पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र का आज आखिरी दिन था. लेकिन कौन जानता था कि आज विधानसभा में वह होगा, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी. ऐसा भारी हंगामा और भाजपा तथा तृणमूल विधायकों के बीच झड़प देखने को मिली, जो आम तौर पर बिहार और यूपी विधानसभा सत्र में देखने को मिलती है. हंगामे के बाद भाजपा ने राज्य की ममता सरकार को जमकर कोसा है. भाजपा विधायक और विधानसभा में विपक्ष के नेता सुबेंदु अधिकारी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में लोकतंत्र की हत्यारी ममता ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है.
पश्चिम बंगाल विधानसभा का अंतिम दिन एक अल्पसंख्यक बिल को लेकर भारी हंगामेदार रहा. बांग्ला भाषा आंदोलन के मुद्दे पर विधानसभा में ममता बनर्जी ने शेरनी की तरह दहाड़ा और भाजपा पर भड़ास उतारी. उन्होंने भाजपा पर ऐसे ऐसे शब्दों के वार किए कि इससे पूरा माहौल ही तनाव पूर्ण हो गया. हालांकि ममता बनर्जी इससे पहले भी अपने इस तेवर के लिए जानी जाती है. लेकिन आज उन्होंने अपने तरकश के सारे तीर निकाल दिए, जिससे भाजपा विधायक तिलमिला गए.
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पूरी भाजपा पार्टी को चोर कहा. उन्होंने भाजपा और भाजपा के विधायकों को बांग्ला विरोधी कहा. उन्होंने भाजपा को वोट चोरों की पार्टी कहा. ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा ने हमारे सांसदों को परेशान करने के लिए संसद में सीआईएसएफ का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि एक दिन ऐसा जरूर आएगा,जब भाजपा का एक भी विधायक बंगाल विधानसभा में नहीं बैठेगा. ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा बंगालियों को लेकर सदन में चर्चा करना नहीं चाहती इसलिए विधानसभा में हंगामा कर रही है. बीजेपी को शर्म आनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल के लोगों ने आजादी की लड़ाई में अपना खून बहाया था. तब बीजेपी कहां थी? उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रविंद्र नाथ टैगोर आदि महापुरुषों के नाम लिए. ममता बनर्जी इतना ही पर नहीं रुकी. बोलते बोलते वह मोदी चोर, अमित शाह चोर, सभी भाजपा चोर कहा और अपने सदस्यों से नारे भी लगवाए.
इस पर विपक्षी भाजपा सदस्यों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा टीएमसी के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी. विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की. फिर विमान बनर्जी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषण में बाधा डालने के लिए भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष, शुभेंदु अधिकारी व अग्निमित्र पाॅल को सदन से निलंबित कर दिया. इसी को लेकर तृणमूल और भाजपा सदस्यों के बीच तीखी नोक झोंक शुरू हुई, जो धीरे-धीरे हंगामे और हाथापाई में बदल गई.
शंकर घोष और दूसरे भाजपा विधायकों ने सदन से बाहर जाने से इनकार कर दिया. इस पर विधानसभा के मार्शल और सुरक्षा कर्मियों ने शंकर घोष तथा दूसरे भाजपा विधायकों को धक्का दिया. इस धक्का-मुक्की और टकराव में शंकर घोष गिर पड़े. उनका चश्मा टूट गया और उन्हें चोटें भी आई है. बाद में उन्हें चिकित्सा के लिए अस्पताल ले जाया गया. शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में मार्शल और सुरक्षा कर्मियों के द्वारा भाजपा विधायकों को धक्का देने तथा विधानसभा में अलोकतांत्रिक तरीके को लेकर एक वीडियो अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर साझा किया है.
बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया है कि मार्शलो ने उनके विधायकों के साथ भारी दुर्व्यवहार किया है. इसमें शंकर घोष को गंभीर चोट आई है. शुभेंदु अधिकारी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा है कि यह संसदीय लोकतंत्र पर करारा प्रहार है. जिस तरह से विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शलों को अलोकतांत्रिक तरीके से आदेश दिया है और मार्शलों ने हमारे विधायकों के साथ बदसलूकी की है, यह इस बात का सबूत है कि टीएमसी तानाशाह हो गई है.
अब देखना होगा कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच छिड़ गयी सीधी लड़ाई कहां तक जाकर रुकती है और इसका अंजाम क्या होता है? क्या भाजपा और टीएमसी के बीच सीधी लड़ाई में जनता के विकास के मुद्दे गौण हो जाएंगे, पूछता है बंगाल!