जिस युग में लैला मजनू, शिरी फरियाद और रोमियो जूलियट की कहानियां लिखी गई होगी, तब किसी ने भी कल्पना नहीं की होगी कि एक वक्त यह कहानियां जीवंत हो जाएंगी. फिल्मों में ऐसी कहानियों पर आधारित फिल्में आपने बहुत देखी होंगी परंतु असल जिंदगी में ऐसी प्रेम कहानियां बहुत कम सुनने को मिलती है. कम से कम सिलीगुड़ी में तो इससे पहले ऐसा कभी नहीं सुना और देखा गया था…
सिलीगुड़ी का जंक्शन इलाका उस रात अंधेरे में टिमटिमा रहा था. मौसम बेईमान था. बारिश कभी भी हो सकती थी. ऐसे ही मौसम के बीच देर रात्रि एक युवती सिलीगुड़ी जंक्शन पहुंचकर इधर उधर भटकने लगती है. वह काफी परेशान थी. उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी. तभी एक एनजीओ की निगाह उस पर पड़ती है. एनजीओ से जुड़ा व्यक्ति लड़की को रोककर उससे कुछ पूछता है. एनजीओ को लगता है कि लड़की को तत्काल मदद की जरूरत है. वह व्यक्ति युवती की कहानी सुनकर सन्नाटे में आ जाता है. इसके बाद वह प्रधान नगर थाना की पुलिस को सूचना देता है.
प्रधान नगर पुलिस मौके पर पहुंचती है और वहां से लड़की को पूछताछ के लिए थाना ले जाती है. पता चलता है कि लड़की बांग्लादेश की है और उसने अवैध तरीके से बॉर्डर पार कर सिलीगुड़ी प्रवेश किया है. पुलिस की पूछताछ में लड़की ने अपना नाम सपला अख्तर बताया. सपला की कहानी कुछ ऐसी है कि आप भी सुनकर हैरान रह जाएंगे. कच्ची उम्र का प्यार तूफान की तरह होता है. सपला का प्यार कुछ ऐसा ही था.
दरअसल सपला का सिलीगुड़ी निवासी एक युवक छैला (बदला नाम) से प्यार हो गया.छैला लड़की को कितना चाहता था, यह तो पता नहीं. परंतु सपला छैला को जान से बढ़कर चाहने लगी और उसके लिए कुछ भी करने को तैयार हो गई. सपला की बेकरारी निरंतर बढ़ती जा रही थी. वह छैला से मिलना चाहती थी. परंतु 2 देशों की सरहदें इसमें बाधक थी. आखिरकार सपला ने अपनी मोहब्बत से मिलने का फैसला कर लिया और वह एक दिन हिम्मत करके बांग्लादेश और भारत की सीमा पर लगे कटीले तार को फांद कर सिलीगुड़ी पहुंच गई.
सिलीगुड़ी में सपला का छैला अपनी लैला का इंतजार करता मिल गया. सपला को लगा कि उसके सारे सपने सच हो गए. क्योंकि उसका प्रेमी उसे मिल गया था. कुछ दिनों तक सब कुछ एक सपने की तरह बीता और फिर जब कच्ची उम्र के प्यार का बुखार उतरा तो छैला उससे अपना पिंड छुड़ाने की जुगत में लग गया. जल्द ही सपला को अहसास हो गया कि उसका प्यार बेवफा है. वह उससे अपना पिंड छुड़ाना चाहता है तथा उसे नेपाल में ले जाकर बेच देना चाहता है.
फिर एक दिन सपला को छैला के चंगुल से बच निकलने का मौका मिल जाता है और वह भागकर सिलीगुड़ी जंक्शन पहुंच जाती है. जहां वह एक स्वयंसेवी संगठन के हाथ में पड़ जाती है और इस तरह से वह प्रधान नगर थाना की पुलिस के हत्थे चढ़ जाती है. क्योंकि कानून में सपला ने बिना किसी पासपोर्ट अथवा वैध कागजात के सीमा पार किया था. इसलिए प्रथम दृष्टया पुलिस ने अवैध घुसपैठ के आरोप में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
अब इस कहानी का दूसरा पहलू सपला का आशिक है जो इस घटना के बाद से फरार हो गया है.प्रधान नगर पुलिस ने सपला के बयान पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और सपला के आशिक को पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की तैयारी शुरू कर दी है. हालांकि प्यार के नाम पर सपला को धोखा देने वाला व्यक्ति फिलहाल फरार बताया जा रहा है. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है,साथ ही पूरे मामले की जांच कर रही है.