सिलीगुड़ी के निकट सालूगाड़ा बाजार में स्थित एक पब्लिक टॉयलेट से भक्ति नगर पुलिस ने जिस नवजात शिशु को बरामद किया है, उसे इस दुनिया में आए 2 दिन भी नहीं हुए हैं. शिशु के शरीर पर मिले निशान से यह भी पता चल गया है कि शिशु को अस्पताल से सीधा यहां लाया गया है और उसे ठिकाने लगाने के लिए पब्लिक टॉयलेट में छोड़ दिया गया है. गनीमत है कि भक्ति नगर पुलिस ने आनन फानन में कार्रवाई की है. अगर देर हो जाती तो पता नहीं क्या हो जाता! शिशु जीवित बरामद हुआ है.
सिलीगुड़ी के निकट सालूगाड़ा बाजार इलाके में निर्मित पब्लिक टॉयलेट में उस समय अफरा तफरी मच गई, जब टॉयलेट की सफाई करने आए एक सफाई कर्मी की नजर टॉयलेट में एक कोने में कपड़े में लपेट कर रखे एक शिशु पर पड़ी. शिशु काफी देर से रो रहा था. उसके रोने की आवाज सुनकर ही सफाई कर्मी कौतूहलवश उधर बढा था. सफाई कर्मी तुरंत ही शिशु की ओर लपका. फिर वह बाहर आकर इधर-उधर देखने लगा कि कहीं अनजाने में कोई व्यक्ति अपना बच्चा तो भूल नहीं गया है!
लेकिन बाहर उसे कोई नहीं नजर आया. ना स्त्री और ना ही पुरुष. इसके बाद सफाई कर्मी शिशु को संभालते हुए तुरंत ही इस बारे में वहां अन्य लोगों को जानकारी देने लगा. धीरे-धीरे यह बात चारों तरफ फैल गई. शिशु को देखने के लिए लोगों की भीड़ वहां जम गई. इस बीच भक्ति नगर पुलिस को मामले की सूचना दी गई तो बिना विलंब किए भक्ति नगर पुलिस मौके पर पहुंच गई. पुलिस ने शिशु को अपने कब्जे में लेकर अस्पताल भेज दिया और मामले की छानबीन शुरू कर दी है.
भक्ति नगर पुलिस ने शिशु के वारिस की तलाश शुरू कर दी है. सीसीटीवी फुटेज का सहारा लिया जा रहा है. इसके अलावा पुलिस टॉयलेट में शिशु के रखे जाने के समय तथा उस दौरान टॉयलेट में आए लोगों की पहचान करने के लिए स्टाफ तथा आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है. इसके साथ ही अस्पताल से भी संपर्क साधा जा रहा है ताकि यह पता चल सके कि अस्पताल से कोई शिशु लापता तो नहीं हुआ है. इससे पुलिस को शिशु के वारिस की भी जानकारी हो सकती है.
भक्ति नगर पुलिस इस बात की भी छानबीन कर रही है कि शिशु को टॉयलेट में रखकर जाने का क्या उद्देश्य हो सकता है. क्या यह किसी स्त्री का काम है या फिर इसके पीछे कुछ और मामला है. पुलिस ने इलाके में काम करने वाले कुछ संगठनों से भी संपर्क साधा है और उनसे सहयोग लेने का फैसला किया है. सालूगाड़ा बाजार और आसपास के इलाकों में लावारिस शिशु की चर्चा करते हुए लोग उसे ऐसे हाल में लाने वाले व्यक्ति को लानत भेज रहे हैं. इलाके में तनाव और सनसनी व्याप्त है.
लोग चर्चा कर रहे हैं कि यह शिशु को जन्म देने वाली मां का काम नहीं हो सकता है. क्योंकि मां कभी भी इतनी निष्ठुर नहीं हो सकती. हालांकि कुछ लोग कह रहे हैं कि यह किसी की अवैध संतान हो सकती है. इसलिए उसे ठिकाने लगाने के लिए ऐसा किया गया. जो भी हो, इसमें शिशु का क्या दोष! शिशु तो भगवान तुल्य है. माता-पिता या अन्य के अपराध की सजा शिशु को क्यों दिया जाना चाहिए! लोग जैसे एक दूसरे से सवाल कर रहे हैं.
वर्तमान में शिशु अस्पताल में डॉक्टरों की देखरेख में है. उसकी चिकित्सा चल रही है. अभी तक शिशु के वारिश का पता नहीं चल सका है. भक्ति नगर पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुलिस शिशु के वारिश का पता लगाने में जुट गई है और जल्द ही पुलिस नतीजे पर पहुंच जाएगी. आखिर शिशु को इस हाल में छोड़ने का मतलब क्या है और इसके पीछे स्त्री या पुरुष का उद्देश्य क्या था? पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस जल्द ही मुलजिम तक पहुंच सकेगी.
दीपावली और काली पूजा के बाद ऐसी घटना वाकई हैरान कर देने वाली है. हालांकि सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में पहले भी इस तरह की घटना घटी है. लेकिन यह घटना दूसरी घटनाओं के मुकाबले ज्यादा संवेदनशील और कलेजे को चीर कर रख देने वाली है . ऐसी घटनाएं इंसानियत को शर्मसार करती है और यह बताती है कि कलयुग में लोग कितने स्वार्थी होते जा रहे हैं, जहां दया, धर्म, ममता और इंसानियत को पैरों तले कुचला जा रहा है.