अयोध्या में प्रभु श्री राम लला की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही भारत का जन-जन खुद को ऐसा महसूस कर रहा है, जैसे अयोध्या में भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ है और भारत की प्रजा रामराज का हिस्सा बन चुकी है. संतोष, सुख, आनंद, परमानंद… यही अनुभूति हो रही है. हो भी क्यों नहीं, 500 सालों की लंबी प्रतीक्षा के बाद यह जो लम्हा आया है!
देश की तरह सिलीगुड़ी में भी कुछ ऐसी ही बयार बह रही है. जैसे कलयुग की जगह त्रेता युग में हम लौट गए हो. जब भगवान श्री राम 14 सालों के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, तो उस समय अयोध्यावासी इस खुशी में दीपावली मना रहे थे और प्रभु श्री राम के लिए पलक पांवड़े बिछा रहे थे. कुछ इसी तरह की अनुभूति सिलीगुड़ी में देखी गई.
घर में श्री राम, रास्ते में श्री राम, चौक चौराहों पर श्री राम, दफ्तर में श्री राम, वाहनों में श्री राम, बाइक पर श्री राम, ट्रक पर श्री राम, बस में श्री राम और जहां तक दृष्टि जाए, वहां श्री राम ही श्री राम के पोस्टर, झंडे, कट आउट और उल्लसित सनातन समाज! अयोध्या में प्रभु श्री राम लला विराजमान हो गए हैं, इसकी अनुभूति मात्र से पूरा सिलीगुड़ी शहर जय श्री राम बोल रहा था. क्या बच्चे, क्या बड़े, क्या बुजुर्ग, क्या महिलाएं सब झूम रहे थे.
आज संप्रदाय के बंधन भी टूट गए. कई जगह तो कुछ मुस्लिम महिलाओं ने भी श्री राम के ध्वज लहराए. बस्ती क्षेत्रों में रहने वाले हिंदू, मुस्लिम किसी भी जाति या धर्म का क्यों नहीं हो, उनके घरों में श्री राम की कोई ना कोई निशानी या प्रतीक अवश्य देखा गया. सिलीगुड़ी के निकट मेडिकल, कावाखाली, पोराझार, उत्तर कन्या, फुलबारी, डाबग्राम, चंपासारी, प्रधान नगर इत्यादि इलाकों में आज सुबह जब दो लोग आपस में मिले तो उनके बीच अभिवादन जय श्री राम ही था. दलों के नियम और आदर्श भी धरे रह गए. भाजपा, माकपा, कांग्रेस, तृणमूल, दल चाहे कोई भी हो, उनके कार्यकर्ता झूम रहे थे और 500 सालों के बाद मिले इस स्वर्णिम क्षण की खुशियां मना रहे थे. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने अपने घर पर अल्लाह तेरो नाम सबको सन्मति दे भगवान और रघुपति राजा राम गाया.
लोगों के घरों पर श्री राम ध्वज लहरा रहे थे. पूरे शहर में जहां तक दृष्टि जा रही थी, वहां श्री राम के झंडे या ध्वज ही नजर आ रहे थे. यू तो सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत सभी वार्डों में कुछ ऐसा ही खूबसूरत नजारा था,पर सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 8 और 9 में तो ऐसा अद्भुत नजारा था, जैसे यह अयोध्या का एक हिस्सा हो. शाम के समय तो दीप और रोशनी में दोनों ही वार्ड अद्भुत प्रस्तुति देने लगे. जलपाई मोड, एसएफ रोड, खालपारा, महावीर स्थान, रेल गेट, आलू पट्टी, विधान मार्केट, हिलकार्ट रोड, कोई भी स्थान श्री राम के ध्वज से वंचित नहीं था. जगह-जगह श्री राम के भजन और गोस्वामी तुलसीदास की चौपाइयों के श्लोक सुनाई पड़ रहे थे. शाम होते होते सिलीगुड़ी में आतिशबाजी और पटाखों का ऐसा अद्भुत नजारा था, सचमुच दिवाली के पटाखे छोड़े जा रहे हों. राम भक्तों में ऐसी खुशी और जोश था.
सिलीगुड़ी के धार्मिक और सामाजिक संगठनों और आम लोगों के द्वारा अपने घरों, सड़कों तथा सर्वत्र पटाखे और आतिशबाजी की गई. लोग पूरे जोश में थे. पूरे उत्साह में थे. सिलीगुड़ी के कोने कोने में मार्गों और कॉलोनी में रोशनी और दीप की अद्भुत समां के बीच आतिशबाजी और पटाखे लोगों की खुशी और आनंद का इजहार कर रहे थे.
आज सिलीगुड़ी में जगह-जगह भंडारों का भी आयोजन किया गया था. मंदिरों मे प्रसाद वितरण किया गया. भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जगह-जगह प्रसाद वितरण और भंडारे के कार्यक्रम देख रहे थे. सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक शंकर घोष को प्रसाद वितरण करते देखा गया. इसके अलावा सिलीगुड़ी के धार्मिक संगठन और सामाजिक संगठनों ने भी भगवान श्री राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में पूजा पाठ के साथ ही प्रसाद वितरण और भंडारे का आयोजन किया.
आज मौसम साफ था. सुबह से ही वातावरण में एक दिव्य खुशबू तैर रही थी. रात लोगों ने प्रभु श्री राम की वनवास वापसी की प्रतीक्षा में ही काट दी. सुबह हुई तो प्रकृति में एक नई चेतना और ऊर्जा भरी थी. दूर माइक से हनुमान चालीसा और भगवान श्री राम के भजन सुनाई दे रहे थे. सुबह सवेरे स्नान पूजा के साथ ही लोग टीवी से चिपक कर बैठ गए. महिलाओं ने जैसे उपवास रखा था. जब तक प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो जाती, तब तक वे अन्न जल ग्रहण नहीं करेंगी.
सिलीगुड़ी के सभी मंदिरों में दिव्यता की धारा बह रही थी. मंदिरों में विराजमान भगवान और देवता भी काफी प्रसन्न थे. आज पंडित, साधु संत सब सभी के चेहरे पर एक अनोखी चमक थी. जैसे अयोध्या में प्रभु श्री राम लला के चेहरे पर जीवंत मुस्कान है, कुछ इस तरह से सिलीगुड़ी के मंदिरों में भी देवी देवता सजीवन मुस्कुरा रहे थे और अपने भक्तों को आशीर्वाद दे रहे थे. सुबह 9 बजे से ही सिलीगुड़ी के सभी प्रमुख मार्गों पर शोभायात्रा शुरू हो गई. जहां-जहां शोभा यात्रा गई, भगवान श्री राम के जयकारे और जय श्री राम के नारों के साथ भक्तों का जन सैलाब उमड पड़ा. जिसके कारण कई जगह ट्रैफिक को रोक देना पड़ा. यह देर शाम तक चलती रही. शोभा यात्रा जहां-जहां से गुजरी, एक ही स्वर बुलंद हो रहा था- …भारत का बच्चा-बच्चा जय श्री राम बोलेगा या जय श्री राम…
सिलीगड़ी पुलिस प्रशासन भी राम भक्तों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण शोभा यात्रा के लिए मुस्तैद नजर आ रहा था. हिल कार्ट रोड में शांतिपूर्ण शोभायात्रा के पूरे इंतजाम किये गये थे. कुछ समय तक हिल कार्ट रोड पर वाहनों का आवागमन बंद रखा गया. एयर व्यू मोड पर पिछले दो दिनों से अयोध्या विराजमान है. शाम के समय यहां का दिलकश नजारा कुछ ऐसा था कि यह अयोध्या की तरह ही खूबसूरत नजर आ रहा था.
सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में सब जगह सनातनी समाज के साधारण लोगों और व्यवसायियों ने प्रभु श्री राम लला प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के उपलक्ष में अपने स्तर पर कार्यक्रम किये और नाच गाकर उत्सव मनाया. सेठ श्री लाल मार्केट, विधान मार्केट इसका गवाह बना. यहां लोग श्री राम धुन पर नाच रहे थे और प्रभु श्री राम की वनवास वापसी का जश्न मना रहे थे. इसी तरह से पंजाबी पाड़ा में भी कुछ अद्भुत नजारा था. यहां भी कई कार्यक्रम किए गए. इस्कॉन मंदिर, सालासर दरबार, खाटू श्याम मंदिर , काली मंदिर, शिव मंदिर और लगभग सभी मंदिरों में भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. रात के समय मंदिर और घरों में लोगों ने अपने-अपने घर के दरवाजे के सामने दीप जलाए. इसमें कोई संदेह नहीं था कि समय से पहले ही सिलीगुड़ी ने एक अनोखी दिवाली मनाई है. यह अनोखी दिवाली प्रभु श्री राम की वनवास वापसी के बाद अयोध्या में विराजमान होने के उपलक्ष्य में थी. जिसके लिए भारत के सनातनी समाज ने 500 सालों की कठोर तपस्या की थी!