पश्चिम बंगाल में बांग्ला नववर्ष का कितना उत्साह और रोमांच रहता है,यह इसी बात से पता चल जाता है कि बांग्ला नववर्ष के जरिए बंगाल के लोगों के दिल में जगह बनाने के लिए राजनीतिक कवायद भी शुरू हो जाती है. बंगाल में यह त्यौहार अत्यंत हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है. पंचायत चुनाव का समय है. वक्त का तकाजा है. विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से पोयला बैसाख मनाने की धूमधाम से तैयारी चल रही है. ऐसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भला कैसे पीछे रहते. वे भी बहती गंगा में डुबकी लगाने के लिए बंगाल आ रहे हैं.
मिली जानकारी के अनुसार अमित शाह 14 अप्रैल को आ रहे हैं. बीरभूम जिले में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इसके साथ ही बांग्ला नववर्ष पर दक्षिणेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे.
15 अप्रैल को बांग्ला नववर्ष है, जिसे ‘पोयला वैशाख’ के नाम से जाना जाता है. यह बांग्ला कैलेंडर का पहला दिन होता है, जिसे नए साल के रूप में मनाया जाता है. सिलीगुड़ी समेत पूरे बंगाल में पहला वैशाख धूमधाम से मनाया जाता रहा है. राज्य सरकार और विभिन्न संगठनों की ओर से कई दिन पहले से ही इसकी तैयारी शुरू हो जाती है. पहला वैशाख पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है.इसके अलावा शहर को सजाने और स॔वारने का काम भी होता है.
सिलीगुड़ी शहर में हर साल की तरह इस साल भी बांग्ला नव वर्ष पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. सिलीगुड़ी नगर निगम शहर की साज-सज्जा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की तैयारी में जुट गया है. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने पहला वैशाख के मद्देनजर विभिन्न सांस्कृतिक समितियों के साथ एक बैठक की. इस बैठक में डिप्टी मेयर रंजन सरकार समेत मेयर परिषद के अन्य सदस्य मौजूद थे.
पिछले साल बांग्ला नववर्ष पर रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था. इस बार भी रंगारंग कार्यक्रम होने जा रहे हैं. सिलीगुड़ी का बाघाजतिन पार्क हर साल की तरह इस साल भी आकर्षण का केंद्र बनेगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. सिलीगुड़ी कॉलेज मैदान से एक रंगारंग शोभायात्रा निकाली जाएगी. यह शोभायात्रा सिलीगुड़ी कॉलेज से शुरू होकर बाघाजतिन पार्क से होते हुए शहर के विभिन्न मार्गों की परिक्रमा करेगी और सूर्य सेन पार्क के सामने जाकर समाप्त होगी.
इस समय बाघाजतिन पार्क को पेंटिंग आदि से अभिनव रूप दिया जा रहा है. आपको बताते चलें कि बांग्ला नववर्ष पश्चिम बंगाल के अलावा असम और त्रिपुरा में धूमधाम के साथ मनाया जाता है. यह बंगाली नववर्ष का प्रतीक होता है.इस पर्व को बांग्लादेश में भी काफी धूमधाम से मनाते हैं. हालांकि बांग्लादेश में यह त्यौहार हर साल 14 अप्रैल को मनाया जाता है.
बांग्ला नववर्ष के दिन बंगाली समाज के लोग नए-नए पारंपरिक कपड़े पहनते हैं. मंदिर को सजाते हैं और विधि विधान से पूजा पाठ करते हैं. नव वर्ष पर गाय का भी पूजन किया जाता है. गाय को तिलक लगाने से लेकर गाय का पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है.उस दिन व्यापारी लोग व्यापार का लेखा-जोखा देखते हैं. बांग्ला नववर्ष के रूप में मनाए जा रहे त्यौहार में पुआल जलाने की परंपरा रही है. ऐसा माना जाता है कि पुआल जलाकर वह पिछले साल मिले कष्ट की आहुति दे रहे हैं.