दिशा में वे पहल करेंगे.

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