दशहरा के दिन पति-पत्नी दोनों काफी खुश थे. क्योंकि बगल में ही मेला लगा था. मेला घूमने का मजा ही अलग होता है. शाम हुई तो दोनों दशहरा घूमने बाजार की ओर निकल गए . मेला घूमने के बाद दोनों वापस अपने घर की ओर लौटने लगे. इस बीच रात होने लगी थी. आवश्यक खरीदारी करने के बाद दोनों मियां बीवी जल्द से जल्द घर लौट जाना चाहते थे. उनके पास कोई वाहन नहीं था. वह पैदल ही एक दूसरे के हाथ में हाथ डालकर लौट रहे थे. वह काफी प्रफुल्लित थे.
रास्ते में एक टैंक पड़ता था. जैसे ही दोनों मियां बीवी टैंक के पास पहुंचे, वहां कुछ लडके मिल गए. उन्होंने मियां बीवी को हाथ में हाथ डालते और महिला की खूबसूरती देखी तो उन पर कामुकता सवार होने लगी. वे चार थे. टकटकी लगाकर महिला को घूरने लगे. उनकी आंखों में वासना की हैवानियत देखकर महिला डर गई और पति के साथ तेजी से वहां से निकलने की कोशिश करने लगी. शायद उन लोगों ने शराब पी रखी थी. इसलिए वे किसी तरह के उच्च नीच को नहीं समझ रहे थे. महिला का नाम सोना बताया जा रहा है. जैसे ही सोना आगे बढ़ी, युवकों में से एक ने आगे बढ़कर सोना का दुपट्टा खींच लिया.
कोई भी गैरत मंद पति अपनी पत्नी के साथ किसी गैर पुरुष की जोर जबरदस्ती को बर्दाश्त नहीं कर सकता. सोना के पति सुभाष ने युवक को आगे बढ़ते देखा तो वह अपनी पत्नी की रक्षा के लिए उससे जूझ गया. दोनों में हाथापाई शुरू हो गई. इस बीच एक दूसरे लड़के ने पीछे से सोना के पति सुभाष को पकड़ा और सोना के दुपट्टे से उसे एक पेड़ से बांध दिया. इसके बाद हैवानियत का नंगा नाच शुरू हो गया. लड़कों में से एक को छोड़कर तीन लड़कों ने सोने के पति के सामने ही सोना को निर्वस्त्र करके के साथ बारी-बारी से गैंगरेप किया. महिला चीखती रही. चिल्लाती रही. रहम की भीख मांगती रही. लेकिन उनका कलेजा नहीं पसीजा. वे अपनी मनमानी करते रहे और जब उनका मन भर गया तो वह महिला और उसके पति को उसी अवस्था में छोड़कर नौ दो ग्यारह हो गए.
हैवानियत का यह नंगा नाच सिलीगुड़ी में नहीं हुआ है बल्कि सिलीगुड़ी की एक महिला और उसके पति के साथ हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के चायल बाजार में हुआ है. सिलीगुड़ी की सोना अपने पति सुभाष के साथ हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में रहती थी.दोनों मियां बीवी काथला गांव के एक खेत में फूलों की रखवाली का काम करते थे. कुछ दिन पहले ही सिलीगुड़ी से सोना आई थी. 24 अक्टूबर को दशहरा था.सोना और उसके पति सुभाष ने दशहरा घूमने और रावण दहन देखने का प्रोग्राम बनाया. मेला देखकर घर वापसी के क्रम में ही यह घटना घटी थी. हालांकि देवभूमि में ऐसी घटनाएं बहुत कम होती है. पर जब कहीं रेप की घटना होती है तो पुलिस तुरंत ही एक्शन में आ जाती है.
25 अक्टूबर को पीड़ित महिला सोना ने अपने पति के साथ नजदीकी थाना जाकर इस हादसे के बारे में थाना प्रभारी को बताया और आवेदन दिया. किसी अन्य प्रदेश की महिला के साथ गैंगरेप किया गया था. अतः मामला गंभीर समझकर पुलिस अधिकारी ने इसकी जानकारी सोलन के एसपी गौरव सिंह को दी. गौरव सिंह ने तुरंत ही मामला दर्ज कर इसकी छानबीन करने का निर्देश दिया. पुलिस ने बिना देर किए छानबीन की कार्रवाई शुरू कर दी और इस हादसे में शामिल तीनों आरोपियों को धर दबोचा. उनके नाम वीरेंद्र, चमन और योगेंद्र हैं. उनका एक चौथा साथी भी था जो उन सभी को ऐसा घिनौना कृत्य नहीं करने की सलाह दे रहा था. लेकिन उन पर हैवानियत सवार थी. उन्होंने उसकी बात नहीं सुनी और वही किया जिससे इंसानियत शर्मसार हो उठती है.
सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्हें कंडाघाट की अदालत में पेश किया, जहां से विस्तृत पूछताछ के लिए उन्हें तीन दिनों के रिमांड पर ले लिया गया है. जैसी करनी वैसी भरनी. महिला के साथ दरिंदगी का खेल खेलने वाले आरोपियों को अब जेल की रोटी खानी होगी. एसपी गौरव सिंह ने कहा है कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है.