मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उत्तर बंगाल के दौरे पर हैं. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्र की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला और कहा कि बंगाल को सिर्फ बंगाली लोग ही चला पाएंगे, दिल्ली के लोग नहीं. मुख्यमंत्री जलपाईगुड़ी में बोल रही थी. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि बंगाली भाषा बोलने के कारण बंगाल के प्रवासी श्रमिकों को दूसरे राज्यों में परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मैं भाजपा को चुनौती देती हूं कि बंगाल में 1 इंच जमीन तक नहीं मिलेगी…
मुख्यमंत्री ने जलपाईगुड़ी में कई कल्याणकारी योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. उन्होंने श्रम श्री योजना के अंतर्गत राज्य में पहली बार आर्थिक सहायता प्रदान की. उन्होंने एक प्रवासी श्रमिक की पत्नी को ₹5000 का चेक सौंपा. मुख्यमंत्री ने रेड बैंक चाय बागान में निर्मित 10 बिस्तरों वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कामकाजी महिला श्रमिक के बच्चों के लिए एक क्रेच का भी उद्घाटन किया. उन्होंने इस अवसर पर कई परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया.
उन्होंने मुख्यमंत्री पट्टा वितरण, किसान क्रेडिट कार्ड, कन्याश्री योजना और किसानों के लिए सरकारी सुविधा प्रदान की. उन्होंने जलपाईगुड़ी नगर पालिका के 25 वार्डों के लिए अमृत परियोजना के तहत पेयजल परियोजना का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहले ही 24000 प्रवासी मजदूरों को वापस से राज्य में ला चुके हैं. इन सभी को स्वास्थ्य साथी कार्ड की सुविधा भी मिलेगी. मुख्यमंत्री अपने भाषा आंदोलन को यहां धार दे रही थी. उन्होंने इसी पर फोकस किया.
ममता बनर्जी ने कहा कि जो श्रमिक बाहर जाते हैं, उन्हें सिर्फ इसलिए उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, क्योंकि वे बंगाली में बोलते हैं. मैं कहती हूं कि वे अधिक से अधिक बंगाली बोलें. देखते हैं कि किसमें कितनी हिम्मत है. ममता बनर्जी ने कहा कि अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी, सिलीगुड़ी और कूचबिहार के लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है. हमारे लोगों को बांग्लादेश भेजने की धमकी दी जा रही है. उनका गुनाह सिर्फ इतना है कि वे बंगाली में बोलते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्या बंगाली होना गुनाह है? उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रविंद्र नाथ टैगोर, खुदीराम बोस का उदाहरण देते हुए कहा कि देश का नेता ऐसा ही होना चाहिए, जो देश को समझे. जो नेता जाति के आधार पर बाटे, वह कभी नेता नहीं हो सकता. वह हमें डरा नहीं सकते. हम कभी हार नहीं मानेंगे. उनकी धमकी के आगे हम कभी सर नहीं झुकाएंगे.
उत्तर कन्या स्थित प्रशासनिक बैठक में संवाददाताओं के एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल की स्थिति पर हम गहरी नजर बनाए हुए हैं. हमारे लोग नेपाल में गए हैं. उनके लौटने की प्रतीक्षा की जा रही है. मैं स्वयं स्थिति पर नजर रख रही हूं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बृहस्पतिवार को कोलकाता लौट जाएंगी.