सिक्किम सरकार ने सिक्किम घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए एक नई अधिसूचना जारी की है, जिस पर अभी प्रतिक्रिया आना बाकी है.पर्यटक तथा सिक्किम के दर्शनीय स्थानों पर घूमने के इच्छुक लोग सिक्किम सरकार के इस फैसले को किस रूप में लेते हैं, यह देखना होगा. लेकिन आज जिस तरह से सिक्किम सरकार ने देश के विभिन्न इलाकों से सिक्किम आने वाले लोगों के लिए जो गाइडलाइन जारी किया है, उस पर कुछ लोग सवाल भी उठा सकेंगे.
हालांकि सिक्किम सरकार की विज्ञप्ति में पर्यटकों तथा सिक्किम आने वाले लोगों की सुरक्षा की बात कही गई है. इसमें कोई दो राय नहीं कि सिक्किम सबसे ऊंचे पर्वत पर स्थित है. यहां कई दर्शनीय स्थान है जो काफी ऊंची जगह पर स्थित है. अनेक पर्यटक जब सिक्किम आते हैं तो ऐसे ऊंचे दर्शनीय स्थानों पर जाने में उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.खासकर सांस लेने में कठिनाई होती है. कई पर्यटक तो रास्ते में ही बीमार हो जाते हैं.
सिक्किम सरकार की अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसे सभी लोगों का हित और सुरक्षा के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है. दरअसल सिक्किम सरकार ने सिक्किम आने वाले सभी व्यवसायिक वाहनों और बसों में ऑक्सीजन kitts रखे जाने का आदेश जारी किया है. यह अनिवार्य होगा. अधिसूचना में कहा गया है कि ऑक्सीजन kitts स्वास्थ्य विभाग से प्रमाणित होना चाहिए या फिर जिस एजेंसी का ऑक्सीजन kitts हो, वह एजेंसी प्रमाणित हो.
सिक्किम में प्रवेश से पहले वाहन चालकों को अपने वाहन में इसे रखना अनिवार्य होगा. वाहन चालक ऑक्सीजन kitts को अधिकतम खुदरा मूल्य पर प्राप्त कर सकते हैं. वे पर्यटकों से इसकी कीमत वसूली कर सकते हैं. अर्थात अगर आप सिक्किम के पर्यटक केंद्रों पर जाना चाहते हैं तो अपना बजट बढ़ा लें. अपनी गाड़ी में ऑक्सीजन kitts लगाइए. इसके बाद ही आप अपनी पसंद की जगह पर जा सकते हैं.
कुछ पर्यटकों का मानना है कि हाल फिलहाल सिक्किम सरकार ने राज्य के लोगों के हित में कई घोषणाएं कर रखी है. उन पर अमल करने के लिए सरकार को पैसा चाहिए. सरकार पर्यटकों से ही पैसा वसूल करना चाहती है, जो कि अच्छी बात नहीं है. वहीं कुछ पर्यटकों का यह भी मानना है कि ऊंची पहाड़ी पर चढ़ने के समय कई लोग बीमार हो जाते हैं. उन्हें सांस की दिक्कत होने लगती है. ऐसे में ऑक्सीजन सिलेंडर की उन्हें आवश्यकता पड़ सकती है.इसलिए अगर सरकार ने वाहन में ऑक्सीजन kitts रखे जाने का आदेश जारी किया है तो यह सरकार का अच्छा कदम ही कहा जा सकता है.
हालांकि कुछ लोग दबे स्वर में यह सवाल भी उठाते हैं कि सिक्किम सरकार ने यह फैसला पहले क्यों नहीं लिया. क्योंकि सिक्किम में पर्यटक आज से नहीं आ रहे हैं. सरकार ने शुरू में ही पर्यटकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान क्यों नहीं किया? जो आज कर रही है. इसका मतलब है कि दाल में कुछ काला है. बहरहाल खबर समय इस पर कोई टिप्पणी करना नहीं चाहता. अब देखना होगा कि सिक्किम सरकार के इस फैसले को पर्यटक तथा वाहन चालक संगठन किस रूप में लेते हैं!