विगत 28 अगस्त को गुजरात के जामनगर से लापता हुए सिक्किम के दो छात्र पलजोर तमांग और देवराज सुब्बा को सकुशल बरामद कर लिया गया है. कानूनी औपचारिकताओं के बाद इन दोनों बच्चों को उनके माता-पिता के हवाले कर दिया जाएगा. जैसे ही यह खबर मुख्यमंत्री गोले के माध्यम से सिक्किम की जनता तक पहुंची, सिक्किम के लोगों ने राहत की सांस ली और पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया. कहा जा रहा है कि छात्रों की बरामदगी में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
वर्तमान समय में बच्चों की तस्करी एक सामान्य घटना हो गई है. कई संगठित आपराधिक गिरोह विद्यालय अथवा खेल के मैदान से बच्चों को गायब कर लेते हैं तथा उनका इस्तेमाल चोरी, तस्करी और गलत कामों के लिए करते हैं. यही कारण है कि इन दिनों विद्यालय अथवा कैंपस में बच्चों की सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था की जाती है. घर पर माता-पिता तथा विद्यालय में विद्यालय प्रबंधन बच्चों की सुरक्षा के प्रति उत्तरदाई होते हैं. आजकल बच्चों की एक-एक गतिविधि की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
सिक्किम के लापता दोनों बच्चों को बरामद करने में भी सीसीटीवी कैमरे की महत्वपूर्ण भूमिका है. इसके अलावा सिक्किम के जिस शख्स की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है, वह स्वयं मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग है. जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से मामले में रुचि ली और गुजरात तथा राजस्थान सरकार से कार्रवाई करने का आग्रह किया था. उनके अनुरोध पर ही दोनों प्रदेशों की सरकारों ने पुलिस विभाग को विशेष फरमान जारी किया और अंततः दोनों ही छात्रों को बरामद कर लिया गया. सिक्किम के मुख्यमंत्री ने दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्री समेत पुलिस महकमा का आभार व्यक्त किया है.
मिल रही जानकारी के अनुसार सिक्किम के सिंगताम के निवासी पलजोर तमांग और देवराज सुब्बा गुजरात के जामनगर स्थित नौतन पुरी धाम स्कूल में रहकर पढ़ाई करते थे. 28 अगस्त की सुबह 10:00 बजे यह दोनों बच्चे जामनगर से लापता हो गए. जैसे ही यह सूचना सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग को दी गई, मुख्यमंत्री ने बिना समय गंवाए गुजरात सरकार से संपर्क किया और लापता बच्चों की बरामदगी के लिए कार्रवाई करने का अनुरोध किया. गुजरात सरकार के विशेष निर्देश के बाद आनन फानन में छात्रों को ढूंढने के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया.
पुलिस ने विद्यालय और आसपास में पूछताछ करते हुए सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया और इसके जरिए पता लगाया कि लापता दोनों छात्रों ने जामनगर से भागने के लिए परिवहन के विभिन्न साधनों का इस्तेमाल किया था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन दोनों छात्रों का संपर्क नेपाल के आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र प्रज्जवल पुष्पराज से था .29 अगस्त को दोनों छात्र और नेपाल के छात्र पुष्पराज को जयपुर रेलवे स्टेशन पर देखा गया, जहां नई दिल्ली जाने के लिए वह गाड़ी के इंतजार में थे. उन्होंने नई दिल्ली का टिकट भी खरीद रखा था.
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए लापता छात्रों की प्रगति रिपोर्ट की बराबर जानकारी ले रहे थे तथा वह सभी कदम उठा रहे थे जिनसे छात्रों की बरामदगी सुनिश्चित हो सके. मुख्यमंत्री आवश्यकता अनुसार अपने सूत्रों से लगातार संपर्क बनाए हुए थे. उन्होंने नई दिल्ली में सिक्किम के रेजिडेंट कमिश्नर को मामले को देखने के लिए कहा. उनके विशेष अनुरोध के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर छात्रों की बरामदगी के लिए पुलिस की विशेष चार सदस्य टीम ने तलाशी अभियान चलाया. अंततः लापता छात्रों को ढूंढ निकाला गया और उन्हें नई दिल्ली स्थित सिक्किम भवन में ले जाया गया.
यहां लापता छात्रों से विशेष पूछताछ के बाद उन्हें जामनगर पुलिस के हवाले किया जाएगा. तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद छात्रों को उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा. इसमें कोई शक नहीं कि छात्रों की बरामदगी में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. अगर उनका प्रयास नहीं होता तो शायद अब तक लापता छात्रों का कोई पता नहीं चलता!