एक पुरानी कहावत है कि सिर मुड़ाते ही ओले पड़े! यह कहावत बीरभूम जिला में घटी घटना के संदर्भ में राज्य सरकार पर पूरी तरह फिट बैठती है. दरअसल हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के सरकारी प्राइमरी और मध्य स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए प्रधानमंत्री पोषण आहार योजना के अंतर्गत मिड डे मील में हफ्ते में एक दिन चिकन और मौसमी फल बढ़ाने का आदेश दिया था और इसके लिए 371 करोड रुपए स्वीकृत किए थे.
मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद राज्य में गरीब बच्चे और बच्चों के अभिभावक काफी खुश हो रहे थे.उन्हें लग रहा था कि अब मिड डे मील में खराब भोजन परोसने का दाग धुल जाएगा तथा बच्चों को पोषण युक्त आहार मिलने लगेगा. सरकार की यह योजना जनवरी से शुरू हो गई थी. इसी बीच बीरभूम जिला के एक प्राइमरी स्कूल में बच्चों के मिड डे मील में सांप पाए जाने की घटना ने सनसनी मचा दी है. दरअसल दाल के कंटेनर में सांप निकला है. यही दाल खाकर 30 बच्चे उल्टियां करने लगे, जिन्हें तुरंत रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती करा दिया गया.
हालांकि उपचार के बाद 29 बच्चों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. परंतु इस घटना ने बच्चों के अभिभावकों को ऐसा विचलित कर दिया कि उन्होंने स्कूल के प्रधानाध्यापक को घेरकर उनके खिलाफ घंटों प्रदर्शन किया तथा उनकी गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया. यह स्वाभाविक भी था. क्योंकि ऐसे मामलों में सर्वप्रथम स्कूल के प्रिंसिपल की लापरवाही सामने आती है.
बीरभूम जिला में आज की यही सुर्खियां है कि इतनी बड़ी लापरवाही आखिर कैसे हो गई. इसके लिए दोषी कौन है? इसके साथ ही यह भी सवाल उठ रहा है कि मिड डे मील बच्चों के लिए कितना सुरक्षित है. ममता बनर्जी तथा उनकी सरकार के लिए यह घटना मामूली नहीं हो सकती. क्योंकि सामने पंचायत चुनाव है और उन्होंने बच्चों के मिड डे मील में पोषण युक्त चिकन मौसमी फल परोसे जाने का निर्देश दिया था कि इसी दरमियान ऐसी घटना ने मिड डे मील प्रबंधन पर सवाल उठा दिया है.
देखा जाए तो मिड डे मील मे लापरवाही तथा बच्चों को जहर युक्त खाना परोसे जाने की घटनाएं राज्य और देश के किसी न किसी भाग में होती रहती है. बिहार में तो मिड डे मील की लापरवाही की घटना इतनी बड़ी थी कि जहर वाला खाना खाकर कम से कम 50 बच्चे मौत की नींद सो गए थे. पश्चिम बंगाल में इससे पूर्व भी मिड डे मील की लापरवाही की छोटी छोटी घटनाएं सामने आती रही हैं.परंतु यह पहली घटना है, जब दाल के कंटेनर में सांप पाया गया. लोग हैरान हैं.
सिलीगुड़ी में भी इस घटना की चर्चा शुरू हो गई है. सिलीगुड़ी के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता सकते में हैं. प्रखंड विकास अधिकारी दीपांजन जाना ने मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी है. सूत्र बता रहे हैं कि स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक यह बात पहुंच गई है और उन्होंने इस घटना का संज्ञान लिया है.