महाकाल मंदिर तो लगभग सभी जगह हैं, सिलीगुड़ी, समतल में भी हैं और पहाड़ में भी. लेकिन सिलीगुड़ी में एक अनोखा अद्भुत और विशाल महाकाल मंदिर बनेगा और इसकी चर्चा इसलिए हो रही है कि इस मंदिर को बनवाने में स्वयं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहल कर रही हैं.
इससे पहले मुख्यमंत्री दीघा में भगवान जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करवा चुकी है. समझा जाता है कि उत्तर बंगाल में भी हिंदुओं तथा सनातनी लोगों को खुश करने के लिए मुख्यमंत्री ने यह रणनीति अपनाई है. ताकि लोग यह नहीं कह सकें कि उत्तर और दक्षिण बंगाल में किसी तरह का भेदभाव हो रहा है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहाड़ दौरे के अंतिम दिन दार्जिलिंग में संवाददाताओं से बात कर रही थीं. मुख्यमंत्री ने सिलीगुड़ी में भव्य महाकाल मंदिर के निर्माण की घोषणा करते हुए कहा कि महाकाल मंदिर में भगवान शिव की जो प्रतिमा स्थापित की जाएगी, वह देश की सबसे बड़ी प्रतिमा होगी. इसका मतलब यह है कि यह एक अद्भुत महाकाल मंदिर होगा, जिसका धार्मिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक महत्व होगा.
मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद आलोचक और राजनीतिक विश्लेषक उनकी दूरदर्शिता की चर्चा कर रहे हैं. जबकि राजनीतिक पंडित यह कह रहे हैं कि इसके जरिए उत्तर बंगाल के सनातनी लोगों को खुश करके उनका समर्थन हासिल करने की मुख्यमंत्री की सोची समझी रणनीति है.
सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी का तीन दिवसीय पहाड़ दौरा उनके मिजाज के लिए अनुकूल साबित हुआ. वह पहाड़ में लोगों से मिलकर अपनेपन का परिचय देती रही. उन्होंने यहां की जलवायु तथा प्रकृति का काफी आनंद उठाया. ममता बनर्जी कई अवसरों पर पैदल चलती रही और लोगों से भी बात करती रही.
उन्होंने दार्जिलिंग घूमने आए पर्यटकों से भी बात की तथा उनका हाल-चाल जाना. इसके अलावा उन्होंने बच्चों से भी बात की और दिलो दिमाग में ताजगी महसूस की है. आज मुख्यमंत्री ने रिचमंड हिल से पैदल ही वॉकिंग किया और रास्ते में लोगों से बातचीत करती रही.
ममता बनर्जी के करीबी मानते हैं कि ममता बनर्जी को पहाड़ खासकर दार्जिलिंग काफी अच्छा लगता है. उन्हें प्रकृति और पर्यावरण के साथ कदमताल करना अच्छा लगता है. वह प्रकृति से काफी सीखती है और जीवन में चरितार्थ करती हैं. उनके तीन दिवसीय पहाड़ दौरे के विभिन्न वीडियोज देखने के बाद स्पष्ट हो जाता है कि ममता बनर्जी एक प्रकृति प्रेमी भी है और उन्हें दार्जिलिंग से खास लगाव भी है.
बहरहाल मुख्यमंत्री की सिलीगुड़ी में भव्य और अनोखा महाकाल मंदिर बनाने की घोषणा के साथ ही सिलीगुड़ी के लोगों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है. सिलीगुड़ी के सनातनी लोग मुख्यमंत्री के फैसले से उत्साहित देख रहे हैं. जबकि पर्यटन व्यवसायी यह मान रहे हैं कि अगर मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा के अनुरूप यहां ऐतिहासिक महाकाल मंदिर बनवाया तो उत्तर बंगाल घूमने आए पर्यटकों के लिए भी यह एक आकर्षण होगा.