एक बार फिर से सिलीगुड़ी के बाजार में सफेद चीनी लहसुन बिकने लगा है. देसी लहसुन से सस्ता चीनी लहसुन सफेद और आकर्षक भी होता है. काफी संख्या में ग्राहक चीनी लहसुन को पसंद कर रहे हैं.परंतु उन्हें पता नहीं है कि यह लहसुन उनकी सेहत से खिलवाड़ भी कर रहा है. बाजार के जानकारों की माने तो चीनी लहसुन को उगाने में खतरनाक स्तर के रसायनों का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा कीटनाशकों का इसमें उच्च स्तर देखा जा सकता है. ऐसे में इस लहसुन को खाकर मनुष्य बीमारियों का शिकार हो सकता है. यही कारण है कि भारत सरकार ने चीनी लहसुन के आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है.
लेकिन इसके बावजूद चीनी लहसुन सिलीगुड़ी के रेगुलेटेड मार्केट में पुलिस की नाक के नीचे भारी मात्रा में मंगाया जा रहा है और बेचा भी जा रहा है. इसका देसी लहसुन के व्यापार पर भारी असर पड़ा है. देसी लहसुन की मांग कमजोर पड़ती जा रही है. इसके अलावा अर्थव्यवस्था पर भी भारी असर पड़ रहा है. यह लहसुन एक तरफ लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा है तो दूसरी तरफ सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर सिलीगुड़ी के बाजार में चीनी लहसुन की आवक कैसे और क्यों हो रही है.
आपको याद होगा कि पिछले साल भी सिलीगुड़ी के बाजार में चीनी लहसुन की भरमार हो गई थी. बाद में प्रशासन का ध्यान इस तरफ गया तो धीरे-धीरे स्थिति पर नियंत्रण पा लिया गया. एक बार फिर से यही स्थिति बनती नजर आ रही है. आपको बता दें कि चीनी लहसुन एकदम सफेद होता है. जबकि देसी लहसुन मटमैले रंग का छोटे साइज में होता है. चीनी लहसुन बड़ा-बड़ा होता है.एक नजर में ही दोनों के बीच फर्क को पहचाना जा सकता है. स्वास्थ्य और मिट्टी के हिसाब से देसी लहसुन काफी लाभदायक है.
सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट पोटैटो एंड अनियन मर्चेंट एसोसिएशन ने चीनी लहसुन के खिलाफ कमर कस ली है. सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट में चीनी लहसुन की बढती आवक को देखते हुए इस पर तुरंत रोक लगाने और देसी लहसुन के बाजार को बढ़ावा देने के समर्थन में संगठन ने आंदोलन शुरू कर दिया है. संगठन के सदस्यों का मानना है कि चीनी लहसुन बाजार में कैसे आता है और उसे कौन लोग ले आते हैं. पुलिस और कस्टम विभाग के लोग इस पर निगरानी बढ़ाएं. बुधवार को संगठन के सदस्यों ने एक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया और कस्टम विभाग को एक ज्ञापन भी सौपा है.
सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट पोटैटो एंड अनियन मर्चेंट एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के बाजार में चीनी लहसुन को एक साजिश के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके कारण देसी लहसुन की मांग लगातार घटती जा रही है. इसका किसानो की आय पर भारी असर पड़ा है. इतना ही नहीं उत्पादक किसानों के साथ-साथ थोक विक्रेताओं और कमीशन एजेंट के कमीशन और व्यवसाय पर भी असर पड़ा है. एक तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है. संगठन के सदस्यों ने पुलिस और कस्टम विभाग के अधिकारियों से जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई करने की मांग की है.
मजे की बात तो यह है कि सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के नजदीक प्रधान नगर पुलिस स्टेशन भी स्थित है. यहां ट्रकों में भरकर चीनी लहसुन की अनगिनत बोरियां मंगाई जाती हैं और अनलोडिंग होती है. लेकिन पुलिस इस पर कोई कार्रवाई नहीं करती. सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कमेटी इस ओर से आंखें मूंदे हुए है. लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने वाले सफेद चीनी लहसुन को बाजार में बिक्री से रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन को भी कदम उठाने की जरूरत है. यह न केवल स्वास्थ्य के हिसाब से ही महत्वपूर्ण होगा बल्कि स्थानीय खेती को बचाने और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए भी यह जरूरी है. अब देखना होगा कि बाजार में चीनी लहसुन की आवक को कम करने तथा उसकी बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए स्थानीय प्रशासन क्या कदम उठाता है!
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