सिलीगुड़ी समेत पूरे बंगाल में निजी और मिनी बसों के संचालन पर खतरा मंडरा रहा है. सरकार ने निजी बस संचालकों को बसों में ट्रैकर डिवाइस लगाने को कहा है, जिसकी समय सीमा 31 मार्च तक निर्धारित की गई है. बस व मिनी बस ओनर्स एसोसिएशन ने हाथ खड़ा कर दिया है और सरकार से मांग की है कि उन्हें इसके लिए वक्त दिया जाए.
राज्य सरकार परिवहन विभाग निजी बस मालिकों को इसके लिए वक्त तो देना चाहती है, लेकिन उतना नहीं जितना वक्त यह मांग रहे हैं.परिवहन मंत्री स्नेह आशीष चक्रवर्ती ने कहा है कि बस संचालकों को इतना वक्त नहीं दिया जा सकता. दरअसल निजी बस और मिनी बस संचालक डिवाइस लगाने के लिए 31 दिसंबर 2023 तक की अवधि चाहते हैं. सरकार को यह मंजूर नहीं है.
आपको बताते चलें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बसों में यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए बस संचालकों को ट्रैकर डिवाइस और मोबाइल ट्रैकर लगाने का आदेश दिया था. इसके साथ ही बसों में आपातकालीन बटन डिवाइस लगाना भी अनिवार्य कर दिया है. इस डिवाइस के जरिए यात्री हर समय सुरक्षा के घेरे में रहते हैं तथा उन्हें आपातकालीन स्थिति में तुरंत मदद मिल सकती है.
28 फरवरी को बस व मिनी बस ओनर्स एसोसिएशन की एक बैठक हुई. एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप नारायण बोस ने बताया कि बस संचालक कोरोना काल से ही तंगी में चल रहे हैं. डीजल और पेट्रोल की महंगाई तथा भाड़ा नहीं बढ़ाए जाने के बावजूद वे किसी तरह से यात्रियों को ढो रहे हैं. लेकिन अब सरकार उन्हें ट्रैकर डिवाइस लगाने पर मजबूर कर रही है, जिसके लिए उनके पास पैसा नहीं है.
उनका कहना है कि या तो सरकार इसके लिए सरकारी खर्च की व्यवस्था करे या फिर उन्हें पर्याप्त वक्त दे. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने ट्रैकर डिवाइस लगाने का वक्त नहीं बढ़ाया तो एक-एक करके निजी व मिनी बसों का संचालन बंद होता जाएगा. इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी. ऐसे में सरकार को फैसला करना है.
बता दें कि ट्रैकर डिवाइस सिर्फ निजी और मिनी बसों के लिए ही अनिवार्य है. ई-रिक्शा, बाइक, टैक्सी आदि वाहनों के लिए यह डिवाइस लगाना अनिवार्य नहीं है.