खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी… इस कविता को शायद कोई नहीं भूला सकेगा. खासकर लड़कियां जो रानी लक्ष्मीबाई बनने का सपना देखती हैं. रानी लक्ष्मीबाई बनने के लिए अपने भीतर साहस, संकल्प और मार्शल आर्ट का विकास करना जरूरी है. जिस तरह से वर्तमान समय में लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ रही है, ऐसे में ऐसी घटनाओं पर विराम लगाने के लिए जरूरी है कि लड़कियां शक्तिशाली बने और मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण प्राप्त करें ताकि कोई भी लड़का उनकी तरफ टेढी नजरों से घूरने का साहस न कर सके.
जिस तरह से झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अपने साहस, कौशल और हिम्मत से ब्रिटिश सरकार की नींद हराम कर रखी थी और दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिए थे, ठीक उसी तरह से सिलीगुड़ी की स्कूली छात्राओं को बहादुर और साहसी बनना होगा. स्कूली छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. ऐसे में मनचले लड़कों के होश उड़ाने के लिए उन्हें आत्मरक्षा के गुर भी सीखने होंगे. इसी विचार को लेकर सिलीगुड़ी में प्रोजेक्ट प्रहार शुरू किया गया है. माटीगाड़ा स्कूली बालिका हत्याकांड समेत फांसी देवा, नक्सलबाड़ी आदि इलाकों में पिछले दिनों महिलाओं पर हुए यौन उत्पीड़न और अत्याचार के बाद सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट ने यह अभियान शुरू किया है.
आज सिलीगुड़ी के नजदीक दागापुर स्थित सुरेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग मैनेजमेंट के तहत सिलीगड़ी पुलिस कमिश्नर आईपीएस सी सुधाकर के नेतृत्व में प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई. इस कार्यक्रम में 100 से ज्यादा लड़कियों ने भाग लिया था. उन्हें प्रशिक्षित ट्रेनर के द्वारा आत्मरक्षा के tips सिखाए जाएंगे. इस कार्यक्रम में श्री सुधाकर के अलावा एडीसीपी पूर्णिमा शेरपा, डीसी पी जय टुडू , सुवेंदु कुमार और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे. कार्यक्रम में श्री सुधाकर और अनिल राई ने प्रोजेक्ट प्रहार पर प्रकाश डाला और वर्तमान समय में लड़कियों के लिए इसकी जरूरत पर बल दिया.
आज प्रोजेक्ट प्रहार के पहले चरण की शुरुआत हो गई है. हालांकि सिलीगुड़ी के लिए यह कोई नया नहीं है. क्योंकि इससे पहले भी सिलीगुड़ी में महिला सशक्तिकरण और महिलाओं को बहादुर बनाने के प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जा चुके हैं. आपको याद होगा कि सिलीगुड़ी के पूर्व पुलिस कमिश्नर आईपीएस गौरव शर्मा ने भी कुछ इसी तरह का कार्यक्रम सिलीगुड़ी की बालिकाओं की सुरक्षा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू किया था. हालांकि बाद में वह बंद हो गया.
अब एक बार फिर से नए पुलिस कमिश्नर सी सुधाकर के नेतृत्व में प्रोजेक्ट प्रहार शुरू किया गया है. मार्शल आर्ट जैसे जूडो कराटे आदि में प्रशिक्षित होने के बाद लड़कियों के अंदर इतना आत्मविश्वास आ जाएगा कि वह बड़ी से बड़ी चुनौतियों का आसानी से मुकाबला कर सकेंगी. मनचले लड़कों से अकेले ही निपटने का हौसला रखेंगी. उन्हें ना तो पुलिस की मदद की जरूरत होगी और ना ही अभिभावकों के सहयोग की. सिलिगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट ने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर यह अभियान शुरू किया है.
आपको बता दूं कि पश्चिम बंगाल सरकार ने सर्व शिक्षा मिशन के तहत सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन की सहायता से यह अभियान शुरू किया है. सिलीगुड़ी में यह अभियान महिला थाना की आईसी मुमताज के नेतृत्व में चल रहा है. वक्ताओं ने कहा है कि लड़कियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के बाद समाज में ऐसी घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी. इतना ही नहीं लड़कियां अपने साथ-साथ जरूरतमंदों की भी मदद कर सकेंगी.