पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे स्वीकार भी कर लिया है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इन के प्रो वाइस चांसलर जोनाथन डिशा मैके की ओर से यह जानकारी साझा की गई है. मु
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले साल जून में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जाएंगी. बंगाल ग्लोबल बिजनेस सम्मेलन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने बचपन के संघर्ष के बारे में बात की.कम उम्र में ही उनके पिता का निधन हो गया था. इससे उनकी शिक्षा में काफी बाधा उत्पन्न हुई थी. ममता बनर्जी ने कहा कि मैं आप लोगों में से कई लोगों की तरह बहुत अच्छी अंग्रेजी नहीं बोल सकती. लेकिन कई भाषाओं की थोड़ी बहुत जानकारी रखती हूं. आपको बताते चलें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का परिचय ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र लक्ष्मी ग्रुप के एमडी उद्योगपति रूद्र चटर्जी ने माइकी से कराया था. माइकी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्री हैं. वे केलोग कॉलेज, ऑक्सफोर्ड के अध्यक्ष भी है. वे वहां इनोवेशन और नॉलेज एक्सचेंज के प्रोफेसर हैं.
पश्चिम बंगाल में ग्लोबल बिजनेस सम्मेलन में जिस तरह से ममता बनर्जी ने पूरे बंगाल में चार औद्योगिक गलियारा बनाने का ऐलान किया है, उसके बाद बंगाल की जनता उन्हें उम्मीद भरी नजरों से देख रही है. इस ग्लोबल बिजनेस सम्मेलन में ममता बनर्जी ने विविध व्यावसायिक क्षेत्रों में मशहूर हस्तियों को बुलाया और सभी उद्योगपतियों ने अपनी-अपनी तरफ से निवेश की घोषणा की है, इसका श्रेय ममता बनर्जी को दिया जा रहा है.
कुछ समय पहले ममता बनर्जी विदेश का दौरा करके पश्चिम बंगाल में निवेश के लिए उद्योगपतियों को आमंत्रित कर चुकी थी. बिजनेस सम्मेलन में जिस तरह से रिलायंस ग्रुप के मुकेश अंबानी ने ममता बनर्जी की शान में कुछ कहा, उसकी चर्चा भी खूब हो रही है. मुकेश अंबानी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फायर ब्रांड नेता बताया और कहा कि त्याग की अग्नि आपके स्वर्णिम चरित्र को और अधिक उज्जवल बनाती है.
ममता बनर्जी अकेली ऐसी नेता है, जिसने विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरी केन्द्र सरकार को हिला कर रख दिया था. उसी समय से उनकी देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी चर्चा हो रही है.केंद्र और राज्य का टकराव किसी से छिपा नहीं है. ममता बनर्जी अक्सर केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाती रही है. लेकिन इन सबके बावजूद उन्होंने अपने राज्य का अहित होने नहीं दिया है. यही कारण है कि विदेशों से भी ममता बनर्जी को बुलावा आ रहा है.
ममता बनर्जी का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा होने का एक कारण यह भी है कि उन्होंने किसी भी हालात में अपनी आवाज बुलंद की है. उनकी सरकार और मंत्रिमंडल के कई मंत्री और नेता विभिन्न घोटालों के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं. लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और ना ही केंद्र सरकार से कभी दया की भीख मांगी है. ना ही उन्होंने कभी कोई कंप्रोमाइज किया है. यह उनके व्यक्तित्व को अलग बनाती है.
कई देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद ममता बनर्जी को दूसरा सबसे बड़ा लोकप्रिय नेता मानते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के विरुद्ध इंडिया गठबंधन की अगुवाई करने में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी बड़ा हाथ बताया जाता है. भाजपा अक्सर उन पर तुष्टिकरण का आरोप लगाती है. इन सब के बावजूद इसमें कोई शक नहीं है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल की अकेली ऐसी नेता हैं जिन्होंने विपक्ष की हर चुनौतियों का दृढ़ता पूर्वक सामना किया है. इसलिए उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है.
लेकिन उनकी असली अग्नि परीक्षा 2024 के लोकसभा चुनाव में होनी है. एक तरफ विपक्ष बटा हुआ है तो दूसरी तरफ भाजपा अकेले तृणमूल कांग्रेस से दो दो हाथ करने को तैयार है. जिस इंडिया गठबंधन को लाने में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एड़ी चोटी का जोर लगाया है, उसी इंडिया गठबंधन के कई दल जैसे कांग्रेस और माकपा बंगाल में ममता बनर्जी से भिड़ने को तैयार हैं. इन सभी चुनौतियों से ममता बनर्जी को निपटना होगा.