November 17, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सिगरेट और शराब महंगी होगी!

अगर आप सिगरेट और शराब के शौकीन हैं तो या तो इसका शौक छोड़ दें या फिर अपनी जेब भारी रखें. क्योंकि यह दोनों ही चीजें महंगी होने जा रही हैं. सिलीगुड़ी में सिगरेट और शराब के शौकीनों की संख्या अत्यधिक है. इसमें आम आदमी से लेकर सभी वर्ग और उम्र के लोग शामिल हैं. आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने आम बजट में दोनों ही वस्तुओं के महंगा होने का संकेत दे दिया है.

सबसे पहले सिगरेट की बात करते हैं. सरकार ने सिगरेट पर आकस्मिकता शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया है जो 16% है. इसका मतलब यह है कि सिगरेट अत्यधिक महंगी हो जाएगी. पिछले 2 सालों से सरकार ने सिगरेट की ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया है. सिगरेट के साथ साथ शराब भी महंगी होने जा रही है. शराब पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का प्रस्ताव है. सिलीगुड़ी में शराब पहले से ही महंगी हो गई है. बजट के प्रस्ताव लागू होने पर यह आम आदमी की खरीद से बाहर हो सकती है.

आज के आम बजट की कई विशेषताएं भी हैं. सरकार ने कई बड़ी योजनाओं का ऐलान किया है तो वही कई उत्पादों पर से पुराने शुल्क हटाए जाने के भी प्रस्ताव लाए गए हैं गए हैं. आम बजट के प्रस्ताव के अनुसार विदेशी छाता भी महंगा होगा. इसके अलावा विदेशी चिमनियों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जा रही है. इसे 7.5% से बढ़ाकर 15% किया जा रहा है. इसका अर्थ यह है कि विदेशी चिमनी भी महंगी हो जाएगी. उपरोक्त के अलावा प्लेटिनम, सोने चांदी के आभूषण आदि महंगे होने जा रहे हैं. इन वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई जा रही है.

बजट में रबड़ महंगा होने जा रहा है. सरकार ने बेसिक इंपोर्ट ड्यूटी को 10% से बढ़ाकर 25% करने का प्रस्ताव रखा है. इसका मतलब रबर अथवा रबर के उत्पाद महंगे हो जाएंगे.

अब दूसरी ओर ऐसी वस्तुओं पर नजर डालते हैं जो सस्ती होंगी. इन वस्तुओं में इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे मोबाइल, एलईडी टीवी,हीरे ,कपड़ा, मोबाइल कैमरा, लेंस, इलेक्ट्रिक गाड़ियां, साइकिल, हीरे के आभूषण ,बायोगैस उत्पाद ,इलेक्ट्रॉनिक खिलौने इत्यादि शामिल हैं. बजट में उपरोक्त वस्तुओं के आयात शुल्क में छूट का प्रस्ताव रखा गया है.

केंद्रीय आम बजट में बलेंडेड सीएनजी पर से जीएसटी हटाने का प्रस्ताव है. इसका मतलब blended सीएनजी की कीमतों में भारी कमी हो सकती है. Blended सी एन जी का मतलब हाइड्रोजन के साथ सीएनजी को मिक्स करना है. यह इसलिए कि इससे चलने वाली गाड़ियां fuel का कम से कम कंजपशन कर सकें. इस तरह से कहा जा सकता है कि आम बजट में हरित मोबिलिटी को बढ़ावा तथा डीजल और पेट्रोल पर भार को कम करना है.

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