November 20, 2024
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

तो क्या सिलीगुड़ी के सुनार सिर्फ हॉलमार्क सोना ही बेच सकेंगे?

सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 14 के विपिन प्रसाद के घर में बेटी की शादी थी. बेटी के लिए गहने बनवाने के लिए वह काली बाड़ी स्थित एक स्वर्ण दुकान में पहुंचे. उनके पास कुछ पुराने सोने के गहने पड़े थे. उन्होंने दुकानदार को पुराने गहने दिखाते हुए उसे बेचने की पेशकश की. दरअसल विपिन प्रसाद ने जो आभूषण खरीदे थे, अब उसका रंग उतरने लगा था. टूट-फूट भी शुरू हो गई थी. इसलिए उन्होंने सोचा कि इसको बेच कर बेटी के लिए नए गहने बनवाए जाएं ताकि उनका बजट खराब ना हो सके.

दुकानदार ने गहनों की जांच की और उनकी कीमत आधी लगाई. दुकानदार ने इसका कारण बताते हुए कहा कि क्योंकि आपका आभूषण हॉलमार्क का नहीं है. इसमें सोना कम है. इसलिए काटकर आपको आधी कीमत मिलेगी. विपिन प्रसाद और क्या कर सकते थे! लेकिन उन्हें इस बात का दुख हुआ कि जिन स्वर्ण आभूषण की उन्होंने पूरी कीमत चुकाई थी. अब 2 साल में उसकी आधी कीमत उन्हें वापस मिल रही है. हालांकि उन्होंने कईयों के मुंह से सुना था कि बिना हॉलमार्क का आभूषण कमोबेश इसी रेट पर दुकानदार लेते हैं.

महंगाई के इस जमाने में लोगों को खाने-पीने की स्थिति को संभालने में ही पसीने छूट रहे हैं. ऐसे में मध्यम वर्गीय परिवार सोना चांदी खरीदने की बात भला क्या करेगा! परंतु हमारे देश की चली आ रही परंपरा के अनुसार चाहे जितनी भी महंगाई हो, लोग खाएं या ना खाएं, परंतु शादी विवाह में सोना चांदी या जेवरात ना खरीदें ऐसा हो नहीं सकता!

सिलीगुड़ी में सोने-चांदी की कई दुकानें हैं. महावीर स्थान, कालीबाड़ी, हिल कार्ट रोड, विधान मार्केट, सेवक रोड इत्यादि प्रमुख स्थानों पर सोने चांदी की बड़ी-बड़ी दुकानें हैं. उपरोक्त के अलावा खुदरा और छोटी दुकानें तो सभी जगह मिल जाती हैं. सोने चांदी के आभूषण की शौकीन ज्यादातर महिलाएं होती हैं. शादी विवाह में कन्या पक्ष हो अथवा वर पक्ष,दोनों को ही सोने चांदी के जेवरात लेने आवश्यक होते हैं.

सोने के आभूषण कई तरह के होते हैं. मुख्य रूप से गरीब से लेकर मध्यम वर्गीय परिवार के बीच गिन्नी, 22 कैरेट तथा 24 कैरेट के गहने ज्यादा लोकप्रिय हैं. खास मौके पर सोने के आभूषण खरीदे जाते हैं. आमतौर पर स्वर्ण व्यवसाई दो प्रकार के स्वर्ण आभूषण बेचते हैं. एक बिना हॉलमार्क का और दूसरा स्वर्ण आभूषण हॉलमार्क का होता है.

जो आभूषण बिना हॉलमार्क का होता है, उसकी कीमत हॉल मार्क वाले आभूषण से कुछ कम होती है. लेकिन बिना हॉलमार्क का सोना शुद्धता की कसौटी पर खरा नहीं होता. लोग तो यही समझते हैं कि उन्हें सस्ते में मिल रहा है. लेकिन जब इसी सोने के आभूषण को बेचने जाएं तो उस समय उन्हें अपनी गलतियों का पता चलता है. तो याद रखिए कि अगर आपने बिना हॉलमार्क के आभूषण को खरीदा है और उसे फिर दुकानदार को बेचने जाएं तो दुकानदार लगभग आधी कटौती करके उसकी कीमत देता है. लेकिन अगर आपका आभूषण हॉल मार्क का है, तो दुकानदार कितनी भी कटौती करे परंतु 80% तो कीमत रिटर्न करेगा ही.

खैर,अगले महीने से यह पुरानी बात हो जाएगी. 1 अप्रैल 2023 से सोने चांदी की दुकानों में ग्राहकों को दुकानदार सिर्फ हॉलमार्क का सोना ही बेच सकेंगे. सोने चांदी के दुकानदारों के लिए हॉलमार्क के टैग का आभूषण बेचना जरूरी हो जाएगा. यानी 1 अप्रैल से आप जो आभूषण खरीदेंगे, वह शुद्ध होगा. स्वर्ण व्यवसायियों के लिए छूट की जो समय सीमा दी गई थी, 1 अप्रैल 2023 को पूरी हो जाएगी. और उसके बाद स्वर्ण दुकानदार अपनी दुकानों में केवल हॉलमार्क का सोना ही रख सकेंगे. ग्राहकों के हित में यह एक अच्छा कदम माना जा रहा है.

आपको बताते चलें कि आप सुनार से जो सोना खरीद रहे हैं वह शुद्ध है या नहीं, इसकी जांच भारतीय मानक ब्यूरो करती है. यह संस्था सोना चांदी और दूसरी कीमती धातुओं से बनी ज्वेलरी या कलाकृतियों की भी जांच करती है. अगर धातु शुद्ध है तो उसे एक टैग दिया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को हॉलमार्क कहा जाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *