November 19, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी के प्रवीण को 1,80000 रु का कैसे लगा चूना!

सिलीगुड़ी के देशबंधुपाड़ा के रहने वाले प्रवीण को किसी ने फोन करके कहा, बेटा तुम्हारे पापा का फोन नहीं लग रहा है. मैं उनका दोस्त पवन बोल रहा हूं . राधेश्याम जी अच्छे तो हैं. ‘

नमस्ते अंकल! प्रवीण ने कहा, पापा की तबीयत अभी कुछ ठीक नहीं है.अस्पताल से आने के बाद वह घर पर ही रहते हैं. डॉक्टर ने अभी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से मना किया है. बताइए मैं क्या कर सकता हूं?

बहुत पहले तुम्हारे पिताजी ने मुझे काफी सहयोग किया था. उन्होंने मुझे ₹20000 दिए थे. अब मैं उनका पैसा लौटाना चाहता हूं. क्या मैं तुम्हारे नंबर पर फोन पे कर सकता हूं. अगर मैं नजदीक होता तो तुम्हारे घर पर आकर पैसे दे जाता और राधे श्याम जी को भी देख लेता. खैर भगवान से दुआ करता हूं कि जल्द से जल्द राधेश्याम जी अच्छे हो जाएं.

आप कहां से बोल रहे हैं अंकल? आप चाहे तो मुझे भी फोन पे कर सकते हैं.आप कहिए तो मैं पापा से आपकी बात करा दूं ?

मैं जयपुर से बोल रहा हूं.अभी राधेश्याम जी से बात करने की आवश्यकता नहीं है. अभी उन्हें आराम करने दो. फिलहाल मैं पैसे भेज रहा हूं. जल्द ही मिलने आऊंगा. तब तक वह काफी ठीक हो जाएंगे.

ठीक है अंकल. जैसा आप चाहे. कहकर प्रवीण ने फोन काट दिया. कुछ देर के बाद उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया. प्रवीण ने मैसेज पढ़ा. उस व्यक्ति ने ₹200000 फोन पे कर दिया था. प्रवीण को आश्चर्य हुआ. लेकिन उसी समय उस व्यक्ति का फोन आता है और वह कहता है, बेटा मुझसे एक बड़ी भूल हो गई है. तुम्हारे पापा को ₹20000 भेजने थे. लेकिन रकम टाइप करते समय एक शून्य ज्यादा लग गया और गलती से ₹200000 भेज दिया हूं. तुम ऐसा करो कि 180000 रुपए मुझे वापस भेज दो.

ठीक है अंकल. मैं आपको आपके बाकी पैसे वापस भेजता हूं. प्रवीण ने भी सोचा कि अमाउंट टाइप करने में इस तरह की भूल हो जाती है. लिहाजा उसने बिना सोचे विचारे और अपना अकाउंट चेक किए बगैर ₹20000 काटकर शेष 1 लाख 80 हजार उन्हें फोन पे कर दिया.

इसके दो दिन बाद जब प्रवीण बैंक पहुंचा तो पता चला कि उसके खाते में कोई रकम जमा नहीं की गई थी. उल्टे उसने अपने खाते से उक्त व्यक्ति को 180000 रुपए भेजे थे. उसका माथा ठनका. यह कैसे हो सकता है. प्रवीण ने बैंक मैनेजर को सारी बात बताई. बैंक मैनेजर ने कहा कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है.

इस तरह के साइबर फ्रॉड में आपके मोबाइल पर रकम का मैसेज आता है. लेकिन वास्तव में रकम आपके खाते में जमा नहीं होती है. अनेक लोग अपना बैलेंस चेक किए बगैर केवल मैसेज के आधार पर मान लेते हैं कि उनके खाते में रकम जमा कर दी गई है जबकि वास्तव में ऐसा होता ही नहीं है. इस तरह का साइबर फ्रॉड का नया तरीका है. दरअसल साइबर अपराधी बड़ी खूबसूरती के साथ मैसेज एडिट करके भेजते हैं, जिसका आपके खाते से कोई संबंध नहीं होता है.

बैंक मैनेजर की सलाह मानकर प्रवीण सिलीगुड़ी साइबर सेल पहुंचा और उसने पुलिस अधिकारी को सारी बात बताई. हालांकि प्रवीण का कंप्लेंट साइबर सेल में पंजीकृत कर लिया गया है और उसे आश्वासन दिया गया है कि पुलिस जांच पड़ताल करेगी. लेकिन इसके साथ ही पुलिस की ओर से भी प्रवीण को सलाह दी गई है कि अगर इस तरह का मैसेज मोबाइल पर आता है तो जब तक आप अपना खाता चेक नहीं करें, तब तक मैसेज पर कोई भरोसा ना करें.

जानकार मानते हैं कि मौजूदा समय में इस तरह का साइबर फ्रॉड ज्यादा हो रहा है. लोग दरअसल मोबाइल पर आए मैसेज पर भरोसा कर लेते हैं और छले जाते हैं. साइबर अपराधी कोई दूर के नहीं होते हैं. वह आपकी गतिविधियों पर नजर रखते हैं. आपके रिश्ते तलाशते हैं और फिर आपका शिकार करते हैं. यह काम बहुत सोच विचार कर और बड़े खूबसूरत तरीके से होता है. आप उन पर शक भी नहीं कर सकते. ऐसे में जब तक आप अपना खाता और बैलेंस चेक ना कर लें तब तक केवल मैसेज पर भरोसा ना करें. अन्यथा प्रवीण की तरह ही आपको पछताना पड़ सकता है. पीड़ित व्यक्ति के अनुरोध पर उनका नाम व स्थान का नाम कल्पित रखा गया है.

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