सिलीगुड़ी को गोरखपुर से सीधा जोड़ने के लिए प्रस्तावित एक्सप्रेस वे के निर्माण की दिशा में प्रक्रिया यूं तो काफी पहले ही शुरू हो चुकी थी. परंतु जैसे-जैसे समय गुजर रहा है, वैसे वैसे कार्य में तेजी आती जा रही है. एक्सप्रेस वे के लिए सर्वे का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. 3 जिलों में सर्वे का काम पूरा हो चुका है. जबकि 5 जिलों में काम अंतिम चरण में पहुंच गया है.
उम्मीद की जा रही है कि इसी महीने यह काम पूरा हो जाएगा. उसके बाद भूमि अधिग्रहण का कार्य भी तुरंत शुरू हो जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स और सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार चरणबद्ध कार्य योजना निर्धारित लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रही है और समय पर पूरा कर लेने की मंत्रालय की तैयारी है. नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि सरकार की योजना अपने निर्धारित समय पर ही पूरा होगी.
वर्तमान में केंद्र सरकार पूरे देश में सड़कों का जाल बिछा देना चाहती है. इस समय देश में कई सड़क परियोजनाओं और ग्रीन एक्सप्रेस वे पर काम चल रहा है. कुछ तो पूरे हो चुके हैं और कुछ एक्सप्रेस वे इसी साल पूरे होने हैं. जहां तक सिलीगुड़ी गोरखपुर एक्सप्रेस वे का प्रश्न है, इसका निर्माण भारतमाला फेज दो के तहत किया जा रहा है. सूत्र बता रहे हैं कि बहुत जल्द यह योजना साकार होने वाली है.
किसी भी सड़क परियोजना में 80% भूमि अधिग्रहण के बाद टेंडर जारी होता है. आपको बताते चलें कि वर्तमान में सिलीगुड़ी से गोरखपुर जाने की कोई सीधी सड़क सेवा नहीं है. हालांकि सिलीगुड़ी से गोरखपुर के लिए निजी बस सेवा उपलब्ध है परंतु सीधा मार्ग नहीं होने के कारण सिलीगुड़ी से गोरखपुर जाने में कम से कम 12 से 14 घंटे का समय लग जाता है.
परंतु जब यह एक्सप्रेस वे तैयार हो जाएगा तो सिलीगुड़ी से गोरखपुर की दूरी लगभग आधी रह जाएगी यानी 6 से 7 घंटे में सिलीगुड़ी से गोरखपुर पहुंचा जा सकता है और सिलीगुड़ी से दिल्ली भी ज्यादा दूर नहीं होगा. जानकारों का मानना है कि सिलीगुड़ी से एक्सप्रेस वे के जरिए दिल्ली मात्र 12 से 15 घंटे में पहुंचा जा सकता है. इतने कम समय में राजधानी एक्सप्रेस भी दिल्ली नहीं पहुंच सकती, जितने कि कम समय में बस के द्वारा आप दिल्ली पहुंच सकते हैं.
एक्सप्रेस वे की कुल लंबाई 519 किलोमीटर है. इसमें 416 किलोमीटर का हिस्सा बिहार में आता है. इस तरह से यह एक्सप्रेसवे बंगाल, बिहार और यूपी के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होने जा रहा है.