जब मिरिक जैसे शांत, सुरम्य, सुंदर और सुरक्षित स्थान में किसी बालिका के साथ, वह भी स्कूल में, दिनदहाड़े दुष्कर्म की घटना घटती है तो एक साथ कई सवाल खड़े हो जाते हैं. एक नाबालिग स्कूली बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना से मिरिक हतप्रभ रह गया. मिरिक पुलिस ने अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी की है. यह घटना शर्मसार करने वाली है. आरोप है कि इस मामले को स्कूल पक्ष दबा देना चाहता था. लेकिन पीड़ित परिवार ने हिम्मत दिखाई और पुलिस का दरवाजा खटखटाया. बाल सुरक्षा को लेकर कार्य कर रहे एक एनजीओ संगठन ने भी पीड़ित परिवार की मदद की. क्या है पूरा मामला?
12 सितंबर को मिरिक के एक माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक दिवस को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विद्यालय में कार्यक्रम चल रहा था. उसी समय चार छात्राएं उठकर क्लास रूम में चली गयीं. वहां उनके अलावा कोई नहीं था. इसी बीच वहां एक छात्रा को छोड़कर अन्य लड़कियां वॉशरूम की बात कह कर कक्षा से बाहर चली गई. तभी वहां चार छात्र आए. उनमें से एक छात्र कक्षा में घुस गया और लड़की से कहा कि वह उससे मोहब्बत करता है. लेकिन लड़की ने कहा कि वह उससे मोहब्बत नहीं करती. जब छात्रा ने लड़के का प्रेम प्रस्ताव ठुकरा दिया तब छात्र अपना आपा खोने लगा. उसने आवेश में आकर लड़की के साथ जबरदस्ती करना शुरू कर दिया. इस घटना से पता चलता है कि यह पूरा मामला पूर्व नियोजित था.
कुछ देर के बाद वह हो गया, जो नहीं होना चाहिए था. क्लासरूम से लड़की रोते हुए बाहर निकली. लड़की की हालत बता रही थी कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है. उसके कपड़े अस्त-व्यस्त थे और चेहरा आंसुओं से भीगा हुआ नजर आ रहा था. एक छात्र के द्वारा छात्रा के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म की घटना की खबर विद्यालय को हुई तो जैसे विद्यालय में भूचाल आ गया. शिक्षक दिवस पर चल रहे कार्यक्रम को जैसे तैसे निपटाकर इस मामले की लीपापोती में विद्यालय पक्ष जुट गया ताकि घटना की खबर बाहर किसी को ना हो सके. अन्यथा विद्यालय की बदनामी होगी.
उधर घटना को अंजाम देने के बाद लड़के वहां से फरार हो चुके थे. बताया जा रहा है कि विद्यालय पक्ष ने बालिका को यह बात घर पर माता-पिता अथवा अभिभावकों से नहीं बताने के लिए आग्रह किया. लेकिन इतनी बड़ी घटना घट जाए और बालिका घर में किसी को ना बताए, ऐसा भला कहां होता है. घर में लोगों को पता चला तो वे भी धर्म संकट में पड़ गए. पुलिस में जाने का मतलब बदनामी लेकिन खामोश रहने का मतलब दुष्कर्म को प्रोत्साहन देना था. उन्होंने विद्यालय से संपर्क किया. विद्यालय ने पीड़िता पक्ष को भरोसा दिया कि उनके साथ पूरा इंसाफ होगा और दोषी के साथ विद्यालय स्तर पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
उसी बीच इस घटना की जानकारी एक एनजीओ को हो गई. एनजीओ के अधिकारियों ने पीड़ित पक्ष से संपर्क करके इस घटना को पुलिस में ले जाने के लिए प्रोत्साहित किया. हालांकि पीड़ित लड़की के घर वाले मामले को पुलिस तक नहीं ले जाना चाहते थे. परंतु एनजीओ के बीच में आने के बाद यह मामला मिरिक पुलिस स्टेशन तक पहुंच गया. यह घटना 12 सितंबर को घटी थी. लेकिन इसकी रपट मिरिक थाने में 19 सितंबर को दर्ज कराई गई. मिरिक पुलिस ने भारतीय दंड विधान की धारा 376 और पोक्सो एक्ट 6 के तहत यह मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी है.
इस मामले में अब तक पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. सूचना है कि घटना का मुख्य आरोपी पकड़ा जा चुका है. उसे पुलिस ने 25 सितंबर को गिरफ्तार किया था. दूसरा आरोपी कल गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने आरोपियों को अदालत में प्रस्तुत करके रिमांड पर लिया है. पुलिस घटना के बाकी आरोपियों की तलाश कर रही है. रिमांड पर लिए गए लड़कों से पुलिस की पूछताछ जारी है की जांच कर रही है. पहाड़ में घटी अपनी तरह की यह पहली घटना है. इसलिए इस घटना का शोर हो रहा है. यह घटना दर्शाती है कि बालिकाएं विद्यालय में भी सुरक्षित नहीं है. अब समय आ गया है कि विद्यालय पक्ष बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाई-टेक कदम उठाए. अन्यथा बालिकाएं विद्यालय जाने से कतराएंगी और इसका सामाजिक संतुलन पर व्यापक असर होगा.