उत्तर बंगाल समेत देशभर में टैक्स चोरी और फर्जीवाड़े के मामले में आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग की इन्वेस्टिगेशन यूनिट (आईयू) ने एक विशेष अभियान के तहत 200 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में की गई है।
जानकारी के अनुसार, देशभर में सक्रिय कुछ शिक्षण और सामाजिक संस्थाएं (ट्रस्ट) टैक्स में छूट का दुरुपयोग कर रही थीं। आयकर विभाग को इस मामले में गुप्त जानकारी मिली थी कि इन संस्थाओं ने फर्जी डोनेशन और रसीदों के माध्यम से मोटी रकम को टैक्स से बचाया है। इस पूरे घोटाले की कुल रकम लगभग 1045 करोड़ रुपये आंकी गई है।
ऐसे हो रहा था फर्जीवाड़ा
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, कई ट्रस्टों ने फर्जी दानदाताओं के नाम पर बड़ी मात्रा में चंदा दिखाया। इसके बदले इन दानदाताओं को मोटी रसीद दी जाती थी, जिसके आधार पर वे अपनी आयकर रिटर्न में टैक्स छूट का दावा करते थे। ट्रस्ट इन नकली दाताओं से नगद में पैसा वसूलते थे और उसकी रसीद जारी कर देते थे।
कई संस्थाएं इन रसीदों के बदले 40% से 50% तक की रकम कमीशन के रूप में रखती थीं और बाकी राशि नकद लौटाती थीं।
इस पूरे रैकेट में कई सीए, टैक्स सलाहकार और शिक्षा संस्थानों के मालिक शामिल बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि कई ट्रस्टों को केवल कागजों पर ही चलाया जा रहा था, जबकि ज़मीनी स्तर पर उनका कोई अस्तित्व नहीं था।
एआईयू की विशेष इकाई कर रही है जांच
आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने इस मामले में अब तक 80 से अधिक अधिकारियों की टीम को तैनात किया है। ये टीम दिल्ली और मुंबई से सिलीगुड़ी, लुधियाना, अहमदाबाद, कोयंबटूर, नागपुर और इंदौर तक फैली संस्थाओं की जांच कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, कई डिजिटल दस्तावेज, रसीदें, लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड और नकद पैसे जब्त किए गए हैं।
इस पूरी कार्रवाई को लेकर विभाग ने फिलहाल किसी संस्था या व्यक्ति का नाम सार्वजनिक नहीं किया है। आयकर विभाग का कहना है कि जांच अभी जारी है और जल्द ही इससे जुड़ी बड़ी जानकारी सामने लाई जाएगी।
इस कार्रवाई से आयकर विभाग यह संदेश देना चाहता है कि टैक्स में गड़बड़ी करने वालों पर अब सख्त निगरानी रखी जाएगी।