कहते हैं कि धनुष से निकली तीर और जुबान से फिसली बात कभी वापस नहीं आती. बड़े-बड़े विद्वान, नेता, राजनेता इत्यादि सभी की जुबान फिसल जाती है. कभी कभी ऐसा होता है कि पूर्व तैयारी नहीं होने से इंसान कहना कुछ चाहता है और कह कुछ जाता है. हालांकि बाद में उसे अपनी गलती का एहसास होता है. लेकिन तब तक उसकी कही गई बात वायरल हो जाती है. सोशल मीडिया के इस युग में बड़े नेताओं को सोच समझकर बयान देना चाहिए.
इस समय पश्चिम बंगाल में चंद्रयान 3 के बारे में ही लोग चर्चा कर रहे हैं.भारत की इस ऐतिहासिक सफलता के बारे में हर बड़ा नेता अपनी अपनी तरफ से बयान दे रहा है. परंतु अधिकांश लोगों को चंद्रयान के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. कई नेताओं ने तो ऐसे ऐसे बयान दिए हैं कि उसका कोई मतलब ही नहीं निकलता. राष्ट्रीय जनता दल और बिहार के पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव समेत कांग्रेस और दूसरे दलों के बड़े-बड़े नेताओं के चंद्रयान 3 पर अजीबोगरीब बयान के बारे में आप पहले ही जान चुके हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी चंद्रमा पर चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा को उन्होंने राकेश रोशन फिल्म निर्माता बता दिया था. उनका यह बयान तेजी से सोशल मीडिया और इंटरनेट पर वायरल हुआ था तथा मुख्यमंत्री को तीव्र आलोचना का सामना करना पड़ा था. हालांकि उन्होंने यह बात भूलवश कही थी और उनकी जुबान से फिसल गई थी.
अब एक बार फिर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पुरानी गलती को दोहरा दिया यानी एक बार फिर से उनकी जुबान फिसल गई है. उन्होंने तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस पर आयोजित रैली में अपने एक बयान में कहा था कि जब इंदिरा गांधी चंद्रमा पर पहुंची तो उन्होंने राकेश से पूछा कि वहां से हिंदुस्तान कैसा दिखता है. इस पर राकेश ने जवाब दिया था सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा!
ममता बनर्जी के इस बयान का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया है. लोग उनकी जानकारी को लेकर प्रहसन कर रहे हैं. क्योंकि एक बार जुबान फिसल गई. परंतु बार-बार जुबान नहीं फिसल सकती. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसी रैली में महाकाव्य महाभारत के रचयिता के बारे में कहा था कि महान महाकाव्य महाभारत को काजी नज़रुल इस्लाम ने लिखा था. काजी नज़रुल इस्लाम पश्चिम बंगाल के प्रख्यात कवि थे.
हालांकि यह सभी जानते हैं कि महर्षि वेदव्यास ने महाभारत की रचना की थी. पुस्तकों और धर्म ग्रंथो में भी हम यही पढ़ते आए हैं. लेकिन ममता बनर्जी के इस बयान की काफी आलोचना हो रही है. भाजपा नेता और प्रतिपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने साफ कहा है कि ममता बनर्जी अच्छी तरह जानती है कि महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास हैं लेकिन उन्होंने जानबूझकर महाभारत के रचयिता के रूप में काजी नज़रुल इस्लाम का नाम लिया.
इस बीच इसरो से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा पर अल्युमिनियम, सल्फर, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन तथा ऑक्सीजन की खोज की है. इसके साथ ही प्रज्ञान रोवर के द्वारा हाइड्रोजन की भी खोज की जा रही है.