सिलीगुड़ी कई राज्यों और देशों की सीमा पर स्थित एक ऐसा शहर है, जहां नशे से लेकर स्वर्ण आभूषणों की तस्करी होती रही है. हालांकि वर्तमान में सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस और दूसरी खुफिया एजेंसियां तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है. और कहीं ना कहीं तस्करों की चेन को तोड़ने में जुटी हुई है. लेकिन इन सबके बावजूद ऐसी घटनाएं अक्सर ही सिलीगुड़ी अथवा उत्तर बंगाल के किसी न किसी स्थान में घटती रहती हैं!
इस बार पश्चिम बंगाल राजस्व खुफिया निदेशालय डीआरआई ने स्वर्ण तस्करों के सिंडिकेट का पता लगाकर लोगों को चकरा कर रख दिया है.क्योंकि जिस तरह से डीआरआई की टीम ने अलग-अलग जगहों पर स्वर्ण तस्करों को हिरासत में लिया है, उससे पता चलता है कि स्वर्ण तस्करी का कारोबार एक सिंडिकेट के तहत होता है और उसका केंद्र सिलीगुड़ी भी है.
पश्चिम बंगाल, सिलीगुड़ी डीआरआई की टीम ने 8 तस्करों को हिरासत में लेकर उनसे लगभग 14 करोड़ का सोना जप्त किया है. जिसका वजन 24.4 किलो है. डीआरआई के रहस्योद्घटन से यह भी पता चलता है कि बांग्लादेश से भारत में सोने की तस्करी होती रही है. बांग्लादेश, त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल में स्वर्ण तस्कर सिंडिकेट सक्रिय हैं. सिंडिकेट त्रिपुरा में भारत बांग्लादेश सीमा के जरिए तस्करी में लिप्त था.
इससे पहले सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में आए दिन छोटी मोटी स्वर्ण तस्करी की घटनाएं घटती रही हैं. पुलिस चाह कर भी सिंडिकेट को खंगाल नहीं पाई. लेकिन पहली बार खुफिया एजेंसियों को इतनी बड़ी सफलता हाथ लगी है. स्वर्ण तस्करी की आए दिन की घटनाओं ने राजस्व खुफिया निदेशालय को ऑपरेशन ईस्टर्न गेटवे के तहत अभियान चलाने को प्रेरित किया था. पहली बार राजस्व खुफिया निदेशालय ने इतने बड़े स्तर पर कामयाबी हासिल की है. और यह भी पता लगा लिया है कि स्वर्ण तस्करी के कारोबार में एक सिंडिकेट सक्रिय है.
सिंडिकेट का पर्दाफाश करने के लिए राजस्व खुफिया निदेशालय की अलग-अलग टीमें बनाई गई थी. डीआरआई की अलग-अलग टीम असम, त्रिपुरा और सिलीगुड़ी की सीमा पर तैनात थी. त्रिपुरा की डीआरआई टीम ने अगरतला में एक व्यक्ति को पकड़ा जो चार पहिए वाहन में घूम रहा था. उसके कब्जे से 2.25 किलोग्राम की दो स्वर्ण छड़े बरामद की गई, जिसकी कीमत 1.30 करोड़ रुपए बताई जा रही है. दालखोला में पकड़े गए स्वर्ण तस्कर असम के बदरपुर से सियालदह जाने वाली ट्रेन में यात्रा कर रहे थे. दालखोला रेलवे स्टेशन पर डीआरआई की टीम ने उन्हें धर दबोचा. उनके कब्जे से 18.66 किलोग्राम की 90 सोने की पट्टियां बरामद की गई!
असम के करीमगंज से सियालदह ट्रेन में यात्रा कर रहे 3 तस्करों को डीआरआई की टीम ने अपनी हिरासत में लेकर उनके कब्जे से दो करोड़ से ज्यादा मूल्य का 3.50 किलोग्राम सोना बरामद किया. सिलीगुड़ी की डीआरआई टीम ने चार तस्करों को अपनी हिरासत में लिया. इस तरह से राजस्व खुफिया निदेशालय ने सभी 8 तस्करों के कब्जे से 14 करोड़ का 24.4 किलो सोना बरामद किया और तस्करी के नेटवर्क का खुलासा किया.
स्वर्ण तस्कर इतने शातिर थे कि उन्होंने सोने की तस्करी के लिए सोने को पट्टियों में छुपा रखा था. इन पट्टियों को उन्होंने अपनी बेल्ट में लगाया था. लेकिन डीआरआई की टीम ने उनकी शातिराना चाल पर पानी फेर दिया. इतना बड़ा खुलासा होने के बाद खुफिया विभाग और पुलिस के लिए सिंडिकेट को नेस्तनाबूद करना आसान नहीं रह गया है. इसके लिए पुलिस महकमा के साथ- साथ खुफिया एजेंसियों को भी अपने अभियान में तकनीकी बदलाव करने होंगे. अन्यथा ऐसी घटनाएं भविष्य में भी होती रहे तो इसमें आश्चर्य नहीं करना चाहिए!