August 5, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी में फल-फूल रहा है देह व्यापार!

पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार सिलीगुड़ी व्यापार और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध रहा है.आजकल सिलीगुड़ी एक और धंधे के लिए चर्चा में है.यह धंधा है देह व्यापार का. हालांकि सिलीगुड़ी में देह व्यापार का धंधा कोई नया नहीं है. परंतु इन दिनों यह धंधा जोर पकड़ रहा है.

हाल ही में सिलीगुड़ी जंक्शन के एक होटल में पुलिस ने छापा मारा था. हालांकि होटल मैनेजर की चालाकी से पुलिस की योजना विफल हो गई थी. पुलिस हाथ मलती रह गई और लड़कियां गुप्त रास्ते से निकल गईं. 2 दिन बाद ही माटीगाड़ा के एक रिसॉर्ट पर पुलिस ने दबिश दी. सारी सूचनाएं सही पाई गई. लेकिन इसके बावजूद पुलिस को कोई खास सफलता नहीं मिली. यह एक रहस्य ही बना हुआ है कि आखिर पुलिस को खाली हाथ क्यों लौटना पड़ा.

सिलीगुड़ी के विभिन्न अपार्टमेंट में किराए के मकान में देह व्यापार कोई अजूबा नहीं है. पंजाबी पाड़ा, हाकिमपाड़ा, सेवक रोड, चंपा सारी, मल्लागुड़ी एनजेपी इत्यादि विभिन्न इलाकों में स्थित कुछ होटल, रिसोर्ट और फ्लैट में भी देह व्यापार होता है. पुलिस को इनके बारे में जानकारी रहती है. लेकिन कुछ ही मामलों में पुलिस रेड डालती है.

सूत्रों ने बताया कि सिलीगुड़ी में कुछ ऐसे संस्थान भी है, जिनके नाम कुछ और हैं. पर काम यहां कुछ और होता है. बड़े-बड़े बोर्ड लगे होते हैं. लेकिन भीतर का नजारा कुछ और होता है. यहां केवल विश्वसनीय ग्राहकों की ही पहुंच होती है. यहां लड़कियां कोलकाता, पटना, सिलीगुड़ी और सीमावर्ती राज्यों से आती हैं.

देह व्यापार के लिए पहले से ही बुकिंग हो जाती है. यह सारा खेल ऑनलाइन होता है. दलाल, लड़की, स्थान, सौदा व संरक्षक इन पांच तत्वों के बीच यह धंधा होता है. सिलीगुड़ी में दर्जनों ऐसे दलाल हैं, जो विभिन्न सेक्स रैकेट के लिए काम करते हैं. उन्हें मोटा कमीशन मिलता है. जो लड़कियां देह व्यापार के लिए आती हैं, उनसे सौदा दलाल ही तय करते हैं. लड़कियों के आने जाने का यात्रा खर्च के अलावा सौदे की लगभग 50% रकम दी जाती है. बाकी में दलाल, एजेंट और सूत्र शामिल होते हैं.

संरक्षक सिलीगुड़ी के विभिन्न रैकेट को प्रोटेक्शन देता है. पुलिस रेड मारती है तो संरक्षक ही लड़कियों व दलालों की जमानत कराता है. कुछ रसूखदार लोगों की छत्रछाया में यह धंधा फल फूल रहा है. पुलिस कभी भी ऐसे लोगों तक नहीं पहुंच पाती. इनके बारे में किसी को कुछ पता नहीं चलता. सूत्रों ने बताया कि सेवक रोड इलाके में एक प्रभावशाली हस्ती सिलीगुड़ी के दलालों तथा सैक्स रैकेट को संरक्षण देती है. इसके बदले में वह प्रत्येक रैकेट से 20 से 30 हजार मासिक प्रोटेक्शन शुल्क के रूप में वसूल करती है.

यहां रोजाना अनेक पर्यटक आते हैं, जो दार्जिलिंग, सिक्किम, कालिमपोंग, Dooars इलाकों में घूमने जाते हैं. ऐसे पर्यटकों के एंटरटेनमेंट के लिए सिलीगुड़ी के कुछ दलाल हमेशा तैयार रहते हैं. इन दलालों के सिलीगुड़ी और आसपास के विभिन्न होटल,लॉज रिजॉर्ट आदि से संबंध हैं. जैसे ही कोई टूरिस्ट होटल, लॉज, रिजॉर्ट आदि में बुकिंग कराता है, तो मैनेजर से टूरिस्ट की प्रारंभिक बातचीत और रुचि के अनुसार कार्यक्रम तय किया जाता है. होटल मैनेजर के पास लड़कियों की तस्वीरें होती हैं. पसंद आने पर होटल वाले दलाल को सूचना देते हैं. दलाल लड़कियों से चैट करता है. सौदा होता है. इस तरह से कार्यक्रम तैयार किया जाता है.

सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस मानती है कि देह व्यापार के धंधे में पुलिस को फूंक फूंक कर कदम रखना पड़ता है. पुलिस मानती है कि सिलीगुड़ी में कई संगठित गिरोह सक्रिय हैं, जो देह व्यापार के धंधे को चलाते हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि चंपासारी इलाके में मुकेश चौधरी उर्फ विराट का गिरोह काफी सक्रिय है. मुकेश चौधरी बिहार के पूर्णिया का रहने वाला है. रविंद्र नगर और पूर्वी बाईपास क्षेत्र में देवाशीष घोष एक सेक्स रैकेट चलाता है. ये वे नाम है जो पुलिस रिकॉर्ड में है.

सूत्र बताते हैं कि ऐसे सिलीगुड़ी में बहुत से रैकेट सक्रिय हैं. प्रत्येक रैकेट में कम से कम एक दर्जन लड़कियां इस धंधे में लगी हैं. अब सवाल है कि जब पुलिस को सब पता है तो ऐसे में पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं करती. लोगों की शिकायत रहती है कि पुलिस को बार-बार बताने के बाद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती.

हालांकि जब तक पुलिस के पास पक्की सूचना और शिकायत नहीं होती तब तक पुलिस ऐसे मामलों में जल्दबाजी नहीं करती है. दूसरे में कानून में इतने छेद हैं कि ऐसे मामलों में आमतौर पर ग्राहक और लड़कियों को जमानत मिल जाती है. इसलिए पुलिस बदनामी से भी बचना चाहती है. जो भी हो, अब समय आ गया है कि पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्ती बरतने की आवश्यकता है.

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