आने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव में अथवा दौरान प्रदेश के किसी भाग में अगर आतंकी घटनाएं देखने को मिले, तो हैरान होने की कोई बात नहीं है. अगर चुनाव के समय चारों तरफ अफरा तफरी और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति नाजुक दिखे तो भी चौंकने की जरूरत नहीं है. पक्की खबर मिली है कि पाकिस्तान की ISI बांग्लादेश में युवाओं को प्रशिक्षण दे रही है.
स्थानीय युवा और रोहिंग्या के लोग बेहद गरीबी में जीवन जी रहे हैं. आईएसआई समर्थित संगठन ऐसे युवाओं को पैसे और अन्य प्रलोभन देकर अपने जाल में फासते हैं और उनका ब्रेन वास करके उन्हें ट्रेनिंग कैंप में भेज देते हैं. भारतीय सुरक्षा अधिकारियों को विभिन्न सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि ये आतंकवादी बंगाल की सीमा में घुसने वाले ही हैं…
बांग्लादेश में व्यापक हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों के मद्देनज़र बंग्लादेश से लगती बंगाल की सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. बांग्लादेश की सरकार स्थिति को संभालने में असहाय है. ऐसे में ISI समर्थक संगठन भारत में बड़े पैमाने पर घुसपैठ कर सकते हैं. आने वाले कुछ महीनो में यह स्थिति अत्यंत गंभीर होने वाली है. इस तरह की खुफिया जानकारी सरकार को मिलने के बाद सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सुरक्षा के व्यापक प्रबंध बढ़ा दिए गए हैं.
पश्चिम बंगाल में चुनाव के समय हिंसा का होना कोई आश्चर्यजनक घटना नहीं है. चुनाव कोई भी हो, यहां हिंसा होती ही है. जानकार मानते हैं कि 2026 के विधानसभा चुनाव में व्यापक तौर पर राजनीतिक हिंसा देखने को मिल सकती है. ISI का आकलन भी यही है. इसी राजनीतिक हिंसा का फायदा उठाकर ISI बांग्लादेश के रास्ते बंगाल में भारी संख्या में आतंकवादी घुसपैठ कराना चाहती है, ताकि बंगाल की शासन व्यवस्था को छिन्न-भिन्न किया जा सके और यहां ISI के आतंकवादी संगठनों का प्रभुत्व कायम हो सके.
भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान और ISI की साजिश का पता लगा लिया है. इस समय बांग्लादेश में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन दर्जनों शिविरों में रोहिंग्या और स्थानीय गरीब युवाओं को पैसे और अन्य प्रलोभन देकर प्रशिक्षण दे रहे हैं, जिन्हें अगले साल फरवरी से अप्रैल तक बंगाल में घुसपैठ कराया जाएगा. यह एकदम पक्की खबर है. इस खबर के बाद ही भारतीय खुफिया एजेंसियों ने सीमा पर हाई अलर्ट जारी कर दिया है.
जब बंगाल में चुनाव हो रहा होगा, तब ISI की भरसक कोशिश यह होगी कि यहां व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी फैलाई जाए, ताकि शासन प्रशासन का ध्यान बट सके और इसी बीच बांग्लादेश के रास्ते भारी पैमाने पर आतंकवादी और रोहिंग्या बंगाल में प्रवेश कर सकें. इन घुसपैठियों को ढाका में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. मिली जानकारी के अनुसार ISI बंगाल चुनाव के दौरान दर्जनों आतंकवादियों को बांग्लादेश के रास्ते बंगाल में गड़बड़ी फैलाने के लिए भेज सकती है.
सूत्र बता रहे हैं कि जब बंगाल में चुनाव होगा तब ISI के आतंकवादी संगठन यहां हिंसा फैलाएंगे. उस दौरान यहां भारी संख्या में घुसपैठिए सीमा पार करेंगे. बहुत से रोहिंग्या व आतंकवादियों को प्रशिक्षित करके जंगल में रखा गया है और बंगाल में प्रवेश के लिए सही मौके का इंतजार किया जा रहा है. भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है. मिल रही जानकारी के अनुसार एक ही समय में बंगाल की सीमा में बांग्लादेशी, रोहिंग्या और आतंकवादी घुसपैठ कर सकते हैं.
शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश में ISI और चरमपंथियों का प्रभुत्व है. ISI ने भारत में गड़बड़ी फैलाने के लिए ढाका में दर्जनों आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया है. यह सभी आतंकवादी बहुत जल्द असम, त्रिपुरा और बंगाल में नदीमार्गों से प्रवेश कर सकते हैं. इन आतंकवादियों को कुछ इस तरह से प्रशिक्षित किया गया है कि यह खुफिया मार्गो तथा घोर वन क्षेत्रों का फायदा उठाकर बंगाल की सीमा में प्रवेश कर सकते हैं.
भारतीय खुफिया एजेंसियों की इस चेतावनी के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने सुरक्षा प्रबंधों की व्यापक तैयारी और समीक्षा की है. सीमा पर बीएसएफ और केंद्रीय सुरक्षा बल पूरी तरह अलर्ट हैं और उन सभी मार्गों का पता लगाया जा रहा है, जहां से आतंकवादी बांग्लादेश के रास्ते बंगाल की सीमा में घुसपैठ कर सकते हैं.
