इन दिनों कंचनजंघा स्टेडियम सुर्खियों में है. कभी कंचनजंघा स्टेडियम में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर तो कभी गायक अरिजीत सिंह के म्यूजिक इवेंट को लेकर इसकी चर्चा हो रही है. हालांकि कंचनजंघा स्टेडियम में स्थानीय खेल टीमों के द्वारा भी समय-समय पर खेलों का आयोजन होता है, परंतु इसका पता ना तो सिलीगुड़ी को चलता है और ना ही मीडिया को. परंतु जब स्टेडियम के इंफ्रास्ट्रक्चर से छेड़छाड़ अथवा खिलवाड़ की घटना सामने आती है तो आम से लेकर खास तक इसके भविष्य को लेकर चिंता जताने लगते हैं.
यह वही कंचनजंघा स्टेडियम है, जो किसी समय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों का केंद्र होता था. यहां रणजी ट्रॉफी क्रिकेट का भी आयोजन हो चुका है. पहला रणजी ट्रॉफी 2010 में बंगाल और पंजाब के बीच यहीं पर हुआ था. इस स्टेडियम ने फेडरेशन कप 2012 मैचों की भी मेजबानी की थी. पहला फेडरेशन कप मोहन बागान एसी और चर्चिल ब्रदर्स एससी के बीच 2012 में इसी स्टेडियम में खेला गया था.
इस स्टेडियम में सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग भी हो चुका है. मिली जानकारी के अनुसार कंचनजंघा स्टेडियम ने दो सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग की मेजबानी की थी. पहला सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग वीर मराठी और कर्नाटका बुलडोजर्स तथा तेलुगू वारियर्स और बंगाल टाइगर के बीच 2013 में खेला गया था. इस स्टेडियम में संतोष ट्रॉफी भी हो चुका है. 2014 मार्च महीने में यहां संतोष ट्रॉफी के फाइनल मैच खेले गए थे. इसमें मिजोरम चैंपियन हुआ था. इसके अलावा लीग मैचों का भी यहां आयोजन किया जा चुका है.सेफ विमेंस चैंपियनशिप भी इस स्टेडियम में खेले गए हैं.
लेकिन आज इन सभी महत्वपूर्ण खेलों का गवाह बने कंचनजंघा स्टेडियम की हालत यह है कि यहां राजनीतिक और सामाजिक सांस्कृतिक कार्यक्रम ही ज्यादा होते हैं. यहां बड़े खेलों का आयोजन नहीं हो रहा है. स्टेडियम में काफी सुधार करने की जरूरत है. तभी इसे खेलने योग्य बनाया जा सकता है. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने पिछले दिनों स्टेडियम का परिभ्रमण कर आश्वासन दिया था कि अप्रैल महीने से इसका रखरखाव और मरम्मति का काम शुरू कर दिया जाएगा.
वर्तमान में स्टेडियम की जो हालत है, उससे लगता नहीं है कि इतनी जल्दी इसके दिन फिरने वाले हैं. सिलीगुड़ी के खेल प्रेमी संगठनों तथा बुद्धिजीवियों ने इसकी हालत पर चिंता जताई है. सिलीगुड़ी के विधायक शंकर घोष ने तो कंचनजंघा स्टेडियम की बदहाली को देखकर अरिजीत सिंह के कंसर्ट कार्यक्रम में भाग लेने से किनारा कर लिया. उन्होंने यह बात स्वीकार की है. शंकर घोष ने कहा है कि एक विधायक होने के नाते स्टेडियम की सुरक्षा को प्राथमिकता तथा खिलाड़ियों के हित की रक्षा करना उनका कर्तव्य है.
विधायक शंकर घोष स्टेडियम की बदहाली के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम को जिम्मेवार मानते हैं. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के बाद जबसे कंचनजंघा स्टेडियम की देखरेख के लिए स्थानीय समिति को अधिकृत किया गया, तभी से स्टेडियम की दशा और दिशा दोनों ही खराब हो चुकी है. बहरहाल अब यह देखना है कि कंचनजंघा स्टेडियम क्या अपने पुराने स्वरूप में लौट पाएगा? यह भी देखना होगा कि सिलीगुड़ी नगर निगम स्टेडियम को चाक-चौबंद बनाने के लिए क्या कदम उठाती है.