अबुल हसन मौला उर्फ दूरंतो यही नाम है उस व्यक्ति का, जिसने ED की टीम पर उस समय हमला कर दिया, जब जनवरी 2024 में ED की टीम उत्तर 24 परगना जिले के संदेश खाली में तृणमूल नेता शाहजहां शेख के घर पहुंची थी. कदाचित प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को भी इसका अंदेशा नहीं था. संदेशखाली मुद्दा उस समय काफी गरमाया हुआ था और विपक्ष खासकर भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे पर ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की थी.
जनवरी 2024 से पहले तब संदेशखाली को कोई इतना जानता नहीं था. संदेश खाली गांव की महिलाओं के एक समूह ने स्थानीय तत्कालीन तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और उनके साथियों पर सुनियोजित यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप लगाया था. संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया था. ED की टीम सार्वजनिक वितरण प्रणाली घोटाले के सिलसिले में टीएमसी नेता शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने आयी थी.
लेकिन शाहजहां शेख फरार हो गए थे. घटना के एक महीने बाद 7 फरवरी को संदेश खाली में महिलाओं के समूह ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया और उनके नेताओं पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था. विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए, जब महिलाओं ने अपने अत्याचारियों के अत्याचार को और दबाने से इनकार कर दिया. वे सालों से सत्ताधारी नेताओं के हाथों अकल्पनीय अत्याचारों को सहते हुए डर के साए में जी रही थीं.
खतरों के बावजूद उन्होंने न्याय और शोषण के अंत की मांग करते हुए आवाज उठाई थी. उन्होंने अपने हाथों में बांस की लाठियां और झाड़ू लेकर प्रदर्शन किया था और शाहजहां शेख की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए एक स्थानीय पुलिस थाने का घेराव भी किया था. उस समय यह मामला सुर्खियों में था और भाजपा के कद्दावर नेता तथा स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंगाल में अपनी चुनाव सभाओं में इसे प्रमुखता से उठाया था.
तब से यह व्यक्ति फरार चल रहा था. दुरंतो को गिरफ्तार करने के लिए राज्य पुलिस से लेकर खुफिया एजेंसियों के अधिकारी और सभी जांच एजेंसियां पीछे लगी हुई थीं. लेकिन दुरंतो को गिरफ्तार करना आसान नहीं था. वह भूमिगत हो गया था. सीबीआई की स्पेशल क्राइम ब्रांच की टीम के अनुसार दुरंतो उर्फ मौला लगातार जांच से बच रहा था और सीबीआई के नोटिस के बावजूद पेश नहीं हो रहा था. उसके खिलाफ अदालत द्वारा गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था.
एक कहावत काफी मशहूर है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं. कानून की आंख से अब तक कोई नहीं बच सका है. इसमें भले ही देर होती हो, लेकिन एक न एक दिन अपराधी पकड़ा ही जाता है. संदेश खाली मामले की जांच कर रही सीबीआई के अधिकारियों ने दुरंतो उर्फ मौला को पकड़ने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रखी थी. क्योंकि यह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर हमले का सीधा मामला था. ऐसे में जांच एजेंसियां भला आरोपी को ऐसे कैसे जाने दे सकती थी!
फरार आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए कई टीमें बनाई गई. गुप्तचर एजेंसियों के अधिकारी काफी सक्रिय थे और सीबीआई अधिकारियों को जरूरी सूचनाएं प्रदान कर रहे थे. आज संदेश खाली से सटे दक्षिणी 24 परगना जिले में दुरंतो उर्फ मौला के पाए जाने की सूचना मिलते ही सीबीआई के अधिकारी तुरंत ही मौके पर पहुंच गए और उसे धर दबोचा. आपको बताते चलें कि इस हमले के मामले में तृणमूल कांग्रेस से निलंबित नेता शाहजहां शेख जेल में बंद हैं.
