भारतीय रेलवे ने बुजुर्गों के लिए पहले ही सुविधाजनक रेल यात्रा की व्यवस्था कर रखी है, जिसके अंतर्गत महिला वर्ग में 45 साल की उम्र के बाद सीट आरक्षण में प्रमुखता दी जा रही है. इतना ही नहीं उन्हें लोअर सीट ट्रेनों में उपलब्ध कराया जा रहा है. हालांकि इसके लिए दूसरे सामान्य यात्रियों की तरह ही उन्हें पूरा पैसा चुकाना पड़ता है.
अब भारतीय रेलवे ने देश के दिव्यांग रेल यात्रियों को भी यही सुविधा दे दी है. इससे समझा जाता है कि दिव्यांग यात्रियों की ट्रेन यात्रा अधिक सुविधाजनक होगी. रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दिव्यांग रेल यात्रियों तथा उनके परिजनों के लिए सभी मेल और एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में निचली बर्थ उपलब्ध कराई जाएगी.
रेलवे द्वारा जारी आदेश के अनुसार ट्रेन के स्लीपर क्लास में 4 बर्थ दो लोअर और दो मिडिल, थर्ड एसी में 2 बर्थ 1 लोअर और 1 मिडिल, 3 टियर में 2 वर्थ एक लोअर और एक मिडिल दिव्यांग और उनके परिजनों के लिए आरक्षित किया गया है. अगर आप गरीब रथ से यात्रा करना चाहते हैं तो इस रेलगाड़ी में भी दो लोअर और दो अपर बर्थ आरक्षित किए गए हैं. एसी चेयर कार रेलगाड़ियों में भी 2 सीटें दिव्यांगों के लिए आरक्षित होगी.
आपको बताते चलें कि दिव्यांगों को मिलने वाली यह सुविधाएं ना तो मुफ्त में मिलने जा रही हैं और ना ही उन पर कोई एहसान किया जा रहा है. पहले से ही संविधानगत सुविधाएं उन्हें मिल रही है. परंतु रेलवे ने इस बार उनकी सुरक्षा और सुविधाजनक रेल यात्रा का भी ख्याल रखा है. हालांकि इसके बदले में उन्हें पूरे पैसे का भुगतान करना होगा.
आपको बताते चलें कि रेलवे वर्तमान में 4 स्थितियों में दिव्यांगों को किराए में रियायत देता है. ऐसे दिव्यांग जो अस्थि विकलांग है और मानसिक रूप से मंद व्यक्ति के हैं, और अगर अकेले यात्रा कर रहे हैं तो उनके ट्रेन टिकट में रियायत दी जाती है. इसके अलावा अंधे व्यक्ति, मूक और बधिर व्यक्ति को भी टिकट में रियायत देने का प्रावधान है.