April 26, 2025
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हिंदू-मुस्लिम-सिख-इसाई आपस में भाई-भाई! भारत के मुसलमानों ने पाकिस्तान की चाल को किया बेनकाब!

वो एक मुसलमान ही था, जिसने पहलगाम अटैक में कई पर्यटकों की जान बचाई थी! वह मुसलमान ही था, जिसने आतंकवादियों की बंदूक छिनने की कोशिश में आतंकवादियों की गोली से मारा गया. अगर एक मुसलमान ने हिंदुओं का साथ नहीं दिया होता तो पहलगाम अटैक में मृतकों की संख्या 28 से भी काफी हो सकती थी. इस मुसलमान को क्या पड़ी थी! लेकिन उसका धर्म और इंसानियत उबाल मार रहा था और उसने कई हिंदुओं की जान बचाते हुए खुद को मौत के मुंह में धकेल दिया!

भारत के मुसलमानों ने साबित कर दिखाया है कि उनकी नजर में इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है. उनके लिए भारत की राष्ट्रीय एकता और अखंडता सर्वोपरि है. पाकिस्तान ने एक चाल चली, ताकि भारत के हिंदू और मुसलमान एक दूसरे से नफरत करने लगें और भारत में गृह युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो जाए. यही सोचकर पाकिस्तान ने एक साजिश के तहत पहलगाम अटैक करवाया. लेकिन उसकी दाल गली नहीं. भारत के मुसलमानों ने साबित कर दिखाया है कि भारत के हिंदू, मुस्लिम, सिख व इसाई सब भाई-भाई हैं और जब राष्ट्र पर संकट आता है तो सभी धर्मो के लोग एकजुटता दिखाते हैं.

पहलगाम अटैक का ताना-बाना पाकिस्तान में बुना गया था. यह साबित हो चुका है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री स्वयं यह स्वीकार करते हैं कि पाकिस्तान इस तरह का गंदा खेल वर्षों से खेल रहा है. भारत की सुरक्षा एजेंसियां तथा इंटेलिजेंस ने भी कुछ सबूत एकत्र कर लिए हैं, जिससे पता चलता है कि पहलगाम अटैक में पाकिस्तान का हाथ था. इस अटैक के बाद सारा देश आक्रोशित है. यहां के हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमान, सिख और इसाई सभी पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगा रहे हैं.

कश्मीर में तो पहलगाम नरसंहार के बाद मुसलमानों ने इसके विरोध में और पाकिस्तान को जहन्नुम में पहुंचाने की मांग करते हुए कश्मीर को ही बंद कर दिया. मुसलमान सड़कों पर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और भारत सरकार से मांग करने लगे कि पाकिस्तान ने वो बड़ी गलती की है, जिसे माफ नहीं किया जा सकता. पाकिस्तान को सबक सिखाने का वक्त आ गया है.

केवल कश्मीर ही नहीं, देश के अलग-अलग राज्यों में भारतीय मुसलमानों ने पहलगाम घटना के विरोध में मोमबत्ती रैलियां निकाली और पाकिस्तान की कठोर शब्दों में निंदा की. दिल्ली, लखनऊ, अलीगढ़ ,मुंबई ,भोपाल, पटना, कोलकाता, हैदराबाद से लेकर भारत के विभिन्न शहरों में पुलवामा हमले के विरोध में भारतीय मुसलमानों ने रैलियां निकाली हैं और पाकिस्तान को लानत मलामत भेजा है. सिलीगुड़ी में अलग-अलग मुस्लिम संगठनों के द्वारा रैलियां निकाली गई और पाकिस्तान की कठोर शब्दों में निंदा की गई. भारतीय मुसलमानों ने सरकार से एक स्वर में मांग की है कि पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाई जाए!

भारत की अलग-अलग मस्जिदों के इमामों ने भी पाकिस्तान की कार्रवाई की भरपूर निंदा की है और कहा है कि इस्लाम में पाकिस्तान की यह कार्रवाई एक पाप है. पाकिस्तान को सजा देने का वक्त आ गया है. भारतीय मुसलमानों ने समय रहते पाकिस्तान की चाल को बेनकाब कर दिया है. उनकी गतिविधियां और पहलगाम हमले के खिलाफ आक्रोश यह बताने के लिए पर्याप्त है कि भारतीय मुसलमान भारत की एकता व अखंडता में विश्वास करते हैं. असदुद्दीन ओवैसी जैसे भारत के कट्टर मुस्लिम नेता, जो हमेशा मुसलमानों की पैरवी करते हैं, उन्होंने भी पाकिस्तान की इस कार्रवाई की निंदा की है और दहशतगर्दों को अंजाम तक पहुंचाने की सरकार से मांग की है.

हिंदुओं की तरह बंगाल के मुसलमान काफी गुस्से में है. बंगाल में तो इस घटना के विरोध में मुसलमान स्त्री पुरुष इतने दुखी हैं कि उन्होंने पाकिस्तान के झंडे भी जलाने शुरू कर दिए हैं. पश्चिम बंगाल के शिक्षक साबिर हुसैन ने तो पहलगाम आतंकी हमले से आहत होकर इस्लाम छोड़ने का ऐलान तक कर दिया है. उन्होंने कहा कि हिंसा फैलाने के लिए एक हथियार के रूप में धर्म का इस्तेमाल किया जाता है,जो उनकी बर्दाश्त से बाहर है. साबिर हुसैन दक्षिण 24 परगना जिले के बादुरिया स्थित निर्माण आदर्श विद्यापीठ में विज्ञान के शिक्षक हैं.उन्होंने दुखी मन से इस्लाम छोड़ने के लिए कोर्ट का दरवाजा तक खटखटाया है.

भारतीय मुसलमानों का सीधा जवाब है, पाकिस्तान ने हमें धर्म के नाम पर बांटने की विफल कोशिश की . पाकिस्तान तो यह सोच रहा था कि पहलगाम घटना के बाद भारत के मुसलमान अलग-थलग पड़ जाएंगे. परंतु यह भारत है. भारत में सभी धर्मो के लोग मिलजुल कर रहते हैं और हम सभी भाई-भाई हैं.उन्होंने पाकिस्तान की चाल को विफल कर दिया है.

भारतीय मुसलमानों का यह जोश और अंदाज निश्चित रूप से काबिले तारीफ है. यह साबित करता है कि भारत में रहने वाले विभिन्न धर्मो के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं और भारत की राष्ट्रीय एकता व अखंडता के लिए मिलकर काम करते हैं.

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