सोमवार की सुबह सिलीगुड़ी के प्रधान नगर थाना के सामने भारतीय जनता युवा मोर्चा, कुछ एजेंटों और लोगों की भारी भीड़ लगी थी. सभी थाना के सामने उग्र प्रदर्शन कर रहे थे और दीपक साहा से ग्राहकों के पैसे वापस दिलाने की मांग कर रहे थे. प्रदर्शनकारी ज्वेलरी कंपनी के नाम पर लूट और दोषी लोगों को कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे थे. प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना था कि मामा भांजे ने मिलकर लोगों की पूंजी लूट ली है. किसी तरह पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर वापस भेजा. कौन है दीपक साहा और उसके खिलाफ यह प्रदर्शन क्यों हो रहा था? आइए जानते हैं. पुलिस की प्रारंभिक तफ्तीश के आधार पर इस घटना की पृष्ठभूमि में यह कहानी कुछ इस प्रकार सामने आई है.
ईजी मनी का नशा सर चढ़कर बोलता है.अनेक युवा बगैर मेहनत और परिश्रम के बैठे-बिठाए लाखों कमाने के शॉर्टकट रास्ता तलाशते रहते हैं. लेकिन बड़े बुजुर्गों ने कहा है कि शॉर्टकट तरीका हमेशा ही आफत को न्योता देता है. प्रारंभ में भले ही शॉर्टकट तरीके से सफलता मिल जाए, परंतु अंततः उसका रास्ता सलाखों के द्वार तक ले जाता है!
कुछ ऐसी ही कहानी है दीपक कुमार साहा की. एक महत्वाकांक्षी युवक, जिसने कमाई के लिए एक ऐसा रास्ता चुना जो उसे सलाखों के द्वार तक ले गया. दीपक सिलीगुड़ी नगर निगम के वार्ड नंबर 47 के पार्षद अमर आनंद दास का भांजा है. उसने ठगी का एक नया धंधा शुरू किया. यह धंधा था ज्वेलरी कंपनी के जरिए लोगों के निवेश को हड़प लेने का. इस काम के लिए उसने कुछ महिला और पुरुष एजेंटों को आकर्षक कमीशन पर अपनी योजना में शामिल किया. सभी एजेंट आसपास अथवा परिचितों को ज्वेलरी कंपनी में निवेश के आकर्षक प्रलोभन देते थे.
खुद दीपक साहा अपने पार्षद मामा की अप्रोच का फायदा उठाते हुए लोगों को अपनी कंपनी में निवेश के लिए तैयार करता था. सिलीगुड़ी में उसने अपनी कंपनी के 2-2 ब्रांच खोल रखे थे. उसकी ज्वेलरी कंपनी का एक ब्रांच पायल सिनेमा हॉल के पास स्थित था जबकि उसकी दूसरी ब्रांच प्रधान नगर इलाके में स्थिति थी. 1 साल पहले दीपक साहा ने ज्वेलरी कंपनी के नाम पर एकत्रित पूंजी को समेट कर अपनी दोनों दुकानों को बंद कर दिया और सिलीगुड़ी से फरार हो गया.
इधर जिन लोगों ने दीपक की ज्वेलरी कंपनी में निवेश किया था, उनकी रकम की मैच्योरिटी होने पर वह सभी एजेंटों से पैसे की मांग करने लगे. एजेंट दीपक की तलाश में लग गए. जाहिर बात थी कि एजेंट अपनी जेब से तो कुछ देने वाले थे नहीं और जो देने वाला था वह फरार था. जब एजेंटों पर दबाव बढ़ा तो उन्होंने थाने में दीपक साहा के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी. बात आई-गई हो गई.
रविवार को अचानक दीपक साहा अपने पार्षद मामा से मिलने उनके घर आया. उसी समय दीपक साहा पर नजर जमाए कुछ एजेंटों ने प्रधान नगर पुलिस को सूचना दे दी. पुलिस तुरंत ही मौके पर पहुंच गई और दीपक को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उससे पूछताछ की तो पता चला कि इससे पहले भी वह ऐसी ही ठगी को अंजाम दे चुका है. उसने माल बाजार में कई लोगों के साथ ठगी की है. इस एवज में वह जेल भी जा चुका था. प्रधान नगर पुलिस ने दीपक के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज कर अदालत में प्रस्तुत किया. अदालत ने 5 दिनों के रिमांड में उसे पुलिस को सौंप दिया है. पुलिस मामले की विवेचना कर रही है
अब तक मिली जानकारी के अनुसार दीपक साहा एक शातिर ठग है. उसने कुछ वर्ष पहले सिलीगुड़ी के पूर्व पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा के साथ फोटो खिंचवाया था. ठगी के मामले में लोगों पर यकीन दिलाने के लिए इसका लाभ वह उठा रहा था. जब पुलिस कमिश्नर गौरव शर्मा को दीपक साहा की करतूतों का पता चला तो उन्होंने उसे गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया. इसके बाद वह भूमिगत हो गया. बाद में 1 साल पहले वह माल बाजार में ठगी के एक अन्य मामले में गिरफ्तार हुआ. इस तरह से दीपक साहा का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है.