December 22, 2024
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

गंगासागर को राष्ट्रीय मेले का दर्जा मिलना ही चाहिए!

गंगासागर के बारे में कहा जाता है कि सारे तीरथ बार बार गंगासागर एक बार… गंगासागर की महिमा भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में है. गंगासागर में स्नान करना सबसे बड़ा पुण्य समझा जाता है. भारत के सारे तीर्थों में गंगा सागर पहला तीर्थ है, जहां श्रद्धालुओं को पहुंचने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.

लगभग 40 से 50 लाख लोग सागर को पार करके आते जाते हैं. इसके अलावा लगभग एक करोड़ लोगों का यहां से यातायात होता है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि गंगासागर गंगा के वजूद से जुड़ा है. जब गंगा धरती पर सागर से मिल जाती है. यहां कपिल मुनि का आश्रम है. इतना बड़ा महान तीर्थ! गंगासागर को राष्ट्रीय मेला का दर्जा मिलना ही चाहिए!

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब गंगासागर मेले को राष्ट्रीय मेले का दर्जा देने की मांग कर दी है. इससे पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल की दुर्गा पूजा को विश्व विरासत की सूची में शामिल करने की मांग की थी. दुर्गा पूजा विश्व विरासत सूची में शामिल हो चुकी है. ऐसे में गंगासागर मेला को भी राष्ट्रीय मेले का दर्जा मिलने के आसार बढ़ गए हैं. आने वाले समय में गंगासागर को राष्ट्रीय मेले का दर्जा दिलाने की मांग प्रबल हो सकती है.

ना केवल भौगोलिक और पर्यावरणीय कारणों से ही बल्कि एक बड़ी संख्या में श्रद्धालु तथा लोगों की भावनाएं गंगासागर से जुड़ी हुई है. राष्ट्रीय मेले का दर्जा मिलने की तमाम शर्ते और पात्रता को भी गंगासागर पूरा करता है. गमनागमन से लेकर आस्तिकता, पवित्रता, व्यवसायिकता,शुद्धीकरण, एकता इत्यादि अनेक विशेषताएं गंगासागर से जुड़ी हुई है. गंगासागर को राष्ट्रीय मेला का दर्जा मिलना ही चाहिए.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले दिनों गंगासागर जाकर वहां की तैयारियों का जायजा ले आई है. इस समय भारत में इलाहाबाद का कुंभ मेला और बंगाल का गंगासागर मेला दोनों ही काफी महत्वपूर्ण है. अगर तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो दोनों ही मेलों में काफी समानता है. इसलिए भी गंगासागर मेला को राष्ट्रीय मेले का दर्जा मिलना ही चाहिए.

जब राष्ट्रीय मेले का दर्जा मिलने के इतने सारे अवसर और संभावनाएं हैं तो आने वाले चुनाव में तृणमूल कांग्रेस एक बार फिर से गंगासागर मेले को जनता में भुना सकती है और मांग कर सकती है कि गंगासागर को राष्ट्रीय मेले का दर्जा दिलाया जाए. इस तरह से तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने ऊपर लगे हिंदू विरोधी आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देते हुए हिंदुत्व की भावना को भुनाने में सफल हो सकती हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *