बरसों पहले एक सीरियल देखा था,सास भी कभी बहू थी! सास बहू के रिश्ते बनते और बिगड़ते रहते हैं. सदियों से यही देखा गया है. लेकिन आजकल ना तो वैसी बहू रही और ना ही सास. रिश्तो की मिठास खत्म होती जा रही है. भौतिकवाद, रुपया-पैसा, संपत्ति, ऐशो आराम रिश्तों पर भारी पड़ता जा रहा रहा है. भौतिकता की भूख पारिवारिक रिश्तों को खत्म करती जा रही है. जिसका नतीजा पारिवारिक कलह, अशांति, झगड़ा,मार-पीट, सास बहू के बीच की बढती दूरियां…
कभी-कभी सास बहू के रिश्ते उन्हें ऐसे मोड़ पर ले आते हैं, जहां दोनों में से किसी एक का फैसला करना पड़ जाता है. इन सब के पीछे भौतिक सुख और संपत्ति ही प्रबल रहती है. हालांकि कलयुग में इस तरह की घटनाएं बहुत हो रही है, परंतु पहाड़ के बारे में कहा जाता है कि वहां के लोग उदार, रहमदिल और दिलदार होते हैं, और जब वहां एक बहू के द्वारा सास के कत्ल की घटना सामने आती है, तो क्या यही कहा जा सकता है कि कलयुग में बहू ऐसी ही होती है?
यह घटना कालिमपोंग पुलिस थाना के अंतर्गत साधुधारा, नजदीक बागधारा इलाके में घटित हुई है. यहां मिश्रीलाल प्रसाद का परिवार हंसी खुशी रहता था. परिवार में मिश्रीलाल प्रसाद की पत्नी उमा देवी, उनकी बहू बबीता कुमारी तथा दूसरे सदस्य रहते थे. आसपास के लोगों से मिली जानकारी के अनुसार परिवार में तो सब ठीक था. लेकिन सास बहू के रिश्ते ठीक नहीं थे. दोनों के बीच अक्सर कहा सुनी, लड़ाई झगड़े होते रहते थे. इन सभी के मूल में संपत्ति और पैसा जिम्मेवार था. सूत्रों ने बताया कि बबीता चाहती थी कि सास अपनी सारी संपत्ति रुपया पैसा ,बेटा-बहू के नाम कर दें. लेकिन सास को यह मंजूर नहीं था. इसी बात को लेकर अक्सर सास बहू के बीच तलवारे खिची रहती थी.
पिछली शाम लगभग 7:00 बजे किसी बात को लेकर एक बार फिर से सास बहू में झगड़ा शुरू हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि उसी समय बहू बबीता ने एक धारदार हथियार से सास पर हमला कर दिया. उसने अपनी सास के चेहरे पर 2 बार हमला किया. जब उमा देवी लहूलुहान होकर गिर पड़ी, तब तक पड़ोसियों को घटना की जानकारी हो चुकी थी. आसपास के लोग भाग कर पहुंचे. उन्होंने बुरी तरह घायल उमा देवी को जख्मी हालत में कालिमपोंग जिला अस्पताल पहुंचाया लेकिन डॉक्टरों ने उमा देवी को मृत्य घोषित कर दिया.
जैसे ही इस घटना की खबर कालिमपोंग पुलिस को हुई तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर छानबीन करनी शुरू कर दी. पुलिस ने पड़ोसियों के भी बयान लिए. प्रारंभिक पूछताछ के बाद पुलिस उमा देवी को पूछताछ के लिए थाना ले गई, जहां पुलिस अधिकारियों ने घुमा फिरा कर पूछताछ की. अंततः बबीता ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने उस हथियार को भी बरामद कर लिया, जिससे उसने अपनी सास को मौत के घाट उतारा था.
कालिमपोंग पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बबीता ने राड से अपनी सास पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था. पुलिस ने उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. आज पुलिस ने उसे कालिमपोंग जिला अदालत में पेश किया, जहां न्यायाधीश महोदय ने बबीता को 5 दिनों के रिमांड पर पुलिस के सुपुर्द कर दिया. इस बीच सास बबीता देवी के शव का पोस्टमार्टम के बाद उनके परिवार वालों को सौंप दिया गया है. बबीता ने संपत्ति और जायदाद के लिए जो रास्ता चुना. उसे संपत्ति और जायदाद तो नहीं मिली, अपितु जेल की काल कोठरी जरूर मिली है. बबीता देवी अपने गुनाहों का प्रायश्चित कर रही है.