May 30, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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भूटान की यात्रा करना चाहते हैं? नए नियम जान लें अन्यथा पछताना होगा!

पहले नेपाल जाने के नियम बदले. अब भूटान जाने के नियम बदल गए हैं. नियमों में अचानक बदलाव हुआ है.इसलिए पर्यटक काफी परेशान हैं. पर्यटकों को थोड़ी मोहलत देने की जरूरत थी. लेकिन सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की भी मजबूरी है. जो भी कदम उठाए गए हैं, पर्यटकों की सुरक्षा और उनकी पहचान सुनिश्चित करने के लिए ही उठाए गए हैं. इसलिए पर्यटकों को भी प्रशासनिक अधिकारियों का सहयोग करना चाहिए.

अचानक यात्रा के नए नियम क्यों बदले गए? जानने के लिए आप भी उत्सुक होंगे. जब भारत का पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन के साथ तनातनी और दुश्मनी हो, तो भारत से किसी अन्य पड़ोसी देश में जाने के नियमों में भी बदलाव समय और स्थिति के अनुसार होता है. यह बदलाव सुरक्षा, पहचान और पारदर्शिता को और अधिक सशक्त करने के लिए किया जाता है.

इन दिनों देश-विदेश के पर्यटक नेपाल, दार्जिलिंग, सिक्किम और भूटान की यात्रा कर रहे हैं. पर्यटक, जो दार्जिलिंग, सिक्किम घूमने आते हैं, वे नेपाल और उत्तर बंगाल के Dooars क्षेत्र में भी जाना पसंद करते हैं. यहां से घूमते हुए वे नजदीक ही जय गांव और जय गांव से भूटान गेट होते हुए फूछोलिंग और फिर भूटान की यात्रा करना उन्हें अधिक पसंद है. हाल ही में नेपाल में भी पर्यटकों के लिए भंसार से संबंधित नए नियम लागू किए गए हैं. इसी तरह से भूटान घूमने जाने के लिए भारतीय पर्यटकों के लिए कुछ विशेष गाइडलाइंस जारी किए गये है.

हाल ही में बांग्लादेश सरकार द्वारा सिलीगुड़ी चिकन नेक को लेकर एक धमकी दी गई थी. उसके बाद इस क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा, विश्वसनीयता तथा पहचान सुनिश्चित करने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है. कुछ ही दिन पहले सिलीगुड़ी के निकट बैंगडूबी सैनिक छावनी के निकट दो बांग्लादेशी जासूसों की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने भूटान सरकार के साथ मिलकर पर्यटकों की सुरक्षा और पहचान सुनिश्चित करने के नए नियमों में बदलाव किया है.

भूटान जाने के लिए अभी तक का जो नियम था, उसके अनुसार सीमा पर आपको आधार कार्ड या वोटर कार्ड या पासपोर्ट में से कोई एक दस्तावेज दिखाना पड़ता था. लेकिन अब आपकी पहचान और सुरक्षा के लिए केवल वोटर कार्ड अथवा पासपोर्ट जरूरी है. आधार कार्ड की मान्यता भूटान सरकार ने रद्द कर दी है. ऐसा केवल मौजूदा स्थितियों में पर्यटकों को अधिक सुरक्षा और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए किया गया है. भारत और भूटान सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों के संयुक्त प्रयास से नई गाइडलाइंस बनायी गयी है.

जो लोग 18 साल से कम उम्र के हैं, अगर वे लोग भूटान जाना चाहते हैं तो उन्हें अपनी उम्र का प्रमाण पत्र दिखाना होगा. अचानक नई गाइडलाइंस जारी होने के बाद भूटान घूमने आ रहे पर्यटक काफी परेशान और निराशा भी हैं. क्योंकि उन्हें पहले से पता नहीं था कि भूटान घूमने के लिए उन्हें वोटर कार्ड की आवश्यकता होगी. भूटान घूमने आए पर्यटकों के पास आधार कार्ड तो है, लेकिन आधार कार्ड उनके किसी काम का नहीं रहा. केवल आधार कार्ड के के आधार पर वे भूटान नहीं जा सकते हैं.

भूटान गेट पर ऐसे कई पर्यटक मिले, जो देश के अलग-अलग राज्यों जैसे राजस्थान, असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र ,उत्तर प्रदेश, दिल्ली आदि से आए हैं. लेकिन उनके पास आधार कार्ड है. पर्यटकों में से राजीव मिश्रा ने बताया कि अचानक सीमा पर अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया और कहा कि भूटान जाने के लिए उन्हें वोटर कार्ड दिखाना होगा. अब वे वोटर कार्ड कहां से लाएंगे. इसलिए मजबूरी में वे वापस घर लौट रहे हैं. कई पर्यटकों की ऐसी शिकायत मिली है. वह परेशान है. लेकिन बांग्लादेश और पाकिस्तान से भारत के संबंध खराब होने के बाद भारत सरकार ने पर्यटकों की पहचान और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है.

इसमें भूटान सरकार सहयोग कर रही है. भारत और भूटान सरकार ने पर्यटकों को होने वाली असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है और पर्यटकों से अपील की है कि वह जब भी भूटान जाएं, नए नियमों का जरूर ख्याल रखें. यह नियम उनकी सुरक्षा और पहचान को मजबूत करता है. जय गांव स्थित सीमा पर विभिन्न ट्रेवल्स वेलफेयर एजेंसियां कार्यरत हैं. वे नए नियमों को अच्छा मानती है क्योंकि इससे पर्यटकों की सुरक्षा होती है. ट्रैवल्स एजेंसी भी पर्यटकों से नए नियमों का अनुसरण करने की अपील कर रही है. उम्मीद की जानी चाहिए कि भूटान जाने वाले पर्यटकों की शिकायत जल्द ही दूर हो जाएगी!

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