April 28, 2024
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दलाई लामा का आशीर्वाद वि.स.चुनाव में गोले का कितना बेड़ा पार करेगा!

सिक्किम के बारे में यह कहा जाता है कि यहां या तो सरकारी कर्मचारी सरकार का चुनाव में बेरा पार लगाते हैं. या फिर जनता का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक लगाव किसी पार्टी को सत्ता के करीब ले जाती है. प्रेम सिंह तमांग ने इन दोनों ही मोर्च पर जमकर चौके छक्के लगाए हैं.

सिक्किम में आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा का शुभागमन हो रहा है. दलाई लामा 10 अक्टूबर को सिक्किम आएंगे. वे सिक्किम के मुख्यमंत्री गोले के विशेष आमंत्रण पर सिक्किम आ रहे हैं. दरअसल 2019 से ही सत्ता में आते ही गोले ने दलाई लामा को सिक्किम में बुलाने का प्रयास तेज कर दिया था. गोले के परम पूज्य दलाई लामा हैं. विधानसभा चुनाव से पहले सिक्किम में दलाई लामा के आगमन को मुख्यमंत्री के राजनीतिक आशीर्वाद से जोड़कर देखा जा रहा है.

सिक्किम में 2024 का विधानसभा चुनाव मौजूदा मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के लिए काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि सिक्किम का राजनीतिक इतिहास रहा है कि यहां अब तक सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों ने चुनाव में बार बार वापसी की है. उदाहरण के लिए नर बहादुर भंडारी से लेकर चामलिंग तक.इन मुख्यमंत्रियों ने एक लंबे समय तक सिक्किम पर शासन किया है. ऐसे में गोले के लिए भी यह चुनौती होगी कि उनकी पार्टी दोबारा सिक्किम की सत्ता में आए और वह मुख्यमंत्री के रूप में सिक्किम की जनता के समक्ष चुनकर आए.

सिक्किम में अगला चुनाव एसडीएफ बनाम एसकेएम के बीच होगा. हमरो सिक्किम पार्टी का एसडीएफ में विलय हो रहा है. बाइचुंग भूटिया एसडीएफ की तरफ से चुनाव लड़ेंगे. पवन चामलिंग गोले को हराने के लिए ताल ठोक कर खड़े हैं. उनके पास एक लंबा राजनीतिक अनुभव भी है. चुनाव जीतने की कला और अनुभव भी है.ऐसे में गोले उनका मुकाबला कैसे कर पाएंगे? इसके जवाब में सिक्किम के मुख्यमंत्री ने कहा कि सिक्किम में कुल 32 सीटें हैं. वह सभी की सभी सीटें जीतेंगे. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि चाहे कोई किसी भी पार्टी में शामिल हो, उनकी पार्टी एसकेएम 2024 के चुनाव में 32 में से 32 सीटें जीतेगी और फिर से सरकार बनाएगी. मुख्यमंत्री का यह आत्मविश्वास उपरोक्त कारणो से ही है.

सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने बाइचुंग भूटिया का नाम लिए बिना कहा कि बरफोंग की जनता उन लोगों को कभी वोट नहीं देगी जो राजनीतिक लाभ के लिए मतदाता सूची में अपना नाम हटाकर राज्य से बाहर चुनाव लड़ते हैं और सिक्किम तथा दार्जिलिंग के विलय का समर्थन करते हैं. आपको बताते चलें कि दक्षिण सिक्किम के नामची जिला के अंतर्गत बरफोंग समष्टि के 1300 से अधिक लोग सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट छोड़कर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा में शामिल हो चुके हैं. सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने रावबांग्ला बाजार की न्यू मार्केट में आयोजित एक संयुक्त कार्यक्रम में सभी सदस्यों का अपनी पार्टी में स्वागत किया है.

विदित हो कि 2019 के चुनाव में प्रेम सिंह तमांग की पार्टी बरफोंग सीट हार गई थी. 2024 के चुनाव में यह सीट जीतने के लिए मुख्यमंत्री ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. उन्होंने बरफोंग की जनता से फायदा किया है कि उनके साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा और विकास के कार्य निष्पक्ष रूप से किए जाएंगे. 2024 चुनाव में अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता और कर्मचारियों के बीच सांस्कृतिक व आध्यात्मिक संबंध स्थापित करने के लिए एक तरफ जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं करके राज्य के कर्मचारियों को खुश करने की कोशिश की है. जैसे उन्होंने 1 जनवरी 2023 से सरकारी कर्मचारियों का डीए 38% से बढ़कर 42% कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने 1 जनवरी 2023 तक के डीए कर्मचारियों को दशहरा से पहले तक एरियर देने का वादा किया है. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने राज्य में वन पोस्ट वन पेंशन योजना लागू करने की भी बात की है.

दूसरी तरफ मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने राज्य की जनता की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता मजबूत करने के लिए राज्य में दलाई लामा को बुलाया है. सिक्किम की जनता दलाई लामा को काफी चाहती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहती है. दलाई लामा 10 अक्टूबर को सिक्किम आएंगे और 14 अक्टूबर को अपना कार्यक्रम खत्म कर चले जाएंगे. यह दलाई लामा की सातवीं सिक्किम यात्रा होगी. दलाई लामा की पहली सिक्किम यात्रा 1956 में हुई थी. जबकि उनकी आखिरी सिक्किम यात्रा दिसंबर 2010 में संपन्न हुई थी.

दलाई लामा की सिक्किम यात्रा को ऐतिहासिक तथा यादगार बनाने के लिए मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग किसी तरह की कोई कमी नहीं रखना चाहते हैं. जानकार मानते हैं कि प्रेम सिंह तमांग को इसका चुनावी लाभ जरूर मिलेगा. अब यह देखना होगा कि राज्य के कर्मचारियों को खुश कर तथा सिक्किम की जनता के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता कायम करने का मुख्यमंत्री गोले को चुनाव में कितना बेड़ा पार कराता है.

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