सिलीगुड़ी में जाम एक प्रमुख समस्या है. जाम को दूर करने के लिए पूर्व में क्या क्या उपाय नहीं किए गए… वाममोर्चा शासित निगम बोर्ड से लेकर तृणमूल शासित निगम बोर्ड के नए-नए सुझाव और कार्य नीतियां बनाई गई और उनका यथासंभव कार्यान्वयन भी किया गया. मगर सिलीगुड़ी में ट्रैफिक जाम की समस्या यथावत बनी रही.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर गौतम देव और दार्जिलिंग के जिला शासक समेत बड़े बड़े अधिकारी भी कुछ नहीं कर पाए. सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस का ट्रैफिक विभाग आए दिन जाम मुक्त सिलीगुड़ी के लिए प्रयास करते हुए अभियान चला रहा है. पर क्या इससे सिलीगुड़ी में जाम की समस्या कम हुई है? शायद नहीं. क्योंकि सिलीगुड़ी में जाम एक प्रमुख और बुनियादी समस्या है तथा किसी भी तरह से अस्थाई उपाय करने से समस्या का समाधान नहीं होने वाला है. इस बात को सिलीगुड़ी नगर निगम, एसजेडीए और स्थानीय शासकीय इकाई भी बखूबी समझती है.
पिछले दिनों इस मसले पर विचार करते हुए एसजेडीए के द्वारा सिलीगुड़ी का एक वैकल्पिक रास्ता तैयार करने की योजना बनाई गई. पीडब्ल्यूडी इंस्पेक्शन बंगलो में हुई बैठक में तमाम शासन प्रशासन के अधिकारियों के सुझाव और विचार मंथन के बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया कि अगर सिलीगुड़ी में जाम की समस्या पर स्थाई रूप से नियंत्रण पाना है तो सिलीगुड़ी का एक प्रमुख अन्तः वैकल्पिक रास्ता बनाना जरूरी है. यह रास्ता होगा जलपाई मोड से माटीगाड़ा जाने वाले प्रमुख मार्ग जो चौरंगी मोड से आगे निकलता है, इस वैकल्पिक मार्ग को माटीगाड़ा हाट तक ले जाया जाएगा.यानी आप जलपाई मोड से जब जाएंगे तो माटीगाड़ा हाट पर जाकर ही यह मार्ग समाप्त होगा.
सिलीगुड़ी के इस वैकल्पिक मार्ग का कायाकल्प किया जाएगा या फिर नए सिरे से इसका निर्माण हो सकता है. यह चौडा भी होगा और पक्का भी. चौरंगी मोड से आगे इसका विस्तार माटीगाड़ा हाट तक जाएगा. यह सड़क बन जाने से समझा जाता है कि सिलीगुड़ी में जाम की समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है. कम से कम मेयर गौतम देव, जिला शासक, एसजेडीए प्रमुख सौरभ चक्रवर्ती, गौतम गोस्वामी ,परिमल मित्र, रंजन शील शर्मा इत्यादि व्यक्तियों का तो यही मानना है.
वर्तमान में माटीगाड़ा स्थित परिवहन नगर मैं दूरगामी बस स्टैंड के अलावा दूर से आने वाले ट्रकों को भी खड़ा किया जाता है. दूरगामी बसों का स्टैंड तो यहीं बना रहेगा परंतु ट्रकों को वहां से घोषपुकुर ले जाया जाएगा. इससे अधिकारियों को लगता है कि परिवहन नगर का लगभग 50% जाम खत्म हो जाएगा. इसमें कोई शक नहीं कि यहां अधिकतर जाम की समस्या ट्रकों के कारण होती है. जब ट्रक स्टैंड घोषपुकुर स्थानांतरित होगा तो जाम की समस्या का अपने आप समाधान होगा. प्रशासन की योजना है कि यहां केवल बस स्टैंड ही रखा जाए और उसी को विस्तृत स्वरूप दिया जाए.
नौकाघाट में निजी रूप से मिनी बस स्टैंड की योजना तो पहले ही बनाई जा चुकी है. बहुत जल्द निर्माण कार्य शुरू होने वाला है.. यहां केवल छोटी बसें खड़ी होंगी.जब बस सिलीगुड़ी के अंदर नहीं जाएगी तो जाम की समस्या का स्वतः समाधान होने लगेगा. बहर हाल अब यह देखना है कि स्थानीय प्रशासन और निगम सिलीगुड़ी के वैकल्पिक मार्ग निर्माण योजनाएं कब बनाता है तथा इसका कार्यान्वयन कब होता है!