किसी समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सिलीगुड़ी में ही कहा था कि सिलीगुड़ी में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या है. तब उस समय सिलीगुड़ी के पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा होते थे. ममता बनर्जी ने गौरव शर्मा को यह दायित्व सौंपा था. तब से आज बहुत समय हो गया. सिलीगुड़ी के ट्रैफिक में कोई सुधार नहीं हुआ. सिलीगुड़ी नगर निगम ने अपने अध्ययन में पाया कि सिलीगुड़ी में अनियंत्रित टोटो का चलना सिलीगुड़ी में जाम का एक बहुत बड़ा कारण है.
तब से टोटो परिचालन को नियंत्रित करने के लिए सिलीगुड़ी नगर निगम और सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट की ओर से बहुत तरह के प्रयास किए गए. बिना नंबर प्लेट वाले टोटो की धर पकड़ के अलावा टोटो चालकों के खिलाफ दंड व्यवस्था व कई तरह के नियम भी बनाए गए. लेकिन उन नियमों का कारगर तरीके से संचालन नहीं हो सका. परिणाम स्वरूप स्थिति जस की तस बनी रही. उसके बाद एक लंबा समय बीत गया.अब समस्या के समाधान के लिए राज्य परिवहन विभाग ने एक अभिनव कदम उठाया है और यह उम्मीद लगाई जा रही है कि इससे शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या में कमी आएगी.इसके साथ ही सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.
परिवहन विभाग की यह नई व्यवस्था है, टोटो चालकों को अनुशासन और व्यवस्था के दायरे में लाना, जिससे कि नियमों के दायरे में रहकर टोटो का परिचालन कर सकें. बहुत जल्द सिलीगुड़ी की सड़कों पर आप ऐसे टोटो को देख सकेंगे, जिनके आगे और पीछे क्यूआर कोड चिपका होगा. प्रत्येक टोटो रजिस्टर्ड होगा और प्रत्येक टोटो चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस होगा. राज्य के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने फरमान सुना दिया है.
नहीं चलेंगे सिलीगुड़ी की सड़कों पर बिना नंबर के टोटो. वर्तमान में जितने बिना नंबर के टोटो चल रहे हैं, तो क्या उन्हें टोटो चलाना बंद कर देना होगा? इससे उनकी रोजी-रोटी पर संकट बढ़ जाएगा. ममता बनर्जी की सरकार ने उनकी स्थिति पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया है. सरकार ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण फैसला किया है. इसके अनुसार राज्य सरकार का परिवहन विभाग सभी बिना नंबर के टोटो को रजिस्टर्ड करेगा. लेकिन इसके लिए टोटो चालकों को उचित शुल्क देना होगा. यह फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया है.
पहले यह कहा जा रहा था कि बिना नंबर के टोटो को सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में नहीं चलने दिया जाएगा. अब सरकार ने ऐसे टोटो के साथ सहानुभूतिपूर्वक विचार किया है और फैसला किया है कि ऐसे सभी टोटो से सामान्य शुल्क लेकर रजिस्टर्ड किया जाएगा. लेकिन दूसरी बड़ी समस्या यह है कि टोटो चलाने वालों को लाइसेंस लेना जरूरी है.
टोटो चालकों के पास बहुत कम ड्राइविंग लाइसेंस मौजूद है. वास्तव में टोटो चलाना बड़ा आसान होता है. यही कारण है कि दो-चार दिन के अभ्यास से ही लोग टोटो चलाना शुरु कर देते हैं. इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता महसूस नहीं की जाती है. ड्राइविंग लाइसेंस को गैर जरूरी मानकर बहुत से लोग टोटो चलाना शुरु कर देते हैं. अब ऐसे लोगों को टोटो चलाने का ड्राइविंग लाइसेंस दिखाना होगा. मतलब साफ है कि टोटो चलाने को लेकर टोटो चालकों को व्यवस्था और अनुशासन के दायरे में लाया जा रहा है.
ऐसे में सवाल यह है कि ये नियम कब लागू होंगे. यह अभी अस्पष्ट है. परंतु यह समझा जा रहा है कि इस साल तक सारी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. मिली जानकारी के अनुसार नवंबर महीने तक पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी की जानी है. इसके साथ ही टोटो चालकों को कहा गया है कि वे ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य रूप से प्राप्त करें.
परिवहन मंत्री ने कहा है कि इस तरह के ठोस प्रयास और योजना से ट्रैफिक जाम कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि इससे टोटो चालकों के लिए भी एक सुरक्षित और अनुशासित वातावरण तैयार होगा. अगर टोटो चालकों को नियमों के दायरे में रखा जाएगा तो वह ट्रैफिक नियमों के अनुसार ही परिचालन करेंगे. सरकार के इस प्रयास से पूर्व में टोटो चालकों के द्वारा महिला यात्रियों के साथ बदसलूकी की घटनाओं में भी कमी आएगी. क्योंकि परिवहन विभाग उन पर नजर रखेगा. क्यूआर कोड और ड्राइविंग लाइसेंस के जरिए वे सीधे परिवहन विभाग के नियंत्रण में होंगे.