सिक्किम के लिए NH 10 सिक्किम की जीवन रेखा माना जाता है. यह सिक्किम का एकमात्र राष्ट्रीय हाई वे है . इस मार्ग से होकर सेना के बड़े-बड़े ट्रक, यात्री वाहन आदि जाते हैं. सिक्किम में विनाशकारी आपदा के बाद NH 10 बंद हो गया था. अब यह मार्ग फिर से चालू होने की स्थिति में आ चुका है.
सिलीगुड़ी से गंगटोक जाने के लिए आमतौर पर यात्री वाहन चालक इसी मार्ग का उपयोग करते हैं. क्योंकि यह मार्ग जोखिम भरा नहीं है. और दूसरे सहायक मार्गो से काफी सुरक्षित भी माना जाता है. अगर आप सिक्किम जाएंगे तो दूसरे मार्ग से सिक्किम पहुंचने में कम से कम 2 घंटे ज्यादा समय लग जाता है. लेकिन NH 10 से होकर जाने में काफी समय की बचत होती है.
4 अक्टूबर को आए तीस्ता में आपदा के बाद तीस्ता से गैलखोला तक लगभग 2.8 किलोमीटर का राजमार्ग लगभग 10 जगह व्यापक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ था. यह मुख्य मार्ग रविझोड़ा, दुर्गा मंदिर के समीप पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. पानी उतरने के बाद मार्ग की मरम्मत का काम तेजी से शुरू हो गया था. कई जगह यह मार्ग तीस्ता नदी की भेंट चढ चुका था. एन एच आई डी सी एल के द्वारा युद्ध स्तर पर काम चल रहा है.
सूत्रों ने बताया कि 19 अक्टूबर से NH 10 पर आवागमन शुरू करने की योजना बनाई गई है. और इसी को ध्यान में रखकर तेजी से पुनर्निर्माण का काम चल रहा है. सुरक्षा दीवार का काम कई जगह पूरा हो चुका है. आज मौसम साफ होने से और तेजी से काम हुआ है. और यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि लक्ष्य के हिसाब से ही 19 अक्टूबर से NH10 आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा.
NH10 का सबसे बुरा हाल लीकूवीर में हुआ था. वहां लगभग 6 जगह तीस्ता नदी का सबसे बड़ा कटाव था. कल तक लिकूवीर पहाड़ से निकले पानी को राजमार्ग को खोद कर एवं पाइप लगाने का कार्य चल रहा था. यह विशेष पाइप होता है, जिसको ह्यूम पाइप भी कहते हैं. सड़क निर्माण का काम पीडब्ल्यूडी के अंतर्गत आता है. लेकिन इस रास्ते पर लगभग 3 किलोमीटर तक रास्ता बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने के कारण पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के भी होश उड़ गए. उसके बाद सरकार ने इसकी जिम्मेवारी एन एच आई डी सी एल को सौंप दी.
एनएचआईडीसीएल के अधिकारी और कर्मचारी कार्य को तय समय सीमा के अंतर्गत पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं.उन्होंने इस चुनौती को गंभीरता से लिया है. एक अधिकारी ने बताया कि हमारे लिए यह बड़ी चुनौती थी. यहां की भौगोलिक स्थिति, पहाड़ कटाई आदि कई तरह की विषमताएं थी. हमने इस चुनौती को भी स्वीकार किया है. अधिकारियों ने कहा कि मिट्टी नाजुक होने के कारण काम में थोड़ी परेशानी आ रही है.
काम की जटिलता का पता इसी बात से लग जाता है कि अगर नीचे से पहाड़ काटा जाता है तो ऊपर का भाग भी नीचे गिर जाएगा. इस स्थिति में काफी समय लग जाएगा. इसलिए बुद्धिमत्ता पूर्वक और पूरी सावधानी के साथ काम किया जा रहा है. वर्तमान स्थिति यह है कि राजमार्ग का एक तरफ का काम तो पूरा हो चुका है. पर बीच का काम अभी अधूरा है. अगर मौसम मेहरबान रहा तथा अन्य भौगोलिक आपदाओं का सामना न करना पड़ा तो 19 अक्टूबर से NH 10 आवागमन के लिए शुरू हो सकता है.