नेपाल में 1 दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया गया. रविवार को हुए विमान हादसे में 68 लोगों की जानें चली गई. यह हादसा यति एयरलाइन के विमान में हुआ था. उक्त विमान काठमांडू से पोखरा जा रहा था. हवाई अड्डे पर उतरते समय यह हादसा हुआ. हादसा का स्थल सेती नदी घाटी था. इस विमान में पांच भारतीय नागरिक समेत 72 लोग सवार थे.
नेपाल में यह कोई पहला मामला नहीं है, जब इस तरह का विमान हादसा सुर्खियों में है. इससे पहले भी कई हादसे हुए हैं. अगर यह कहा जाए तो कोई गलत नहीं होगा कि नेपाल में विमान हादसे अक्सर होते रहे हैं. पिछले 12 सालों में नेपाल में 21 विमान हादसे हुए हैं. एवियशन सेफ्टी डेटाबेस के अनुसार पिछले 30 वर्षों में नेपाल में 28 छोटे बड़े विमान हादसे हुए हैं.
एक नजर नेपाल में हुए विमान हादसों पर डालते हैं. 1992 में काठमांडू में पाकिस्तान का एयर बस A 300 दुर्घटनाग्रस्त हुआ था जिसमें 167 लोगों की मौत हो गई थी. रविवार को हुआ विमान हादसा दूसरा बड़ा हादसा है, जिसमें 68 लोगों की मौत हुई है.वर्ष 2010 से अब तक 15 विमान हादसे हो चुके हैं. मई 2022 में तारा एयर का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था जिसमें 22 लोगों की मौत हो गई. इससे पहले अप्रैल 2019 में तेनजिंग हिलेरी एयरपोर्ट पर विमान और हेलीकॉप्टर के बीच मुठभेड़ हो गई जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई. 2019 में ही यति एयरलाइन का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें 7 लोग मारे गए.
मार्च 2018 में नेपाल के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यूएस बांग्ला एयरलाइन का विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ. विमान में 71 लोग सवार थे. इनमें 51 लोगों की मौत हो गई. इससे पहले फरवरी 2016 में तारा एयर का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसमें 20 लोगों की मृत्यु हो गई. इसी तरह फरवरी 2014 में नेपाल एयरलाइंस का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में 18 लोगों की जानें चली गई. हादसा खराब मौसम के कारण हुआ था.
वर्ष 2010 के बाद 2012 तक नेपाल में लगातार विमान हादसे होते रहे. 2010 में तारा एयर के एक विमान हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई जबकि 2011 में हुए विमान हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई. 2012 में दो विमान हादसे हुए.एक अग्नि एयर का विमान था जो दुर्घटनाग्रस्त हो गया.इसमें 15 लोग मारे गए मारे गए. जबकि सीता एयर के एक विमान हादसे में 19 लोगों की मौत हो गई. इस तरह से देखते हैं तो नेपाल में विमान हादसों का एक लंबा इतिहास रहा है.
ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि आखिर नेपाल में बार-बार विमान हादसे क्यों होते हैं. इसका उत्तर यही हो सकता है कि नेपाल एक पर्वतीय प्रदेश है. पहाड़ी इलाकों में विमान उड़ाना बड़ा मुश्किल काम होता है. इसके अलावा यहां की हवाईपट्टी की जो संरचना होती है वह मैदानी क्षेत्रों की हवाई पट्टी की तरह नहीं होती. अक्सर रनवे आडे तिरछे होते हैं जो विमान उड़ाने के लिए सरल नहीं होता.
ब्लूम वर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार लुक्ला का तेनजिंग हिलेरी एयरपोर्ट सबसे खतरनाक एयरपोर्ट माना जाता है. यहां सिंगल रनवे है. रनवे के पास ही लगभग 600 मीटर गहरी खाई है. सिंगल रनवे नीचे की ओर झुका हुआ है. यहां अक्सर विमान हादसे होने का डर बना रहता है.
इस तरह से कहा जा सकता है कि नेपाल की भौगोलिक संरचना और पहाड़ी इलाके मैदानी क्षेत्रों की तरह विमान उड़ाने के लायक सरल नहीं होते. यहां कुशल पायलट और क्रू मेंबर्स ही विमान का ठीक प्रकार से संचालन कर सकते हैं. जहां तक यति एयरलाइन अथवा नेपाल की दूसरी एयर लाइनों की बात करें तो सूत्र यह भी बताते हैं कि विभिन्न एयरलाइन कंपनियां विमानों की देखरेख और तकनीकी पर ज्यादा ध्यान नहीं देती. ऐसे में हादसों का होना स्वाभाविक है.
विमान हादसों की बारंबारता को देखते हुए अब यह देखना होगा कि नेपाल सरकार ऐसे हादसों की पुनरावृति रोकने के लिए भविष्य में क्या कदम उठाती है और यह भी कि विमान यात्रियों की सुरक्षा के लिए नेपाल सरकार के पास क्या प्लान है.