सिलीगुड़ी के पान मसाला, गुटखा के प्रेमियों को इस खबर से राहत मिल सकती है कि फिलहाल पान मसाला, गुटखा आदि महंगा होने के आसार नहीं है. सिलीगुड़ी एक ऐसा शहर है जहां पान मसाला गुटखा तंबाकू आदि की भारी खपत है. हर दूसरा व्यक्ति पान मसाला, गुटखा, तंबाकू आदि का सेवन करता मिल जाएगा. उनके लिए यह राहत की खबर है कि फिलहाल सरकार इन वस्तुओं पर जीएसटी टैक्स बढाने नहीं जा रही है. जैसा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक से पूर्व अनुमान लगाया जा रहा था.
शनिवार को जीएसटी काउंसिल की 48 वी बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री, अधिकारी आदि उपस्थित थे. उड़ीसा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी के नेतृत्व में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने गुटखा कंपनियों के द्वारा टैक्स चोरी के मामले आने के बाद पान मसाला गुटखा आदि पर भारी टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया था. इसके अनुसार पान मसाला, हुक्का, चिलम, तंबाकू आदि की खुदरा बिक्री पर 12 से लेकर 69% तक अतिरिक्त टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा था.
पहले से ही पान मसाला, गुटखा आदि पर 28% जीएसटी देना पड़ता है.अगर जीएसटी काउंसिल की बैठक में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के प्रस्ताव को मान लिया जाता, तो पान मसाला, गुटखा आदि उत्पादों के महंगा होने का मार्ग प्रशस्त हो जाता. क्योंकि इसके अनुसार अगर अतिरिक्त टैक्स लगाया जाता तो ₹5 में मिलने वाला गुटखा का रेट कम से कम ₹6 से लेकर ₹7 तक हो जाता.
फिलहाल ₹5 में मिलने वाले पान मसाला पर 1 रूपये 46 पैसे का भुगतान निर्माता करता है. जबकि वितरक इस पर 88 पैसे का भुगतान करता है. कुल मिलाकर ₹2. 34 पैसे का इस पर जीएसटी टैक्स लगता है. लेकिन अगर ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स के प्रस्ताव पर सरकार हरी झंडी दिखाती तो ऐसे में ₹5 के पान मसाला पर निर्माता को ₹2.06 पैसे का टैक्स भुगतान करना पड़ता. जबकि वितरक को ₹1 से कुछ ज्यादा ही जीएसटी टैक्स देना पड़ जाता. इसका सीधा अर्थ यह है कि पान मसाला, गुटखा, तंबाकू आदि की कीमत अत्यधिक बढ़ जाती!
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने कुल 38 वस्तुओं पर अतिरिक्त जीएसटी टैक्स लगाने का प्रस्ताव तैयार किया था. लेकिन शनिवार को जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक शुरू हुई तो कुल 15 एजेंडो में से सिर्फ 8 पर ही विचार-विमर्श हो सका. पान मसाला, गुटखा, तंबाकू आदि वस्तुओं पर चर्चा नहीं हो सकी.
सरकार ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में भले ही किसी वस्तु पर जीएसटी दरों में बढ़ोतरी नहीं की हो, परंतु इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि आने वाले समय में सरकार इसकी अनदेखा नहीं करेगी. फिलहाल जीएसटी काउंसिल की बैठक में दलहन के छिलके, चुनी, चुड़ी, खांड पर जीएसटी को 5 प्रतिशत से घटाकर 0% कर दिया गया है. बाजार के जानकार मानते हैं कि नए साल में संभव है कि पान मसाला, गुटखा, तंबाकू, चिलम आदि पर सरकार भारी टैक्स लगा सकती है.क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि लोग ऐसे हानिकारक पदार्थ का सेवन करें.