क्या कोरोनावायरस एक बार फिर भारत में पांव पसार रहा है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि वर्तमान समय में कोरोना संक्रमण जैसे लक्षण के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. पूरे देश में 24 घंटों में कोरोनावायरस के 3016 मामले सामने आए हैं. पॉजिटिव रेट 2.73% है. जबकि साप्ताहिक पॉजिटिव रेट 1.71% है.अगर आंकड़ों की बात करें तो पिछले 6 महीने में यह सर्वाधिक आंकड़ा है.
सिलीगुड़ी में सर्दी, खांसी व बुखार के मरीज कम नहीं है. जिन्हें यह संक्रमण हुआ है, वह घर पर ही अपना इलाज करा रहे हैं. इनके लक्षण कोरोना से मिलते जुलते हैं. तो क्या यह सभी कोरोनावायरस के मरीज हैं? हालांकि विशेषज्ञों की राय है कि अगर जांच कराई जाए तो कोरोना संक्रमित की तादाद बढ़ सकती है.जबकि दूसरी ओर कुछ एक्सपर्ट का विचार है कि यह कोई कोरोनावायरस नहीं है. मौसम बदलने के कारण फ्लू के लक्षण हैं, जिसे कोरोना समझकर लोग घबरा रहे हैं. कम से कम गुरुग्राम के सीके बिरला हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर एंड पल्मनोलॉजी के हेड डॉ कुलदीप कुमार ग्रोवर का तो यही मानना है.
जबकि अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि देश में कोरोना का नया सब वैरीअंट एक्सबीबी.1.16 हो सकता है और इसके कारण भविष्य में नई लहर आ सकती है. दिल्ली महानगर में लगभग 6 महीने बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 300 पहुंच गई है. जबकि 24 घंटों में 2 लोगों की कोरोना से मौत भी हुई है. दिल्ली में संक्रमण दर 13.89% है. हालांकि यह भी दावा किया जा रहा है कि यह पहले की भांति ज्यादा हानिकारक नहीं है. तो क्या यह एक तरह का फ्लू ही है, जिसे कोरोना समझा जा रहा है?
हमारे यहां ऐसी सटीक तकनीक उपलब्ध नहीं है ताकि कोरोना का ठीक ठीक पता लगाया जा सके. मिलते जुलते लक्षणों को भी कोरोना मान लिया जाता है. इसलिए विशेषज्ञों का विचार है कि वर्तमान में जो स्थिति है उसे कोरोनावायरस कहना या समझना ठीक नहीं होगा. हालांकि अधिकांश विशेषज्ञों की सलाह के बाद केंद्र सरकार ने एहतियातन तैयारी शुरू कर दी है. दिल्ली में भी आपातकालीन मीटिंग बुलाई गई है. केंद्र सरकार भी अपने स्तर पर स्वास्थ्य सिस्टम को ठीक करने पर जोर दे रही है.
अब देखना होगा कि जिसे कोरोना समझा जा रहा है, वह वास्तव में फ्लू है या फिर कोरोना? अगर कोरोनावायरस है तो वह कितना घातक सिद्ध होगा. सिलीगुड़ी में इससे निबटने की प्रशासन की क्या तैयारी है. इन सभी सवालों का जवाब मिलने का इंतजार है!