मिल रही जानकारी के अनुसार तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाली अस्मिता को लेकर भाजपा पर हमलावर है. दूसरी तरफ भाजपा अब तक मुद्दे पर शांत नजर आ रही थी और पार्टी के नेताओं की ओर से यह बयान दिया जा रहा था कि ममता बनर्जी के बंगाल के प्रवासी श्रमिकों का भाजपा शासित राज्यों में शोषण एवं उत्पीड़न के आरोप बेबुनियाद हैं और इसका जवाब देने की जरूरत नहीं है.
सूत्र बता रहे हैं कि प्रदेश भाजपा के नेताओं के द्वारा सही तथ्य प्रस्तुत नहीं किए जाने और इस पर मौन साधने से टीएमसी की बंगाली अस्मिता की लड़ाई भाजपा पर भारी पड़ती जा रही थी. ताकि स्थिति भाजपा के प्रतिकूल न बन जाए, दिल्ली सल्तनत ने भाजपा के कुछ प्रदेश नेताओं को ममता बनर्जी की रणनीति का जवाब देने के माकूल तरीके बताए. जिसे भाजपा ट्रंप कार्ड कहती है. यह रणनीति है भाजपा शासित राज्यों में रहने वाले खुद कथित रूप से शोषित एवं पीड़ित प्रवासी मजदूरों द्वारा सच को सामने लाया जाना.
अब प्रदेश भाजपा के नेता कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बंगाली अस्मिता का ट्रंप कार्ड ढूंढ लिया है. भाजपा की जो नई रणनीति सामने आ रही है, उसके अनुसार भाजपा के नेता मुख्यमंत्री का जवाब देने के लिए ऐसे प्रवासी बंगाली श्रमिकों से संपर्क बढ़ा रहे हैं जो देश के दूसरे राज्यों में रोजी-रोटी कमा रहे हैं. वे दूसरे राज्यों में कैसा महसूस करते हैं और क्या उनका वहां उत्पीड़न किया जा रहा है, इस सच को खुद श्रमिक ही बताएंगे.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश भाजपा के नेता विभिन्न राज्यों में रहने वाले प्रवासी बंगाली हिंदुओं से संपर्क साधने निकल पड़े हैं. हाई कमान ने उन्हें निर्देश दिया है कि हर कीमत पर उन्हें सच सामने लाना है और इसके लिए जरूरी है कि दूसरे राज्यों में रहने वाले बंगाली श्रमिकों से संपर्क बनाया जाए. मिल नहीं जानकारी के अनुसार प्रदेश के भाजपा नेता देश के दूसरे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वहां रहने वाले प्रवासी बांग्लाभाषियों और उनके द्वारा संचालित पूजा समितियों में शामिल हो रहे हैं.
प्रदेश भाजपा के किन-किन नेताओं को किन-किन राज्यों की जिम्मेवारी मिली है. इस पर एक नजर डाल लेते हैं. प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा को हरियाणा और चंडीगढ़ की जिम्मेदारी दी गई है. राज्य भाजपा अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य गुजरात जाएंगे. वहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार वाराणसी जा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि पूजा के बाद प्रदेश भाजपा के नेता दिल्ली, हरिद्वार, देहरादून, चंडीगढ़, लखनऊ, बनारस ,मुंबई ,पुणे ,नासिक, सूरत अहमदाबाद, पटना, जयपुर ,भुवनेश्वर, हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई ,कोचिन, बेंगलुरु आदि विभिन्न शहरों में जाने वाले हैं.
केंद्रीय नेतृत्व ने भाजपा के सभी नेताओं को अलग-अलग टीम बनाकर प्रवासी बांग्ला वासी श्रमिकों से संपर्क साधने और उनका पूरे परिवार के साथ वोट हासिल करने की जो रणनीति तैयार की है, भाजपा के नेता पूरी तरह तैयार हैं और सिर्फ दुर्गा पूजा का इंतजार किया जा रहा है. दुर्गा पूजा के समापन के बाद भाजपा की टीम अलग-अलग राज्यों में संपर्क साधने निकल जाएगी. इस बीच अमिताभ राय अंडमान से लौट चुके हैं. उन्होंने एक बयान दिया है कि अंडमान में रहने वाले बांग्ला भाषी श्रमिकों का कोई उत्पीड़न नहीं हो रहा है.
इसी तरह से भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी भी देहरादून व हरिद्वार से लौट चुकी है. जबकि केया घोष दिल्ली से लौटी है. दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस भी भाजपा शासित राज्यों में रहने वाले पीड़ित एवं शोषित बांग्ला भाषी श्रमिकों को अपने भरोसे में ले रही है. तृणमूल कांग्रेस ने तो उनके लिए बाकायदा राज्य में ही रोजगार एवं भत्ते की व्यवस्था की है. चर्चा है कि टीएमसी ऐसे पीड़ित एवं शोषित प्रवासी बांग्ला भाषी श्रमिकों से बंगाल के लोगों के बीच सच उगलवा सकती है. यानी इस मुद्दे पर दोनों ओर से तलवारे खींच चुकी है. बहरहाल सच क्या है, जल्द ही सबके सामने आ जाएगा. इस राजनीतिक लड़ाई में कौन किस पर भारी पड़ता है, यह भी पता चल जाएगा.